इक गढ़े सच पर अंधा राष्ट्र चल रहा है.. भक्त सोचते हैं देश बदल रहा है ओ इतिहास पर पलने वाली दीमकों.. बस भी करो.. अब छिजी हुई भारतीयता में संस्कृति की नंगी टाँग.. साफ़ नज़र आ रही है.. लाचार इतिहास की छातियों पर बने तुम्हारे पपड़ीदार बमौटो ( दीमको के घर) में छिपे सिवाहीयों ( लम्बे सर वाली दीमक …
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