पीएम को ट्वीट कर दोषियों को सजा दिलाने और रिकवरी के लिए उचित कार्यवाही की अपील की
लखनऊ, 23/जून/2022। डीएचएफएल द्वारा 17 बैंकों से 34615 करोड़ रुपये के घोटाले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने आरोप लगाया कि वक्त रहते इस विवादित व डिफॉल्टर कंपनी पर कार्यवाही नहीं करने से इतना बड़ा घोटाला हुआ। इस विवादित कंपनी पर शेल कंपनी(छद्म कंपनी) बनाकर हजारों करोड़ घोटाले का आरोप लगाया गया था लेकिन जन दबाव में मोदी सरकार द्वारा जांच तो कराई गई लेकिन जांच में क्लीन चिट दे दिया गया। इस डिफॉल्टर कंपनी पर तकरीबन एक दशक से जिस तरह से गंभीर आरोप लगते रहे हैं, अगर इसके विरुद्ध लगे आरोपों की ईमानदारी से जांच करा कर कार्यवाही की गई होती तो आज इतने बड़े घोटाले से बचा जा सकता था। युवा मंच ने प्रधानमंत्री मोदी को ट्वीट कर दोषियों को सजा दिलाने और इस हरहाल में रिकवरी सुनिश्चित कराने के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि इन घोटालों के इतर कानूनी तौर पर भी कारपोरेट कंपनियों के लाखों करोड़ कर्ज व टैक्स माफ किया गया है। अंधाधुंध निजीकरण, औने पौने दाम पर सरकारी परिसंपत्तियों व प्राकृतिक संसाधनों को बेचना इसी नीति का हिस्सा है। 8 वर्षों में अडानी समूह की 230 गुना संपत्ति में बढ़ोत्तरी से लेकर देश में अरबपतियों में ईजाफा इन्हीं नीतियों की देन है। इसकी भारी कीमत युवा, किसान और आम आदमी कर रहा है। अभूतपूर्व बेरोजगारी और मंहगाई इन्हीं नीतियों का दुष्परिणाम है।
कहा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी इसी डिफाल्टर कंपनी में 2017 में बिजली कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड जमा कराया गया जिसमें 2268 करोड़ का घोटाला प्रकाश में आया लेकिन अभी तक न तो रिकवरी संभव हुआ और न ही जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की गई। यहां तक कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टालरेंस की वकालत करने वाली योगी सरकार ने इस मामले में दो प्रमुख शीर्ष अधिकारियों के विरुद्ध अभियोजन की भी अनुमति नहीं दी है जिससे सीबीआई जांच अधर में है।
Web title : 34615 crore bank scam by DHFL, Yuva Manch blames Modi government
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