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दुनिया की सर्वाधिक लोकप्रिय मछलियों में है टूना मछली
विश्व टूना दिवस (2 मई) पर विशेष | World tuna day in Hindi | Article on World Tuna Day (2nd May)
विश्वभर में मछलियों की 30 हजार से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं (There are more than 30 thousand species of fish worldwide,), जिनमें से कुछ असाधारण अथवा विशेष मानी जाती हैं। इन्हीं प्रजातियों में से एक है ‘टूना मछली’, जिसका दुनियाभर के कई देशों में बड़े पैमाने पर शिकार किए जाने के कारण इसके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। इसी कारण अब इसके संरक्षण के लिए वैश्विक प्रयास किए जा रहे हैं।
वर्ष 2016 में संयुक्त राष्ट्र ने मछली पालन, मछलियों के शिकार और टिकाऊ विकास में मछलियों की अहमियत की ओर सभी का ध्यान आकर्षित करने के लिए ‘टूना दिवस’ मनाने का निश्चय किया और 2 मई 2017 को पहला ‘विश्व टूना दिवस’ मनाया गया। अब प्रतिवर्ष 2 मई को यह दिवस विश्वभर में इस मछली के महत्व को रेखांकित करने और पकड़ी तथा खाई जाने वाली विश्व की सर्वाधिक लोकप्रिय मछलियों को बचाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। टूना मछलियां पकड़े और खाये जाने के मामले में दुनिया की सबसे लोकप्रिय मछलियों में से एक है।
कैसे शुरुआत हुई विश्व टूना दिवस मनाने की
At present, tuna fish are hunted in about 80 countries.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के पूर्व अध्यक्ष पीटर थॉमसन के अनुसार टूना सतत विकास, खाद्य सुरक्षा, आर्थिक अवसर प्रदान करने और दुनिया भर के लाखों लोगों की आजीविका में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस समय करीब 80 देशों में टूना मछली का शिकार होता है। दरअसल बहुत सारे देशों में टूना मछली नियमित खान-पान का अहम हिस्सा है और इन देशों की बहुत बड़ी आबादी टूना मछली पर ही निर्भर है क्योंकि यह पौष्टिक भोजन का अच्छा स्रोत मानी गई है। इन मछलियों का शिकार कितने बड़े स्तर पर किया जा रहा है, इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि इनकी सी-फूड के अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में करीब आठ फीसदी हिस्सेदारी है जबकि समुद्र से पकड़ी जाने वाली मछलियों की सभी प्रजातियों के कुल मूल्य का 20 फीसदी टूना मछलियों की बिक्री से ही हासिल होता है। बीते वर्ष टूना मछलियों का शिकार करीब एक लाख टन तक होने का अनुमान है। जनवरी 2019 में टोक्यो के नए मछली बाजार में लुप्तप्रायः प्रजाति की एक विशालकाय टूना मछली 21.5 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड कीमत पर बिकी थी, जिसे सूशी रेस्तरां श्रृंखला के मालिक ने खरीदा था। जापान के उत्तरी तट से पकड़ी गई यह विशाल मछली 278 किलोग्राम की थी।
नाउरू समझौता
नाउरू समझौते के तहत टूना का शिकार करने के दिनों को सीमित करने की व्यवस्था है और प्रशांत क्षेत्र में वर्ष 2011 से ही नाउरू समझौते के साझीदार कई ऐसे देश (Parties to the Nauru Agreement (PNA), जिनका दुनियाभर में टूना के उत्पादन में करीब 25 फीसदी योगदान रहता है, विश्व टूना दिवस मनाए जाने के लिए अभियान चलाते रहे हैं लेकिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2016 में यह दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया।
दुनिया भर में टूना मछली की खपत बढ़ने का ही परिणाम है कि हजारों जहाज, नाव और लाखों लोग टूना मछली के शिकार और कारोबार में लिप्त हैं और यही कारण है कि टूना मछली के अस्तित्व पर खतरा मंडराने की आशंकाएं जताई जाने लगी हैं।
What is tuna fish called in India?
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टूना खारे पानी की समुद्री मछली है, जो मैकेरल परिवार के एक उप-समूह जनजाति थ्युननिनी के अंतर्गत आती है। इसकी विश्वभर में 48 से भी अधिक प्रजातियां हैं, जिनमें मुख्यतः थुन्नुस वर्ग की 9 प्रजातियां शामिल हैं। ये प्रजातियां हैं एल्बाकोर, येल्लोफिन टूना, ब्लैकफिन टूना, दक्षिणी ब्लूफिन टूना, बिगआई टूना, पैसिफिक ब्लूफिन टूना, उत्तरी ब्लूफिन टूना, लॉन्गटेल टूना, करासिक टूना। टूना मछली को सेलेनियम, विटामिन बी-3 (नियासिन), विटामिन बी-12, विटामिन बी-6, प्रोटीन, फास्फोरस, विटामिन डी तथा पोटेशियम का अच्छा स्रोत माना गया है। सिर्फ सूर्य की रोशनी से ही मिलने वाला विटामिन डी टूना मछली में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहता है। कहा जाता है कि टूना मछली हाई क्वालिटी प्रोटीन वाली मछलियों में से एक हैं, जिनमें बहुत ही कम वसा होती है और यह मछली काफी पौष्टिक मानी जाती है।
Tuna fish in Hindi,
टूना मछली एक फुट से 15 फुट तक लंबी हो सकती है। यह एक तेज तैराक मछली है, जिसकी कुछ प्रजातियां तो 70 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तैरने में सक्षम हैं। अधिकांश मछलियों का मांस प्रायः सफेद रंग का होता है किन्तु टूना की मांसपेशियों के उत्तकों का रंग गुलाबी से लेकर गहरा लाल होता है। यह लाल रंग एक ऑक्सीजन बाध्यकारी अणु मायोग्लोबिन के कारण होता है, जिसकी मात्रा मछलियों की अन्य प्रजातियों की तुलना में टूना में अधिक होती है। ब्लूफिन टूना जैसी कुछ बड़ी टूना प्रजातियां गर्म खून वाली होती हैं, जो अपनी मांसपेशियों को हिलाकर अपने शरीर के तापमान को पानी के तापमान से अधिक बढ़ा सकती हैं, जो उन्हें अपेक्षाकृत ठंडे पानी में जीवित रहने और अन्य प्रजातियों की मछलियों की अपेक्षा समुद्र के विविधतापूर्ण वातावरण में रहने के लिए सक्षम बनाता है।
समुद्रों में जल प्रदूषण के कारण टूना सहित मछलियों की अन्य हजारों प्रजातियों के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है और उनके अनिश्चित भविष्य को लेकर स्थिति चिंताजनक है। अतः वैश्विक स्तर पर समुद्री पर्यावरण की सेहत सुधारने के लिए भी अब ठोस प्रयासों की दरकार है ताकि न केवल मछलियों बल्कि दुनियाभर के समुद्रों में मौजूद अन्य हजारों किस्म की प्रजातियों के जीव-जंतुओं का अस्तित्व भी बना रहे और हमारी आने वाली पीढि़यों को किताबों में यह पढ़ने को न मिले ‘‘एक थी टूना ...’’।
- योगेश कुमार गोयल
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार तथा कई पुस्तकों के लेखक हैं, उनकी हाल ही में पर्यावरण संरक्षण पर पुस्तक ‘प्रदूषण मुक्त सांसें’ प्रकाशित हुई है)