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Allergies in summer: Follow these measures to avoid
नई दिल्ली, 09 अप्रैल 2022. समय से पहले झुलसा देने वाली गर्मी आ चुकी है और उत्तर भारत में तेज लू चलना शुरू हो गई है। गर्मी के इस मौसम में आंखों से पानी आना, जलन होने और छींकने वाली एलर्जी जनित समस्याएं सिर उठाने लगती हैं। एलर्जी कारक तत्व (allergens) नाक बंद करने के अलावा नाक व गले में कफ भी पैदा कर देते हैं।
इम्यूनोग्लोबिन क्या है? | What is immunoglobulin
गर्मी के मौसम में हमारा शरीर अनेक तरह के एलर्जी कारक तत्वों से सामना करता है और इनके जवाब में तंत्रिका तंत्र एलर्जी विरोधी एंटीबॉडीज (anti-allergic antibodies) का निर्माण करने लगता है, जिन्हें इम्यूनोग्लोबिन (immunoglobulin in Hindi) कहते हैं। ये नेत्रों, नाक, फेफड़ों और त्वचा में उपस्थित रहते हैं। जब कोई व्यक्ति इन एलर्जेन्स के सम्पर्क में आता है, तब शरीर हिस्टामाइन्स नामक रसायन (chemicals called histamines) उत्पन्न करता है, जिससे एलर्जी की समस्या उत्पन्न होती है।
गर्मियों में होने वाली कॉमन एलर्जी क्या हैं? | What are common summer allergies?
देशबन्धु में प्रकाशित एक पुरानी खबर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) व हार्ट केयर फाउंडेशन के तत्कालीन अध्यक्ष स्व. पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, "गर्मियों में एलर्जी से होने वाली सामान्य तकलीफों में प्रमुख हैं- निरंतर सिर दर्द, नाक के बजाय मुंह से सांस लेने की मजबूरी, कान बंद हो जाना, गले में जकड़न और ढंग से नींद न आना। यदि इनमें से कोई भी लक्षण आपकी नजर में आए तो चिकित्सक से परामर्श करें और उचित इलाज कराएं।"
पिएं शुद्ध पानी और करें ताजा भोजन
डॉ. के.के. अग्रवाल के मुताबिक “गर्मियों में चूंकि शरीर को अधिक द्रव की आवश्यकता होती है, इसलिए शुद्ध पानी पिएं, ताकि किसी भी तरह की एलर्जी की समस्या से दूर रहा जा सके। ताजा और स्वच्छ भोजन का सेवन करें। किसी भी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है। थकान, शरीर में पानी की कमी, जुकाम जैसे लक्षणों की अनदेखी न करें, क्योंकि यह एलर्जी की शुरुआत हो सकती है।"
शरीर को दें भरपूर आराम
इसी खबर में आईएमए के तत्कालीन मानद महासचिव डॉ. आर.एन. टंडन ने कहा, "गर्मियों के दिनों में, हम में से कई लोग अधिक समय वातानुकूलित वातावरण में गुजारते हैं। शुद्ध हवा के अभाव और शुष्कता के चलते अंदरूनी अंगों में म्यूकस मेम्ब्रेन (mucus membrane) सूखने लगती है, जिससे गले में खराश पैदा हो जाती है। इसके अलावा इन दिनों आंधी चलने से अक्सर घरों में धूल के कण अधिक प्रवेश कर जाते हैं, जो अस्थमा के रोगियों के लिए समस्या पैदा कर सकते हैं।"
डा. अग्रवाल ने बताया, "गर्मियों के दिनों में शरीर को पर्याप्त आराम का अवसर दें। पानी व तरल पदार्थों का सेवन अधिक करें, छायादार स्थान पर रहें और दोपहर की गर्मी में बाहर निकलने से बचें। तापमान में यकायक बदलाव से भी बचें। कम भोजन करें और फालतू में अधिक दवाएं न लें। गर्मियों की एलर्जी से बचाव का बढ़िया उपाय है प्राकृतिक जीवन जीना।"
एलर्जी से बचने के लिए क्या उपाय अपनाएं ? | What are the measures to be taken to avoid allergies?
- बाहर निकलते समय अपने साथ पानी की बोतल रखें। अधिक गर्मी में पसीने के कारण शरीर में खनिज लवणों का क्षरण होता रहता है। इसकी भरपाई के लिए पानी में थोड़ा स्वाद, नमक व मिठास घोल लेना उपयुक्त होगा।
- चीनी युक्त पेय व डिब्बाबंद जूस न पिएं, क्योंकि ये शरीर में तरल पदार्थो के अवशोषण की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं।
- गहरे रंग वाले और तंग वस्त्र न पहनें। ये त्वचा पर मौजूद छिद्रों को बंद करके शरीर का तापमान बढ़ाने का काम कर सकते हैं। हल्के रंगों वाले और ढीले ढाले व सूती वस्त्रों को प्राथमिकता दें।
- मौसमी फलों व सब्जियों का सेवन करें। खासतौर पर तरबूज, खरबूज, ककड़ी जैसे फलों का सेवन करें, जिनमें जल व लवणों की मात्रा अधिक होती है।
- छायादार स्थान में रहना लाभदायक रहता है, परंतु यदि यात्रा करना आवश्यक हो तो शरीर को ठंडा और आरामदायक रखने की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें। सिर पर टोपी पहनें तो बेहतर होगा।
अपने मूत्र के रंग पर ध्यान देते रहें। गहरे पीले रंग के मूत्र का मतलब है शरीर में द्रव्य की कमी है और पानी अधिक पीने की आवश्यकता है।