ऐसा इसलिए क्योंकि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर से विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा (UP CM Yogi Adityanath announcement to contest assembly elections from Gorakhpur) के बाद से लगातार खबरें आ रही हैं कि अबसमाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav) भी यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की जंग में कूद पड़ेंगे.
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कहाँ से चुनावलड़ेंगे अखिलेश यादव?
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पहले अखिलेश के आजमगढ़ से चुनाव लड़ने की चर्चा थी. लेकिन अब कुछ और सीटों की भी चर्चा शुरू हो गई है, क्योंकि अखिलेश ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि वह योगी जी से पहले चुनाव लड़ सकते हैं.
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छठे चरण मेंहै गोरखपुर में मतदान
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आपको बता दें कि गोरखपुर में छठे चरण में मतदान होगा, जबकि आजमगढ़ में सातवें और आखिरी चरण में मतदान होगा. तो इसका मतलब यह भी है कि अखिलेश पांचवें चरण में किसी भी सीट से चुनाव लड़ेंगे।
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खैर, यह जल्द ही पता चलेगा कि अखिलेश विधायक बनने के लिए कहां से उतरेंगे?
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लेकिन अगर सपा को यह कवायद करनी ही है, यानी अखिलेश के लिए सुरक्षित सीट की तलाश चल रही है, तो इसका क्या मतलब होना चाहिए?
क्या अखिलेश अब भाजपा के दबाव में हैं?| Is Akhilesh now under pressure from the BJP?
वैसे भी पिछले दो दिनों में भाजपा ने न सिर्फ सपा में बल्कि सीधे यादव खानदान में सेंध लगाई है. मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा बिष्ट यादव पहले भाजपा में गईं, अब उनके ससुर यानी प्रमोद गुप्ता भाजपा में गए.
इसके साथ ही भाजपा ने कांग्रेस की पोस्टर गर्ल प्रियंका मौर्य को भी भगवा रंग में रंग दिया।
दो दिनों की यह रफ्तार बता रही है कि भाजपा में अमित शाह की रणनीति अब असर दिखा रही है. संभव है कि आने वाले समय में भाजपा विरोधी पार्टियों को कुछ और बड़े झटके लगे।
तो क्या भाजपा के इस दबाव के असर से बदलेगी यूपी चुनाव की तस्वीर?
क्या अखिलेश यादव अपने परिवार के टूटने के बावजूद मतदाताओं को जोड़ पाएंगे?
क्या प्रियंका मौर्य के जाने से कांग्रेस के लड़की हूं लड़ सकती हूं कैंपेन पर कोई फर्क पड़ेगा?
आज चर्चा में भाग ले रहे हैं: 1. जयशंकर गुप्ता (देशबंधु के कार्यकारी संपादक) 2. प्रो. रविकांत (लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर) 3. पीयूष पंत (वरिष्ठ पत्रकार) 4. अमलेंदु उपाध्याय (ऑनलाइन संपादक-देशबंधु)