At the time of disaster, Modi government is selling the wealth of the country to the corporate houses, expose it
अब तो प्रमाण सामने है मोदी सरकार के पास पैसे नहीं हैं। मध्यवर्ग के नौकरीपेशा लोगों के जमाधन और कमाई से यह सरकार चल रही है। मध्यवर्ग के सरकारी नौकरीपेशा लोगों ,खासकर केन्द्र सरकार के कर्मचारियों, पेंशनरों के धन से यह सरकार चल रही है।
इस सरकार ने छह साल में कोई धन नहीं कमाया, बल्कि लगातार अर्थव्यवस्था का भट्टा बिठाकर रख दिया है।
अभी तो इस सरकार ने केन्द्र के कर्मचारियों से हर महीने एक दिन की पगार छीनी है, महंगाई भत्ता छीना है। आप लोग नहीं जागे तो यह नंगा करके सड़कों पर दौड़ाएगी।
केन्द्र सरकार के पास कोई नीति नहीं है वह सिर्फ तदर्थ ढ़ंग से काम कर रही है और देश की संपदा को कारपोरेट घरानों के हाथ बेच रही है।
कोरोना के महासंकट के समय सबसे अधिक देश की संप्रभुता और संपदा के लूट के रास्ते इजाद किए जा रहे हैं।
मोदी इस महासंकट में एप-एप खेल खेल रहे हैं। ये गंभीर नहीं हैं। आप तो गंभीर बनो, इस सरकार को बेनकाब करो।
कोरोना से बड़ा वायरस है केन्द्र सरकार का नजरिया। भारत का दुर्भाग्य है कि छह साल में राष्ट्रीय विकास दर शून्य पर आ गयी है। विनाश की ओर तेजी से जा रहे हैं ।झूठ पर झूठ खा रहे हैं।
भारत के लोगों का मोदी प्रेम असल में असत्य प्रेम है। असत्य को मार दो वरना भारत मर जाएगा।
मोदी महानायक है असत्य का। इसने असत्य की दीवारें चारों ओर खड़ी कर दी हैं। वे यदि गिरायी नहीं गयीं तो अगले कुछ साल में भारत दानव युग में चला जाएगा।
आज भारत मानव समाज से दानव समाज में रूपान्तरण की देहरी पर खड़ा है। जागो भारत जागो।
जगदीश्वर चतुर्वेदी
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