लोकतंत्र (Democracy) में ऐसी व्यवस्था है कि देश की दशा और दिशा संसद से तय होती है। इसका मतलब है कि देश के उत्थान (Uplift of the country) के लिए संसद में अच्छी छवि के सांसद पहुंचने चाहिए। इन लोगों के क्रियाकलाप ऐसे हों जिनसे जनता प्रेरणा ले, क्योंकि इन लोगों को जनता चुनकर भेजती है तो इनका हर कदम …
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मॉब लिंचिंग के शिकार तबरेज़ अंसारी को श्रद्धांजलि देने पर योगीराज में रोक
शांतिपूर्ण आयोजन पर रोक तानाशाही मॉब लिंचिंग को लेकर राष्ट्रपति को भेजा गया पांच सूत्री ज्ञापन डुमरियागंज (उत्तर प्रदेश) 01 जुलाई 2019. झारखंड में तबरेज़ अंसारी की भीड़ द्वारा की गयी हत्या (Murder by the mob of Tabrez Ansari in Jharkhand) को उत्तर प्रदेश के डुमरियागंज में आयोजित कैंडल मार्च को पुलिस-प्रशासन ने रोक दिया. उपजिलाधिकारी ने कहा कि किसी …
Read More »एक पूर्वाग्रह-ग्रस्त अव्यवस्थित विचार-बुद्धि के उदाहरण राम चंद्र गुहा
आज के टेलिग्राफ़ में रामचंद्र गुहा का लेख (Ramchandra Guha’s article in the Telegraph) है – ‘शाश्वत बुद्धिमत्ता’ (Timeless Wisdom)। इस लेख के मूल में है 14 वीं सदी के अरबी विद्वान इब्न खल्दुन का एक कथन (statement of Ibn Khaldun) जिसमें वे कहते हैं कि ‘राजनीतिक वंश परंपरा में तीसरी पीढ़ी के आगे तक राजनीतिक प्रभाव और साख नहीं …
Read More »भारत में लोकतंत्र का भविष्य
देश के उदारवादी तबके के बुद्धिजीवी और प्रगतिशील लोगों के साथ साथ आमजनों का भी बहुत बड़ा तबका है जो भारत में लोकतंत्र के भविष्य (future of democracy in India) को लेकर चिंतित है। लोकतंत्र, जिसे स्वतंत्रता के 67 वर्षों में मात्र कुछ माह को छोड़कर हमारे देश के उदारशील प्रगतिवादी तबके (Liberal progressive sects) ने, राजभारत में लोकतंत्र का …
Read More »मोदी की स्तरहीन भाषा : कुरुक्षेत्र से लोकतंत्र के खिलाफ मोदी की जंग का ऐलान
मोदी की सवर्ण परस्ती से पैदा हुये लोकतंत्र के ढांचे के विस्फोटित होने लायक हालात! सत्रहवीं लोकसभा का चुनाव समापन की ओर अग्रसर है. अब इसके सिर्फ दो चरण बाकी रह गए हैं. इस बीच पक्ष – विपक्ष बदजुबानी जंग पर उतारू हो आया है. इनमें मोदी जिस तरह की स्तरहीन भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, उससे पूरा देश …
Read More »राष्ट्रवाद की धारणा लोकतन्त्र के आस्तित्व के लिये घातक है : प्रो0 जगदीश्वर
लोकतन्त्र बचाना है तो व्यक्ति के चरित्र को गिरने से बचाना होगा – प्रो0 जगदीश्वर भूपिन्दर पाल सिंह बाराबंकी, 04 नवंबर। देश के प्रखर साहित्यकार व स्तम्भकार प्रो0 जगदीश्वर चतुर्वेदी ने कहा है कि लोकतन्त्र की मजबूती व उसकी सुरक्षा जनता के अधिकारों की सुरक्षा पर निर्भर है। लोकतन्त्र बचाना है तो व्यक्ति के चरित्र को गिरने से बचाना होगा। …
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