हाइलाइट्स
प्रो.भीमसिंह ने प्रधानमंत्री द्वारा संसद (राज्य सभा) में भूतपूर्व नेताओं के खिलाफ प्रयोग की गयी भाषा पर भी आश्चर्य प्रकट किया। इसमें कोई शक नहीं कि विपक्ष के सांसदों ने मोदी सरकार को प्रजातंत्र की अवमानना करने और ऐसी बनावटी सुंदर तस्वीर पेश करने के लिए निशाना बनाया है, जो सच्चाई से बिल्कुल परे है।
नई दिल्ली। नेशनल पैंथर्स पार्टी के मुख्य संरक्षक और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रो.भीमसिंह ने सत्तारूढ़ दल के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद में राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव भाषण के दौरान यह कहे जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया कि ‘कांग्रेस मुक्त भारत‘ की बात उन्होंने नहीं बल्कि महात्मा गांधी ने कही थी।
प्रो.भीमसिंह ने प्रधानमंत्री द्वारा संसद (राज्य सभा) में भूतपूर्व नेताओं के खिलाफ प्रयोग की गयी भाषा पर भी आश्चर्य प्रकट किया। इसमें कोई शक नहीं कि विपक्ष के सांसदों ने मोदी सरकार को प्रजातंत्र की अवमानना करने और ऐसी बनावटी सुंदर तस्वीर पेश करने के लिए निशाना बनाया है, जो सच्चाई से बिल्कुल परे है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में लगभग पन्द्रह वर्ष तक जानेमाने विधायक रहने वाले प्रो.भीमसिंह ने विशेषतौर पर कांग्रेस के खिलाफ इस्तेमाल किए गए शब्दों पर आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह बात लोकतंत्र में बड़े होने वाले किसी भी प्रजातंत्र पसंद सांसद को हजम नहीं होगी। उन्होंने जीवित होते हुए भी मृत हो चुके और प्रधानमंत्री को जवाब न देने वाले लोगों पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री राजनीतिक कारणों से संसद के पटल से किसी को निशाना नहीं बना सकते। उस राजनीतिक नेता को निशाना बनाना गलत है जो स्वयं का बचाव करने के लिए जीवित नहीं है।
पैंथर्स पार्टी के संस्थापक और राजनीतिक नेता भीमसिंह ने कहा कि वर्तमान प्रधानमंत्री द्वारा संसद से ऐसे नेताओं को निशाना बनाना गलत है, जिन्होंने देश की छवि बेहतर बनाने के लिए बहुमूल्य योगदान दिये हैं और जिन्हें सम्मान दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि वर्तमान प्रधानमंत्री और जानेमाने राजनीतिक और जानेमाने व्यक्ति ने कांग्रेस के वर्षों तक देश की सेवा करने वाले नेताओं के खिलाफ नापसंदीदा और अस्वीकार्य शब्द इस्तेमाल किये।
प्रो.भीमसिंह ने राज्यसभा के प्रेजाइडिंग आफिसर से आग्रह किया कि वे प्रधानमंत्री और अन्य भाजपा सांसदों द्वारा पूर्व प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रीय नेताओं के खिलाफ इस्तेमाल किए गए शब्दों को रिकार्ड से डिलीट कर दें।