डीबी लाइव
नोएडा एसटीएफ ने एक ऐसे गिरोह का भंड़ाफोड़ करने का दावा किया है जो लोगों को इंटरनेट पर कमाई का झांसा देकर उनसे मोटी रकम वसूल रहा था।
हैरानी की बात यह है कि इस कंपनी के ग्राहकों की संख्या 100-200 या फिर 1000-2000 नहीं, बल्कि साढ़े 6 लाख है।
स्पेशल टास्क फोर्स ने नोएडा की इस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कंपनी के निदेशक, सीईओ और तकनीकी प्रमुख को गिरफ्तार कर इनके बैंक खाते मे जमा करीब पांच सौ करोड़ से अधिक रुपये फ्रीज कराए हैं।
एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि एब्लेज इंफो सॉल्यूशंस नाम की कंपनी सेक्टर-63 में अपना ऑफिस है और इस कंपनी ने निवेशकों से मल्टी लेवल मार्केटिंग के जरिए डिजिटल मार्केटिंग के नाम पर एक बड़ी ठगी को अंजाम दिया है।
उन्होंने बताया कि डिजिटल मार्केटिंग के नाम पर 3700 करोड़ रुपये का घोटाला है। 5000 से लेकर 50 हज़ार में मेंबरशिप अमित पाठक ने बताया कि कंपनी में सोशल ट्रेड डॉट बिज के नाम से सोशल पोर्टल बनाकर मल्टी लेवल मार्केटिंग के जरिए लोगों सदस्य बनाया गया. इसकी सदस्यता 5000 रुपये से शुरू होकर 50 हजार रुपये तक की थी। इसमें 10 फीसदी टैक्स और 5 फीसदी फाइलिंग चार्ज अलग से वसूला जाता था। यानी 5 हज़ार की सदस्यता 5750 रुपये की होती थी। सदस्यता के हिसाब से इंटकनेट पर लाइक क्लिक करने को मिलते थे। 5 हज़ार पर 10 लाइक रोजाना और 50 हज़ार पर 100 लाइक। 100 लाइक पर 25 लाइक बोनस के तौर पर मिलते थे। यानी 50 हज़ार की सदस्यता पर रोजाना 125 लाइक करने पर 625 रुपये आपके खाते में जमा हो जाएंगे, लेकिन इस 625 रुपये पर भी 15 फीसदी टैक्स आदि कटने के बाद हर सप्ताह सदस्य का हिसाब किया जाता है।
6.5 लाख सदस्य अगर आप 2 अन्य सदस्य बनाते हैं तो आप बूस्टर एक्टिव हो जाएंगे। इसमें 125 लाइक और आपके खाते में जुड़ जाएंगे। टास्क फोर्स को अपनी कार्रवाई में कंपनी के कार्यालय से 6.30 लाख लोगों के फोन नंबर डाटाबेस में मिले हैं और 9 लाख लोगों के पहचान पत्र बरामद किए गए हैं।
कंपनी के गिरफ्तार अधिकारियों में निदेशक अनुभव मित्तल, सीईओ श्रीधर प्रसाद और तकनीकी प्रमुख महेश शामिल हैं।
एसटीएफ ने बताया कि ये लोग खुद ही फर्जी कंपनियों के विज्ञापन तैयार करके पोर्टल पर डालते थे और सदस्य से ली रकम को ही सदस्यों में बांटते थे। सरकारी जांच एजेंसियों से बचने के लिए यह कंपनी एक माह से लगातार नाम बदल रही थी। पहले सोशल ट्रेड विज, फिर फ्री हब डॉटकाम से फेंजअप डॉट कॉम, इंटमार्ट डॉट कॉम और थ्री डब्ल्यू डॉट कॉम के नाम से यह कंपनी लोगों से धोखाधड़ी कर रही थी।
उधर, कंपनी के निदेशक अनुभव मित्तल का कहना है कि उन्होंने कोई घपला नहीं किया है. सारा हिसाब-किताब ऑनलाइन रिकॉर्ड में है और उनके इस लेन-देन का पूरा टैक्स सरकार को भरा जाता है तथा मुनाफे को सदस्यों में बांटा जाता है. कोई भी चीज छिपी हुई नहीं है....फिलहाल मामले की जांच जारी है...
देखते रहिए, डीबी लाइव