Advertisment

World Brain Tumor Day :डरिये मत, हर ब्रेन ट्यूमर कैंसर नहीं होता, पर बीमारी तो खतरनाक ही है

author-image
hastakshep
07 Jun 2020
World Brain Tumor Day :डरिये मत, हर ब्रेन ट्यूमर कैंसर नहीं होता, पर बीमारी तो खतरनाक ही है

8 जून विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस | 8 June World Brain Tumor Day

Advertisment

विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस प्रतिवर्ष '8 जून' को मनाया जाता है। विश्व भर में हर दिन एक लाख में से दस लोग ब्रेन ट्यूमर के कारण मरते हैं। 'विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस' वर्ष 2000 से प्रतिवर्ष 8 जून को मनाया जाता है। इस दिवस (world brain tumor day 2020 in india) को सबसे पहले जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन  द्वारा मनाया गया था। यह ब्रेन ट्यूमर के बारे में लोगों के बीच शिक्षा और जन-जागरूकता प्रसारित करने वाला एक गैर लाभकारी संगठन है।

भारत में ब्रेन ट्यूमर की व्यापकता और प्रसार बढ़ता जा रहा है। कैंसर के अध्ययन के अनुसार, ब्रेन ट्यूमर लड़कियों में सामान्यत: पाया जाता है। हालांकि स्थितियों के बीच कुछ भिन्नता हो सकती है। भारत सरकार ने ब्रेन ट्यूमर की रोकथाम, स्क्रीनिंग, रोग का जल्दी पता लगाने, निदान और देखभाल उपचार प्रदान करने के लिए अनेक उद्देश्यों की पूर्ति के साथ 'राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम' शुरुआत की है।

मस्तिष्क कैन्सर' यानी 'ब्रेन ट्यूमर' एक खतरनाक रोग है। समय रहते इसका उचित इलाज नहीं कराया गया तो यह जानलेवा साबित होता है। जब मानव शरीर में कोशिकाओं की अनावश्यक वृद्धि हो, लेकिन शरीर को इन अनावश्यक वृद्धि वाली कोशिकाओं की आवश्यकता न हो, तब इस अवस्था को ही कैंसर के नाम से जाना जाता है। ब्रेन के किसी हिस्से में पैदा होने वाली असामान्य कोशिकाओं की वृद्धि ब्रेन ट्यूमर के रूप में प्रकट होती है।

Advertisment

हर ट्यूमर कैंसर नहीं होता- Not every tumor is cancer

ट्यूमर को आमतौर पर कैंसर से जोड़कर देखा जाता है, पर हर ट्यूमर कैंसर नहीं होता। लेकिन सही समय पर इसका इलाज शुरू न किया जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है।  ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र में हो सकता है। हमारा ब्रेन सेल्स से बना होता है। जब भी किसी कारण से ब्रेन की सेल्स का नियंत्रण बिगड़ने लगता है तो यह सेल्स खत्म होने लगते हैं। इसके बाद ब्रेन के काम में रूकावट पैदा होने लगती है। वहीं, जब ब्रेन में अनियं‍त्रि‍त सेल्स तेजी से फैलते हैं तो कैंसर का रूप धारण कर लेते हैं।

मस्तिष्क  के आकार में अगर अप्रत्याशित बदलाव हो, लगातार सिर में दर्द हो या फिर आंखों से कम दिखे, उल्टी आए, कान के पास कोई गांठ दिखे, कान से कम सुनाई दे या लगातार सीटी की आवाज आए तो इन सभी लक्षणों को हल्के में न लें। ये सभी लक्षण ब्रेन ट्यूमर की तरफ इशारा करते हैं और ऐसे में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत है। चिकित्सकों का मानना है कि शुरुआती दौर में इन लक्षणों वाले मरीजों को एमआरआई या सिटी स्कैन करवाना चाहिए, जिससे ट्यूमर को कैंसर बनने से पहले रोका जा सके। उनके अनुसार, नशीली दवाइयां और शराब का सेवन भी ब्रेन ट्यूमर का एक कारण है।

Advertisment

Brain tumor is a dangerous disease.

