हाथरस : पूर्व एमएलसी डॉ. राकेश सिंह राना ने कहा है कि प्रधानमंत्री देश की हालत सुधारे जाने की बात तो करते हैं लेकिन किसानों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। आज सबसे ज्यादा किसान परेशान हैं। किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य नहीं मिल रहा है। यदि हकीकत में किसानों की हालत को सुधारना है तो उसकी फसल को खरीद उसका निर्यात किया जाए। साथ ही खाद, बिजली, बीज पर किसानों को अन्य देशों की भांति सब्सिडी दी जाए।
डॉ.राना इतवार को पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज केंद्र सरकार जीएसटी पर सबसे ज्यादा जोर दे रही है। इससे आम आदमी की हालत सुधर जाएगी। किसी पर यदि दो प्रतिशत टैक्स कम हुआ है तो किसी पर दो प्रतिशत बढ़ा है।
एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि आज केंद्र व प्रदेश की सरकार किसानों को बेवकूफ बना रही है। तीन साल पहले बाजरा 1300 रुपये प्रति कुंतल था, मूंग सात हजार रुपये। आज आलू किसानों को तो आलू के दाम ही नहीं मिल रहे हैं। बाजरा सात सौ रुपये व मूंग 34 सौ रुपये प्रति कुंतल है।
श्री राना ने कहा कि भाजपा नेताओं व प्रधानमंत्री ने एलान किया था कि सरकार आते ही किसानों का कर्ज माफ होगा। आज सरकार को बने तीन माह हो गए किसानों का कर्ज तक माफ नहीं हुआ है।
डॉ. राकेश सिंह राना ने कहा कि आज कर्ज माफी किसानों की समस्या का निदान नहीं है, बल्कि उनकी फसल का सही मूल्य मिलना ही बेहतर निदान है।
उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल किया कि वह बड़े धन्नासेठों का छह लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर सकती है, लेकिन किसान जो इस देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है उसका कर्ज़ माफ करने में उसे दिक्कत है।
डॉ. राना ने कहा कि हर बात में अमरीका की नकल करने वाली सरकार किसानों को सब्सिडी के मामले में अमरीका की नकल करने को राजी नहीं है। उन्होंने कहा कि जबसे मोदी सरकार सत्ता में आई है, किसानों का जीना दूभर हो गया है और किसानोंकी आत्महत्या मेंबेतहाशा वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा की क्रूरता का आलम यह है कि उसके बड़े नेता आत्महत्या करने वाले किसानों को शराबी, नपुंसक और पागल कहने से भी परहेज नहीं करते।
डॉ. राकेश सिंह राना ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार ने किसानों की समस्याओं का निदान शीघ्र न किया तो वह किसानों को जागरूक करते हुए लामबंद करेंगे ताकि किसानों की समस्याओं का निदान हो सके।