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बेहाल उप्र : बिना इलाज मिले तड़प-तड़प कर मर गई आंगनबाड़ी, वर्कर्स फ्रंट ने मांगा 50 लाख मुआवजा

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hastakshep
30 Aug 2020
बेहाल उप्र : बिना इलाज मिले तड़प-तड़प कर मर गई आंगनबाड़ी, वर्कर्स फ्रंट ने मांगा 50 लाख मुआवजा

Anganwadi died after suffering without getting treatment, Workers Front asked for 50 lakh compensation

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लखनऊ, 30 अगस्त 2020. कोविड-19 के कार्य के कारण सहारनपुर की आंगनबाड़ी प्रवेश धवन की मृत्यु पर 50 लाख रुपए मुआवजा की मांग करते हुए वर्कर्स फ्रंट ने मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव, निदेशक व जिलाधिकारी, सहारनपुर को पत्र भेजा है। पत्र का मजमून निम्नवत् है -

अति महत्वपूर्ण

दिनांक:- 30.08.2020

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सेवा में,

मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश, लखनऊ।

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विषय:- कोविड-19 के कार्य के कारण मृत हुई सहारनपुर की आगंनबाड़ी प्रवेश धवन को शासनादेश के अनुरूप 50 लाख मुआवजा देने व आंगनबाड़ियों को कोविड-19 के कार्य में नियोजित करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के संदर्भ में :-

महोदया,

बेहद दुख के साथ आपके संज्ञान में कल प्रातः 9 बजे सहारनपुर जनपद की शहर परियोजना की याहया खान केन्द्र में कार्यरत आंगनबाड़ी प्रवेश धवन की कोरोना संक्रमण और इलाज की सुविधा न मिलने के कारण हुई मृत्यु को लाना चाहते है। कल बाल परियोजना अधिकारी, शहर परियोजना डा0 आरती सोनकर के जिला कार्यक्रम अधिकारी सहारनपुर को सम्बोधित पत्र संख्या 232/बा0वि0परि0/को0 पत्रा0/2020-21 से ज्ञात हुआ कि प्रवेश धवन सहारनपुर की शहर परियोजना में कोरोना महामारी में सरकार व स्वास्थ्य विभाग के आदेश के तहत सर्वेक्षण का कार्य कर रही थी। इसी कार्य के दौरान वह कोरोना संक्रमित हो गयी। इसके बाद उन्हें सहारनपुर के पिलखनी मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया जहां उन्हें एक अदद बेड़ तक नसीब नहीं हुआ और जमीन पर बैठाकर उन्हें आक्सीजन दिया जा रहा था। यह अपने आप में ही दुर्भाग्यपूर्ण तो है ही आपराधिक लापरवाही का जीवंत प्रमाण है। इस आशय का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। स्पष्ट है कि उन्हें इलाज तक की सुविधा नहीं मिली और उन्होंने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया।

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महोदय,

हम आपको अवगत कराना चाहेंगे कि अपर मुख्य सचिव राजस्व रेनुका कुमार ने शासनादेश संख्या -249/एक-11-2020-04(जी)/2015-टी0सी0 दिनांक 11 अप्रैल 2020 में स्पष्ट कहा है कि हर प्रकार का कर्मचारी चाहे वह स्थायी/अस्थायी कर्मचारी, संविदा, दैनिक वेतन या अन्य किसी भी तरह कोविड-19 की रोकथाम, उसके उपचार व उससे बचाव के लिए कार्यरत है। उसके आश्रितों की सामाजिक सुरक्षा के लिए उसकी मृत्यु उपरांत 50 लाख रूपए का बीमा राज्य सरकार द्वारा देय होगा। आंगनबाड़ी श्रीमती प्रवेश धवन कोविड-19 की विशेष संचारी रोग की सेवा में स्वास्थ्य विभाग व बाल सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में नियोजित की गयी थी और इस कार्य के लिए सरकार द्वारा निर्धारित 75 रूपए प्रतिदिन मिलता भी रहा है। इसलिए वह सरकारी आदेश के तहत दैनिक वेतन/आंगनबाड़ी कार्य करने से कोरोना वारिर्यर थी और इस शासनादेश के तहत आच्छादित होती है।

     हमारी आपसे मांग है कि तत्काल प्रभाव से शासनादेश के अनुसार सहारनपुर जनपद की शहर परियोजना की याहया खान केन्द्र में कार्यरत आंगनबाड़ी प्रवेश धवन के आश्रितों को 50 लाख का मुआवजा देने के लिए प्रमुख सचिव व निदेशक बाल सेवा एवं पुष्टाहार विभाग उत्तर प्रदेश व जिलाधिकारी सहारनपुर को दिशा-निर्देश देने का कष्ट करें।

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महोदय,

आपके संज्ञान में ला दें कि बार-बार आग्रह के बावजूद आंगनबाड़ी जो कोरोना महामारी में मुख्यतः संवेदनशील समूह गर्भवती व धात्री महिलाओं, 6 वर्ष के बच्चों और 18 साल से कम उम्र की किशोरी बालिकाओं के पोषाहार, शिक्षा व स्वास्थ्य आदि का कार्य करती है, उन्हें कोविड-19 की सेवा में लगा दिया जा रहा है। परिणामतः लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, सहारनपुर, उन्नाव, बाराबंकी आदि जनपदों में तो उनके कोविड पोजटिव होने की सूचना लगातार आ रही है और उन्नाव की कामनी निगम समेत सहारनपुर की प्रवेश धवन की मृत्यु हो चुकी है। इसलिए आपसे पुनः निवेदन है कि आंगनबाड़ियों को विशेष संचारी रोग कोविड-19 की सेवा में नहीं लगाने का स्पष्ट आदेश देने का कष्ट करें।

आपसे न्याय और आंगनबाड़ियों की जीवन सुरक्षा की उम्मीद के साथ यह पत्र आपको प्रेषित है।
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सादर!

दिनकर कपूर

प्रदेश अध्यक्ष

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यू0 पी0 वर्कर्स फ्रंट

मोबाइल नम्बर- 9450153307

प्रतिलिपि सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु:-
  1. प्रमुख सचिव, बाल सेवा एवं पुष्टाहार विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ।
  2. निदेशक, बाल सेवा एवं पुष्टाहार विभाग, इंदिरा भवन, लखनऊ।
  3. जिलाधिकारी, सहारनपुर को इस आशय से कि वह तत्काल आंगनबाड़ी प्रवेश धवन के परिवारजनों को 50 लाख मुआवजा निर्गत करने का कष्ट करें।

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