मुंबई, 16 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। चीन में जीरो-कोविड पॉलिसी के जबर्दस्त विरोध के बाद सरकार ने ढील दी और लॉकडाउन हटा दिया, लेकिन अब वहां स्थिति खराब होती नजर आ रही है। अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों का सैलाब आ गया है। इतना ही नहीं मेडिकल स्टाफ भी संक्रमित हो रहा है। कुछ डॉक्टर्स कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
चीन के शिचुआन प्रांत में हालात बहुत ज्यादा खराब
शिचुआन प्रांत में हालात ज्यादा खराब हैं। यहां हर दिन 700-800 मरीज बुखार की समस्या लेकर आ रहे हैं। सरकार के लॉकडाउन हटाने के फैसले का खामियाजा डॉक्टर्स भुगत रहे हैं। हॉस्पिटल्स में कोरोना संक्रमित मरीजों की लाइन लगी हुई है। इनका इलाज करने वाले कई डॉक्टर्स संक्रमित हो गए हैं।
एक मेडिकल स्टाफ ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया, उसमें बताया कि संक्रमित होने के बावजूद उनसे काम करवाया जा रहा है।
अब चीन सरकार ने लिया यू-टर्न
इस बीच दो वर्ष तक कड़े कोरोना नियम लागू करने वाली चीन सरकार ने यू-टर्न ले लिया है। अब सरकारी अधिकारियों का कहना है कि कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट खतरनाक नहीं है। यहां तक कि सरकार लोगों से सेल्फ केयर की बात कह रही है। यानी सरकार का कहना है कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है। लोग खुद को ध्यान रखें तो संक्रमण से बचा जा सकता है। तो वहीं, सरकार एडवाइजरी जारी करते हुए कह रही है कि कोरोना का खतरा न के बराबर है। अगर किसी को कोरोना हो भी जाता है तो वो घर में आइसोलेशन में रह सकते हैं। पॉजिटिव होने के बावजूद उनमें कोरोना के ज्यादा लक्षण नहीं दिखेंगे। इसलिए डरने की जरूरत नहीं है।
साथ ही वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन (WHO) के चीफ टेड्रोस एडहानॉम ने चीन से कोरोना वायरस को लेकर डेटा शेयर करने के लिए कहा, कोरोना को बेहतर ढंग से समझने के लिए और इसके ओरिजन से जुड़ी जानकारी के लिए चीन से डेटा मांगा गया है। चीन के वुहान में ही कोरोना का पहला मामला सामने आया था।
After the removal of the lockdown in China, there is an inundation of corona infected patients in hospitals, know what is the whole matter