वस्तु और सेवाकर (GST) परिषद ने 29 वस्तुओं और 53 श्रेणी की सेवाओं पर जीएसटी दर घटाकर इसके निचले स्तर पर कर दिया है। नई दरें आगामी 25 जनवरी से लागू होंगीं।
सिलाई सेवाओं पर जीएसटी दर 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई है तथा थीम पार्को, जल पार्को, आनन्द सवारी, मनोरंजन, नृत्य-नाटक पर जीएसटी दर घटाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है। मेट्रो तथा मोनो रेल परियोजनाओं के निर्माण पर जीएसटी दर 18 से घटाकर 12 प्रतिशत कर दी गई है। इसके अलावा चमड़े की वस्तुओं तथा जूतों के निर्माण के लिए जॉब वर्क सेवा की दर में कमी कर 5 प्रतिशत कर दी गई है। पेट्रोलियम उत्पादों और कच्चे तेल के परिवहन पर जीएसटी दर 18 से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई है। लेकिन इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा। हालांकि इसका लाभ लेने पर कर दर 12 प्रतिशत होगी।
सामान्य प्रदूषण उपचार संयंत्र सेवाओं पर जीएसटी दर घटाकर 12 प्रतिशत की गई है।
जीएसटी परिषद ने फीफा अंडर 20 विश्वकप की सेवाओं और उसको दी जाने वाली सेवाओं को कर से छूट दी है।
परिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि फिटमेंट कमेटी ने जीएसटी परिषद को इसकी सिफारिश की थी।
श्री जेटली ने कहा कि तीन तरह की जीएसटी विवरणी को मिलाकर केवल एक विवरणी करने पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि नंदन नीलेकणि ने विवरणी दाखिल करने की प्रक्रिया पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
ये एक नई प्रक्रिया सेस से डिस्कस हो रहा है और अगर सप्लायर्स इनवॉइस के माध्यम से जो डिटेल्स आपको कैप्चर करनी आ जाती है। सप्लायर का और बायर के बीच में जो अंतर है वो गैप नेरोटाउन कर जाता है। तो फिर काफी और फॉरमेलिटिज़ अनावश्यक हो जाएंगी।
श्री जेटली ने बताया कि परिषद ने पहली फरवरी से ई-वे बिल प्रणाली लागू करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
उन्होंने कहा कि व्यापारियों को इसके लागू हो जाने पर ई-वे बिल को नेटवर्क पर अपलोड करना अनिवार्य हो जायेगा। नई प्रणाली 50 हजार रूपये से अधिक मूल्य की वस्तुओं को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने पर लागू होगी। उन्होंने कहा कि 15 राज्यों ने इस प्रणाली को लागू करने का निर्णय ले लिया है।
जीएसटी परिषद द्वारा कल अपनी 25वीं बैठक में निम्नलिखित नीतिगत बदलावों की अनुशंसा की गई है :
फॉर्म जीएसटीआर-1 (आपूर्ति विवरण), फॉर्म जीएसटीआर- 5 (अनिवासी टैक्स योग्य व्यक्ति) अथवा फॉर्म जीएसटीआर- 5ए (ओआईडीएआर) दाखिल करने में विफल रहने पर किसी भी पंजीकृत व्यक्ति द्वारा देय विलंब शुल्क को घटाकर 50 रुपये प्रति दिन किया जा रहा है और यह कोई भी फॉर्म दाखिल न करने वालों के लिए 20 रुपये प्रति दिन होगा। फॉर्म जीएसटीआर- 6 (इनपुट सेवा वितरक) दाखिल करने में विफल रहने पर देय विलंब शुल्क 50 रुपये प्रति दिन होगा।
स्वैच्छिक पंजीकरण प्राप्त करने वाले कर योग्य लोगों को अब पंजीकरण की प्रभावी तिथि के बाद एक वर्ष की समाप्ति से पहले भी पंजीकरण रद्द करने के लिए आवेदन करने की अनुमति होगी।
जीएसटी प्रणाली अपनाने वाले करदाताओं के लिए पंजीकरण रद्द करने हेतु फॉर्म जीएसटी आरईजी-29 दाखिल करने की अंतिम तिथि तीन माह और बढ़ाकर 31 मार्च 2018 की जा रही है।
ई-वे बिल सृजित, संशोधन एवं रद्द करने की सुविधा प्रायोगिक आधार पर nic.in पोर्टल पर मुहैया कराई जा रही है। इस व्यवस्था के पूरी तरह परिचालन में आ जाने पर ई-वे बिल प्रणाली ewaybillgst.gov.in पोर्टल पर काम करना शुरू कर देगी।
ई-वे बिल से संबंधित नियमों में कुछ विशेष संशोधन किए जा रहे हैं। इन नियमों को 1 फरवरी, 2018 से वस्तुओं की अंतर-राज्य आवाजाही के लिए देशभर में अधिसूचित किया जाना है। इसी तरह एक विशेष तिथि से राज्य के भीतर वस्तुओं की आवाजाही के लिए भी इन्हें अधिसूचित किया जाना है, जिसकी घोषणा प्रत्येक राज्य द्वारा अलग-अलग की जाएगी, लेकिन यह तिथि 1 जून 2018 से आगे नहीं जाएगी।
हस्तशिल्प पर गठित समिति द्वारा पेश की गई रिपोर्ट और सिफारिशों को भी जीएसटी परिषद द्वारा स्वीकार कर लिया गया।