2.25 lakh Delhiites will vote for clean air : URJA
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नई दिल्ली, 31 जनवरी 2020 : आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक अभियान के साथ URJA (यूनाइटेड रेजिडेंट्स ज्वाइंट एक्शन), दिल्ली के आवासीय कल्याण संघों के शीर्ष निकाय, साफ़ हवा, पानी और कचरा प्रबंधन के लिए दिल्ली के राजनीतिक दलों को 'पीपुल्स ग्रीन मेनिफेस्टो' के रूप में 10 सार्वजनिक मांगों के अपने अभियान को एक अंतिम चरण पर पहुंचा चुके है।
दो लाख से ज्यादा नागरिकों के हस्ताक्षर - Signatures of more than two lakh citizens
ऊर्जा (URJA), माई राइट टू ब्रीथ (My Right to Breathe) और चिंतन जैसे नागरिक नेतृत्व समूहों ने राष्ट्रीय राजधानी में 30 विधानसभा क्षेत्रों से संपर्क किया है और 225,000 दिल्लीवासियों से हस्ताक्षर एकत्र किए हैं, जो साफ़ हवा के लिए फौरी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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यह हस्ताक्षर पिछले दो महीनों में शहर भर के स्वयंसेवकों द्वारा ऑनलाइन याचिकाओं और प्रतिज्ञाओं के रूप में एकत्र किए गए हैं।
ऊर्जा (URJA) के अध्यक्ष अतुल गोयल, कहते हैं-
"हस्ताक्षरों की संख्या यह साबित करती है कि दिल्लीवासी जिस जहरीली हवा और वातावरण में रह रहे हैं, उसके बारे में चिंतित हैं। जो पार्टियां प्रदूषण को दूर करने के लिए एक विजन और रोडमैप दिखाती हैं, उनका मतदाताओं के बीच पल्ला भारी होगा। समय आ गया है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली अब औरों के लिए स्मार्ट और टिकाऊ बनने की एक मिसाल बने। भारत की पांच ट्रिलियन अमरीकी डॉलर अर्थव्यवस्था का सपना बिना इसके शहरों के साफ़ सुथरा और सांस लेने के काबिल बने अधूरा है।"
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Aam Aadmi Party promised to reduce air pollution in Delhi by one-third of the current level
पिछले सप्ताह में, दिल्ली में वायु प्रदूषण 350 से ऊपर चला गया और गणतंत्र दिवस पर बहुत ही बुरे और गंभीर स्तर तक पहुंच गया। राजनीतिक दलों ने स्पष्ट रूप से महसूस किया है कि इस मुद्दे को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में वायु प्रदूषण को मौजूदा स्तर के एक तिहाई से कम करने का वादा किया है। प्रदूषण को काम करना 2015 के दिल्ली चुनाव में उनके घोषणापत्र में मौजूदा हिस्सा था। दिल्ली के भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी ने दो साल के अंदर दिल्ली की वायु प्रदूषण समस्या को हल करने का वादा किया है, अगर उनकी पार्टी को 21 साल के बाद सत्ता में वापस वोट दिया जाता है। कांग्रेस ने भी इसी तरह के वादे किए हैं।
क्लाइमेट ट्रेंड्स (Climate Trends) की निदेशक आरती खोसला का कहना है कि –
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“जलवायु और ऊर्जा के डिजिटल समाचार की न्यूज़ साइट, कार्बन कॉपी ने, भारत के राष्ट्रीय वायु प्रदूषण की प्रगति को ट्रैक करने के लिए, एक डैशबोर्ड लॉन्च किया है जो प्रबंधन योजना, बजट खर्च और सुधार जैसे मापदंडों की श्रेणी में पीएम का स्तर की जानकारी उपलब्ध कराएगा। स्मॉग टावरों, वैक्यूम स्वीपर और पानी का छिड़काव बहुत गहरी बीमारी के लिए अस्थायी समाधान हैं न की इलाज। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के अनुसार, यदि अधिकारी 2017 के स्तरों के आधार पर दिल्ली में प्रदूषण के 30% स्तर को कम करने में सफल होते हैं, तब भी शहर निर्धारित विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों से 3 गुना अधिक 168 प्रति ग्राम प्रति घन मीटर, हवा में साँस ले रहा होगा। दिल्ली भारत के वायु प्रदूषण संकट का वैश्विक चेहरा है। अगर हम राष्ट्रीय राजधानी में इस समस्या को प्रबंधित करने में सफल होते हैं, तो अन्य शहरी और ग्रामीण बेल्टों के लिए और भी काम उम्मीद है। ”