ब्रेन ट्यूमर खतरनाक बीमारी है। यह सिर्फ मस्तिष्क को ही प्रभावित नहीं करती, बल्कि इसका असर पूरे शरीर पर होता है, क्योंकि मस्तिष्क ही पूरे शरीर को संचालित करता है। बुजुर्गों में ट्यूमर कैंसर बन सकता है। न्यूरोसर्जरी विशेषज्ञ  बताते हैं कि 20 से 40 साल के लोगों को ज्यादातर कैंसर रहित और 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को ज्यादातर कैंसर वाले ट्यूमर होने की आशंका रहती है। कैंसर रहित ट्यूमर, कैंसर वाले ट्यूमर की तुलना में धीमी गति से बढ़ता है। एक लाख में 10-15 लोगों को ब्रेन ट्यूमर होता है।

ब्रेन ट्यूमर के लिए जोखिम कारक- Risk factors for brain tumors
Advertisment

अधिकांश समय, हम यह नहीं जानते हैं कि किसी व्यक्ति को ब्रेन ट्यूमर विकसित होने का कारण क्या है। ब्रेन ट्यूमर के  कई संभावित जोखिम कारकों का वैज्ञानिकों ने अध्ययन किया है, पर आयनिंग विकिरण के संपर्क में आने से मस्तिष्क ट्यूमर के विकास के जोखिम अधिक है। आयनिंग विकिरण अक्सर एक्स-रे में पाया जाता है, यही कारण है कि कुछ एक्स-रे किए जाने पर मानव शरीर को सीसे की ढाल द्वारा संरक्षित किया जाता है। कुछ मामलों में ये  "आनुवंशिक" हो सकता  है। हालांकि, केवल 5 से 10 प्रतिशत ब्रेन ट्यूमर एक पीढ़ी से दूसरे परिवार (आनुवंशिकता) में पारित हो पाते हैं।

वंशानुगत मस्तिष्क ट्यूमर (Hereditary brain tumor) के मामलों में, डीएनए अनुक्रम में एक  परिवर्तन होता है जो एक विशिष्ट जीन के जरिये माता-पिता से बच्चे तक पारित होता है। अधिकांश आनुवंशिक जोखिम कारक जन्म के समय मौजूद नहीं होते हैं, लेकिन वास्तव में उम्र के रूप में विकसित होते हैं।  हमारे अधिकांश जीन अपेक्षित रूप से अपना काम करते हैं, एक छोटी खराबी कोशिकाओं के बढ़ने के तरीके को बदल सकती है, जिससे अंततः कैंसर का विकास हो सकता है।

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण - symptoms of brain tumor
Advertisment

यह एक बीमारी है, लेकिन इसके लक्षण अक्सर लोग नजरअंदाज करते हैं। इसलिए जरूरी है कि इसके लक्षणों की पूरी जानकारी रखी जाए। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए और इलाज करवाना चाहिए। इसका सबसे आम लक्षण यह है कि सुबह उठने पर सिर में तेज दर्द होता है। आंखों से धुंधला दिखाई देना और चश्‍मे का नंबर बढ़ना इसका एक लक्षण है।  ब्रेन ट्यूमर के मरीज को ज्यादातर एक आंख में परेशानी होती है। जल्दी थकान होना भी इसका एक लक्षण है। इसमें लोग चलते-चलते अचानक लड़खड़ाने लग जाते हैं।

ब्रेन ट्यूमर से ग्रस्त इंसान की याददाश्त कमजोर हो जाती है। इसके अलावा ध्यान एक चीज में नहीं लगता और हमेशा ध्यान भटकता रहता है।

ब्रेन ट्यूमर होने पर अचानक मांसपेशियों में ऐंठन महसूस होती है।अचानक से बेहोशी आने लगना आदि ब्रेन ट्यूमर का एक लक्षण है।

ब्रेन ट्यूमर का एक लक्षण यह है कि इसमें गले में अकड़न होती है और किसी बात को बोलने और दोहराने में तकलीफ होती है। अजीब सा मन होना आदि ब्रेन ट्यूमर के लक्षण है। इसमें शरीर पर से दिमाग का कंट्रोल हटने लगता है, जिससे शरीर में अचानक किसी भी तरह की संवेदना महसूस नहीं होती।

