छात्र संघ की बहाली की मांग को लेकर आज पांचवा दिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्र संघ की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को धक्का देते हुए प्रशासनिक भवन से बाहर निकाला
राजेश सारथी
वर्धा, 11 सितंबर।
हिंदी विश्वविद्यालय में पिछले साल छात्र संघ की मांग को लेकर विभिन्न छात्र संगठनों के द्वारा आंदोलन किया गया था. प्रशासन आंदोलनरत छात्रों को शांत करने के लिए तथा छात्र संघ की मांग को कमजोर करने के लिए मौखिक तौर पर आश्वस्त करता रहा कि इस वर्ष छात्रसंघ चुनाव करवाना संभव नहीं है. इसलिए अगले वर्ष सितंबर माह में छात्र संघ का चुनाव निश्चित होगा. इसके लिए छात्रों से छात्र संघ चुनाव से संबंधित सुझाव भी मांगे गए थे. जिससे विभिन्न छात्र संगठनों में छात्रसंघ का प्रारूप बनाकर विश्वविद्यालय के समक्ष प्रस्तुत किया.
कुलपति के आश्वासन के बाद उस वक्त छात्रों ने अपना आंदोलन वापस वापस ले लिया था.
पुनः इस वर्ष छात्रों ने छात्र संघ की मांगों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन से जवाब मांगा तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने ढुल-मुल रवैया अपनाते हुए कोई सार्थक जवाब नहीं दिया. तो विभिन्न छात्र संगठन जिसमें आइसा, ए.आइ.एस.एफ. अन्य छात्र संगठन एक साथ मिलकर लगातार 5 दिन से छात्र संघ की मांग को लेकर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के अंदर आंदोलनरत थे. परंतु आज सुबह आंदोलनरत छात्रों को बल प्रयोग करते हुए विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन से बाहर खदेड़ दिया गया.
अब आंदोलनरत छात्र प्रशासनिक भवन के बाहर बैक छात्र संघ बहाल की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं.
विश्वविद्यालय प्रशासन आंदोलन में छात्रों को शांत कराने के लिए तथा छात्र संघ की मांगों को कमजोर करने के लिए रोज नए-नए हथकंडे अपना रहा है. आंदोलनरत छात्रों पर उनके विभाग तथा प्रशासन के लोगों द्वारा विभिन्न प्रकार से धमकियां दी जा रही हैं.
धरना पिछले 5 दिनों से लगातार जारी है तथा विश्वविद्यालय प्रशासन चुनाव कराने के लिए आवश्यक तैयारियां जैसे चुनाव समिति संविधान आदि तैयार कर चुका है परंतु पूर्व में दिए गए आश्वासन से भाग रहा है. लगातार बहानेबाजी करने तथा छात्र संघ चुनाव टालने में लगा हुआ है.
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