Advice to the central government of the opposition, government should not get entangled in showmanship, kept 11 demands
नई दिल्ली, 23 मई 2020. कोविड-19 महामारी के कारण देश में उपजे असाधारण हालात (Unusual situation arises in the country due to COVID-19 epidemic) पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए समान विचारधारा की 22 पार्टियों के नेताओं ने शुक्रवार को यहां एक बैठक की। पार्टियों ने 11 मांगें रखी और इस बात पर सहमति जताई कि अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई है और समाज का हर वर्ग गंभीर पीड़ा का सामना कर रहा है।
11 सूत्री मांगों में सभी परिवारों को अगले छह महीनों तक प्रति माह 7,500 रुपये प्रत्यक्ष नकद अंतरण, सभी जरूरतमंदों को हर महीने 10 किलोग्राम मुफ्त अनाज, और सभी प्रवासी मजदूरों को उनके पैतृक स्थान तक पहुंचाने के लिए मुफ्त परिवहन जैसी मांगें शामिल हैं।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान को पढ़ा,
“समान विचारधारा वाली पार्टियां मानती हैं कि यह समय केंद्र सरकार के लिए न तो शोमैनशिप में संलिप्त होने का है और न वन-अपमैनशिप में ही। यह समय एक बड़े सामूहिक प्रयास का है।”
विपक्षी पार्टियों ने कहा कि भारत सरकार को सभी राजनीतिक दलों से एक व्यवस्थित तरीके से हर हाल में संवाद करना चाहिए। उन्होंने मांग की कि सरकार स्थायी समितियों जैसे संसदीय संस्थानों को सक्रिय करे और राज्यों को उचित वित्तीय मदद दे।
विपक्ष ने सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य कर्मियों, खासतौर से डॉक्टरों, नर्सो, पैरामेडिक्स के साथ ही पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों, सफाईकर्मियों,और पानी-बिजली की आपूर्ति जैसी आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों के शानदार प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि समान विचारधारा के दलों ने केंद्र सरकार को हमेशा अपना पूर्ण सहयोग दिया है। लेकिन केंद्र समय पर, प्रभावी और संवेदनशील तरीके से अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल हुआ है।
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