Advertisment

ब्रेन ट्यूमर का इलाज- Brain tumor treatment

ब्रेन ट्यूमर का सही समय पर इलाज बहुत जरूरी है। इसमें जरा सी भी लापरवाही करने से भरी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसका इलाज अलग- अलग तरीके से होता है। ट्यूमर के आकार, स्थिति के आधार पर इलाज किया जाता है। ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी (Brain tumor surgery) में पूरे ट्यूमर को या उसके कुछ भाग को ब्रेन से निकाल दिया जाता है। सर्जरी के दौरान संक्रमण और ब्लीडिंग जैसे खतरे भी होते हैं। अगर ट्यूमर ऐसी जगह पर है, जहां खतरा अधिक होता है तब उपचार के दूसरे उपायों का सहारा लिया जाता है।

Advertisment

माइक्रो एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी के जरिये सर्जरी को आसान और बेहतर बना दिया है। इस सर्जरी में एंडोस्कोप का उपयोग किया जाता है, जिससे सर्जरी के दौरान उन जगहों तक पहुंचना संभव होता है, जहां सर्जरी के पुराने तरीकों से पहुंचना मुश्किल होता है। इसकी खास बात यह है कि इसके साइड इफेक्ट्स भी कम होते हैं। कीमोथैरेपी में ब्रेन ट्यूमर के इलाज के लिए दवाइयों के उपयोग से ट्यूमर की कोशिकाओं को खत्म किया जाता है। कीमोथरेपी की दवाएं (Chemotherapy drugs) गोली के रूप में या नसों में इंजेक्शन द्वारा दी जाती हैं। इससे जी मचलाना, उल्टी होना या बाल झड़ने जैसी समस्याएं पैदा हो सकती है।

रेडियो सर्जरी से कैंसर की कोशिकाओं को रेडिएशन की कई बीम्स के उपयोग द्वारा खत्म किया जाता है। यह सर्जरी एक ही सिटिंग में हो जाती है। ब्रेन ट्यूमर का इलाज करने के लिए रेडिएशन थैरेपी में ट्यूमर की कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए हाई एनर्जी बीम जैसे एक्स-रे या प्रोटॉन्स का उपयोग किया जाता है। ब्रेन ट्यूमर के इलाज (Brain tumor treatment) के टारगेट ड्रग थैरेपी तरीके में कैंसर कोशिकाओं में मौजूद विशिष्ट असामान्यताओं पर फोकस किया जाता है। इन असामान्यताओं को ब्लॉक करके कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जाता है।

लापरवाही हो सकती है  जानलेवा - Negligence can be fatal

डॉo सत्यवान सौरभ (Satywan Saurabh ), रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस, दिल्ली यूनिवर्सिटी, कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, डॉo सत्यवान सौरभ (Satywan Saurabh ),

रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस, दिल्ली यूनिवर्सिटी,

कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार,

अक्‍सर लोग ब्रेन ट्यूमर को सामान्य बीमारी या टेंशन मान कर नजरअंदाज कर देते हैं। वे कभी इस बात पर ध्यान नहीं देते कि जिसे वे सामान्य सा सर दर्द मान रहे हैं, वो उनके लिए जानलेवा भी हो सकता है। लोगों को ब्रेन ट्यूमर के प्रति जागरूक करना, इसके लक्षण और इलाज की जानकारी देना आदि बहुत जरूरी है। ताकि लोग इस घातक बीमारी को हल्के में न लें और इससे बच सकें। इसलिए ही पूरी दुनिया में वर्ल्‍ड ब्रेन ट्यूमर डे मनाया जाता है ताकि आप इस जानलेवा बीमारी से प्रति लापरवाही न बरतें।

--- डॉ. सत्यवान सौरभ

रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस, दिल्ली यूनिवर्सिटी

कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार.

( नोट - यह समाचार किसी भी हालत में चिकित्सकीय परामर्श नहीं है। यह  जागरूकता के उद्देश्य से अव्यावसायिक लेख मात्र है। आप इस समाचार के आधार पर कोई निर्णय कतई नहीं ले सकते। स्वयं डॉक्टर न बनें किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लें।)

Advertisment
सदस्यता लें