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अग्निपथ : बेरोजगार युवाओं की आकांक्षाओं को पहचानें, सेना को कमजोर करना बंद करो
नई दिल्ली, 18 जून 2022. अखिल भारतीय किसान सभा तथा अखिल भारतीय खेतमजदूर यूनियन मिलकर 21 जून को देश भर में कथित धोखाधड़ीपूर्ण योजना अग्निपथ के खिलाफ शांतिपूर्ण देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे।
अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज ने आज एक विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए तहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा देश की सेना में "अग्निपथ" योजना शुरू करना देश विरोधी व जनविरोधी कदम है।
उन्होंने कहा कि अग्निपथ नाम की यह योजना - छल कपट के साथ अति-राष्ट्रवादी बयानबाजी के आवरण में – सेना में चोर दरवाजे से ठेका प्रथा और अस्थायी रोजगार लाने की कोशिश है। यह भारत के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में अपनी विफलता को छिपाने के लिए किया गया एक हताशापूर्ण प्रयास है। इसका कार्यकुशलता, रोजगार की गुणवत्ता और सैन्य बलों की दक्षता पर विनाशकारी प्रभाव पड़ने वाला है।
श्री सरोज ने कहा कि देश भर में स्वतःस्फूर्त तरीके से हो रही विरोध कार्यवाहियों में शामिल प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अफवाह फैलाने के काम में भाजपा-आरएसएस जुटी हुयी है। अपने ही देश के नागरिकों को दुश्मन बताने के मामले में यह दोनों लगातार लगे रहते हैं। यही दांव अब युवाओं पर आजमाया जा रहा है। इन प्रदर्शनों का संज्ञान लेकर बेतुकी घोषणा वापस लेने की बजाय सरकार बल प्रयोग कर इन्हें कुचल देना चाहती है। यह कदम उन लाखों बेरोजगार युवाओं की आकांक्षाओं का अपमान है जो सुरक्षित नौकरी पाने की उम्मीद में बहुत अधिक खर्चा और मेहनत करते हैं। यह कदम देश की सेना को भी कमजोर करेगा।
उन्होंने कहा कि 2014 में हर साल 2 करोड़ नौकरियों देने का वादा करने वाली सरकार अब धोखा देकर बिना पेंशन के एक निश्चित अवधि के अनुबंध (चार साल) की घोषणा करके बेरोजगार युवाओं को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रही है।
किसा नेता ने कहा कि परम्परागत रूप से किसान परिवारों से आने वाले युवाओं का सेना में एक बड़ा हिस्सा हैं। किसानों और सेना के बीच यह ऐतिहासिक व जैविक संबंध कठोर कृषि-कानूनों के खिलाफ ऐतिहासिक किसानों के संघर्ष में भी देखा गया था, जब कई सेवारत और सेवानिवृत्त सैनिकों द्वारा खुले और और अपरोक्ष रूप से समर्थन किया गया था।
उन्होंने कहा कि गंभीर चिंता की बात यह है कि "अग्निपथ" योजना से भारतीय समाज का सैन्यीकरण होगा जो पहले से ही धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ राज्य प्रायोजित फासीवादी हिंसा से संक्रमित है। संघ के विचारक सावरकर की राष्ट्र के हिंदूकरण और हिंदुओं के सैन्यीकरण की अवधारणा से प्रेरित भाजपा सरकार सुरक्षित रोजगार की तलाश में घूम रहे निर्दोष युवाओं के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है।
अखिल भारतीय किसान सभा ने मांग की है कि केंद्र सरकार नौटंकी के बजाय सुसंगत वैज्ञानिक तरीके से बेरोजगारी के सवाल और ग्रामीण इलाकों में कृषि संकट का समाधान करने के लिए कदम उठाए और विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों जैसे रेलवे, विश्वविद्यालयों आदि में भर्ती पर प्रतिबंध को रद्द कर नौकरियों के लिए भर्ती चालू करे।
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