महान क्रांतिकारी कम्युनिस्ट नेता सरजू पांडेय का आज जन्मदिन है
#जन्म जयंती #आज भी प्रासंगिक हैं स्व. सरजू पांडेय !
डॉ. भानु प्रकाश पांडेय
DrBhanu Prakash Pandey
आज मेरे पिता जी की जन्म-जयंती है ! एक साधारण व्यक्ति होते हुए भी वो अदभुत रूप से असाधारण थे !
बाबूजी ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे जिन पर अंग्रेज़ों ने कोई धारा न छोड़ी जो न लगायी हो ! चार बार लगातार कम्युनिस्ट सांसद रहे और गरीबों और मज़लूमों को बोलने की ताकत का अहसास दिलाया !
सन 1975 का ज़माना था.. इमरजेंसी लग चुकी थी, पूरे देश में काँग्रेस विरोधियों में अफरा-तफरी थी और धर-पकड़ शुरू हो चुकी थी। गाज़ीपुर भी इमरजेंसी की इस ज़्यादती से न बचा था।
मेरे बाबूजी गाज़ीपुर के चौथी बार लगातार हुए सांसद थे। गाज़ीपुर के मिश्र बाजार में दो बनिया भाई रहते थे जिनकी बाल्टी की और उसकी मरम्मत की दुकानें थीं। दोनों भाई खाटी आरएसएस के तिलकधारी और टोपीधारी सदस्य थे। दोनों भाइयों को एक दिन कोतवाल ने ले जाकर कोतवाली में बंद कर दिया था।
उनके परिवार में कोहराम मच गया और इनकी औरतों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। ये लोग हमारे घर पर आ गए तो मेरी माता जी ने उन्हें ढाँढस बंधाया।
बाबूजी शाम को अपने क्षेत्र के दौरे से आए तो उन्होंने बिना एक पल गँवाए पानी तक नहीं पिया और इन परिवारों को लेकर सीधे कोतवाली गए और कोतवाल से इन दोनों संघियों को छोड़ने के लिए कहा ...तो कोतवाल बोला “सर ऊपर से आदेश है कि ऐसे लोगों को जेल में डालो !”
बाबू जी ने कोतवाल को कहा, “ये सब मेरा परिवार हैं इन्हें रिहा करो नहीं तो कोतवाली में आग लगा दी जाएगी और जिसने भी तुम्हें ये आदेश दिया उन्हें मेरा ये सन्देश दे दो !”
बाबूजी का ये रूप देख कर कोतवाल ने एसपी गाज़ीपुर को फ़ोन कर सब बातें बताईं तो एसपी गाज़ीपुर ने कोतवाल को कहा “ये सरजू पांडेय हैं जो अपने आप में एक फैसला हैं उन संघी भाइयों को रिहा करो नहीं तो ये इमरजेंसी तुम्हारे ऊपर ही लगा देंगे!!!”
दोनों भाई रिहा हुए उनके परिवारों की आँखों में ख़ुशी के आंसू छलके और मेरे बाबूजी के होंठो पर आयी मुस्कान !
आज की तारीख बदली हुई है और नफरतों से भरी हुई है आज ये संघी कम्युनिस्टों को देशद्रोही कहते हैं ....! जबकि मेरे देश को मेरे बाबूजी की ज़रूरत आज भी है वो भी पहले से ज़्यादा !!
बाबूजी आपके कृत्य और आप अमर हैं !
बाबूजी मैं तो रोज़ आपको मिस करता हूँ !
#एक अनोखा कामरेड सरजू पांडेय !!!
#पुष्पांजलि बाबूजी को !!!
#आज ही स्व.इंदिरा गाँधी जी की भी जयंती है बाबूजी और इंदिरा जी में वैचारिक मतभेद थे, लेकिन आजीवन दोनों एक दूसरे का सम्मान करते रहे !
प्रियदर्शनी जी को अनंत नमन !
नीचे चित्र में बाबूजी इंदिरा जी के साथ !

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