Announcement of Tata Innovation Fellowship. Applications can be done till November 15
नई दिल्ली, 09 अक्तूबर (इंडिया साइंस वायर): देश की प्रगति में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी हमेशा से ही एक अहम भूमिका में रही है। विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में नये शोध और अनुसंधान को प्रोत्साहित करना भारत सरकार की प्रमुख वरीयताओं में से एक है। कोविड-19 महामारी (COVID-19 Epidemic,) ने विशेषकर जैविक विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी से जुड़े शोध और नवाचार को अत्यधिक महत्वपूर्ण बना दिया है। भारत सरकार के अधीनस्थ विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा संचालित जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) द्वारा जैविक विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कार्य करने वाले वैज्ञानिकों शोधार्थियों के लिए टाटा इनोवेशन फेलोशिप-2020-21 (Tata Innovation Fellowship-2020-21) की घोषणा की गई है।
टाटा इनोवेशन फेलोशिप के लिए कैसे करें आवेदन | How to apply for Tata Innovation Fellowship
डीबीटी की यह फेलोशिप बहुत प्रतिष्ठित मानी जाती है। यह फेलोशिप 55 साल से कम उम्र के वैज्ञानिकों और शोधार्थियों के लिए है। इसमें आवेदन की अंतिम तिथि 15 नवंबर 2020 है। आवेदकों को यह ध्यान रखना होगा कि संबंधित तिथि तक उनकी आयु 55 वर्ष से अधिक न हो। इसके साथ ही, आवेदक को यह भी सुनिश्चत रूप से दर्शाना होगा कि उसने आवेदन करने से पहले कम से कम पाँच वर्ष भारत में बिताए हैं। इसके अतिरिक्त पूर्व में स्वास्थ्य, कृषि, विज्ञान एवं जैव प्रौद्योगिकी से जुड़ी गंभीर समस्याओं के अभिनव समाधान तलाशने में अतुलनीय ट्रैक रिकॉर्ड और गहन प्रतिबद्धता के साक्ष्य भी प्रस्तुतकरने होंगे।
टाटा इनोवेशन फेलोशिप का उद्देश्य | The aim of Tata Innovation Fellowship
इस फेलोशिप का उद्देश्य स्वास्थ्य, कृषि, पर्यावरण के अतिरिक्त विज्ञान एवं जैव प्रौद्योगिकी से संबंधित क्षेत्रों से जुड़ी गंभीर समस्याओं के अभिनव समाधान तलाशने में जुटे वैज्ञानिकों के कार्यों को मान्यता एवं उन्हें प्रोत्साहन प्रदान करना है। यह फेलोशिप केवल भारत में निवास करने वाले उन भारतीय नागरिकों के लिए ही है, जिनकी आयु 15-11-2020तक 55 वर्ष से कम हो। यह फेलोशिप उनके संगठन में सुपर एन्युएशन के साथ सहबद्ध है।
टाटा इनोवेशन फेलोशिप के लिए अर्हताएं | Qualifications for Tata Innovation Fellowship
जहां तक अर्हता का संबंध है तोआवेदक के पास जीव विज्ञान, कृषि, पशु चिकित्सा या स्वास्थ्य विज्ञान, आभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग) या जैव प्रोद्योगिकी संबंधित क्षेत्रों में स्नातकोत्तर उपाधि या समकक्ष डिग्री होनी चाहिए। अभ्यर्थी किसी विश्वविद्यालय/संस्थान/संगठन में नियमित स्थायी नियुक्ति पर होना चाहिए और शोध एवं विकास में संलग्न होना चाहिए। यदि उसके पास पहले से ही कोई फेलोशिप है, तो उसे केवल एक ही फेलोशिप के बीच चयन करना होगा। यानी वह एक साथ दो फेलोशिप जारी नहीं रख सकता।
सफल प्रतियोगियों को टाटा इनोवेशन फेलोशिप के अंतर्गत मूल संस्थान से मिलने वाले वेतन के अतिरिक्त 25,000 रुपये प्रतिमाह की फेलोशिप प्रदान की जाएगी।
यदि किसी को अंतरराष्ट्रीय संस्था से वेतन मिलता है तो केवल आपात स्थितियों में ही वह शोध अनुदान राशि का पात्र होगा/होगी। इसके अतिरिक्त प्रत्येक फेलो को 6 लाख रुपये का वार्षिक आकस्मिक अनुदान भी मिलेगा, जो फेलोशिप के अंतर्गत होने वाले शोध कार्यों के संबंध में उपभोग, उपकरण, अंतरराष्ट्रीय एवं घरेलू दौरे, मानव संसाधन या अन्य किसी भी व्यय की पूर्ति के लिए होगा। जैव-प्रौद्योगिकी विभाग की वेबसाइट सेआवेदन के प्रारूप और उससे संबंधित अन्य जानकारियां प्राप्त की जा सकती हैं।
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