शिक्षण संस्थानों में फैला कैंटीन कल्चर व्यापक बाज़ारवाद का ऐसा कॉरिडोर है, जहां से गुजर कर वह (बाजारवाद) अपनी निर्विघ्न यात्रा तय करता है.
Author: डॉ प्रेम सिंह
निजी विश्वविद्यालय : कहां खड़े हैं भारत के बुद्धिजीवी?
जैसे-जैसे राज्य और केंद्रीय विश्वविद्यालय बर्बाद होते जाएंगे, समाजशास्त्र और मानविकी के विषय पूरी तरह निजी विश्वविद्यालयों के हवाले होते जाएंगे. मानवीय परस्परता और संवेदना को सांप्रदायिकता ने ग्रस लिया है.
जगदीश तिरोड़कर : एक सौम्य समाजवादी का जाना
महाराष्ट्र ने समाजवादी आंदोलन और देश-दुनिया को कई समाजवादी विचारक/नेता दिए हैं. जगदीश तिरोड़कर जी पर जरूर उनका प्रभाव रहा होगा.
सावरकर-विवाद : ताकि नवउपनिवेशवादी गुलामी बनी रहे!
भारत में जब तक सांप्रदायिक राजनीति रहेगी तब तक सावरकर भी रहेंगे. भाजपा नेता कहते हैं कि महाराष्ट्र सावरकर का है. तो क्या महाराष्ट्र साने गुरुजी का नहीं है? बाबा साहेब का नहीं है?
हिमाचल प्रदेश चुनाव : क्या टूट जाएगी लोकतंत्र की लय!
चुनावों की घोषणा के बाद से लोग कई सारे मुद्दों पर मुखर होने लगे. नौकरी-पेशा लोग स्वर्गीय अटलबिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में समाप्त की गई पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की बात करने लगे.
निगम-भारत उर्फ़ हिंदू-राष्ट्र को समर्पित टीम-इंडिया!
गांधी के चित्र की जगह भारतीय मुद्रा पर अम्बानी-अडानी के चित्र छापने की मांग? जैसे नरेंद्र मोदी का गोदी मीडिया है, उसी तरह नरेंद्र मोदी का विरोधी मीडिया केजरीवाल की गोदी में बैठा हुआ है.
रूस-यूक्रेन युद्ध : गांधी के साथ हो समाधान की पहल
रूस-यूक्रेन युद्ध आठवें महीने में प्रवेश कर अभी तक का भीषणतम रूप ले चुका है। यूक्रेन के चार प्रांतों कोरूस ने अपनी तरफ से जनमत संग्रह करा कर औपचारिक रूप से रूसी फेडरेशन का अंग बना लिया है।
नेता जी की आड़ में गांधी की अहिंसा के बरक्स सावरकर की हिंसा की श्रेष्ठता स्थापित करने का कुत्सित प्रयास
आरएसएस/भाजपा और उनके समर्थकों के लिए बेहतर यह होगा कि गुलामी और कायरता की मानसिकता को तरह-तरह की कवायदों से छिपाने के बजाय बदलने के प्रयास किए जाएं।
क्या 2024 के लिए कारगर होगा विपक्षी गठबंधन?
आज देश में जो राजनीति फल-फूल रही है, उसमें बुद्धिजीवियों की बड़ी भूमिका है. इस सच्चाई से टकराए बगैर देश में संविधान-सम्मत राजनीति और नीतियां बहाल नहीं हो सकतीं.
कर्तव्य पथ : खोखला है पीएम मोदी का दावा
कर्तव्य पथ : नव-उपनिवेशवाद की ओर एक और छलांग क्या राजपथ किंग्स-वे का अनुवाद था? पहले ही स्पष्ट कर दें कि जब राष्ट्रपति भवन से
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा : रास्ता किधर से है!
मीडिया में चर्चा कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा की कांग्रेस पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा मीडिया में चर्चा का विषय बन चुकी है। कांग्रेस ने
एक सिक्के के दो पहलू : मोदी-केजरीवाल
(यह संक्षिप्त टिप्पणी 2014 के लोकसभा चुनाव के समय की है और हस्तक्षेप.कॉम पर प्रकाशित हुई थीI संक्षिप्त ‘पुनश्च:’ के साथ नए पाठकों के लिए
मेरिट की सामंती अवधारणा के खिलाफ है नीट पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला
Supreme Court’s decision on NEET is against the feudal concept of merit आज के दौर में मेरिट के नाम पर आरक्षण पर चौतरफा हमला (All-round
सरकार के विरोध में सत्यपाल मलिक : क्या ये समाजवादी तेवर हैं ?
Satyapal Malik in opposition to the government: Is this a socialist attitude? तीन विवादास्पद कृषि-कानूनों के सरकार द्वारा वापस ले लिए जाने के बावजूद मेघालय
भारत की राजनीति में संविधान एक टोटका भर रह गया है, अकेले अखिलेश नहीं हरा सकते भाजपा को
यूपी चुनाव पर डॉ. प्रेम सिंह से बात-चीत (Conversation with Dr. Prem Singh on UP elections) राजेश कुमार बहुआयामी लेखक और सोशलिस्ट पार्टी (भारत) के
अगस्त क्रांति और भारत का शासक वर्ग : आजादी की इच्छा का विस्फोट
(राम पुनियानी ने भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं सालगिरह के मौके पर – ‘हाउ टू रिवाइव द स्पिरिट ऑफ़ क्विट इंडिया मूवमेंट (‘How to Revive
“70 सालों में कुछ नहीं हुआ” का शोर मचाने वालों ने 7 सालों में यह हालत बना दी कि लोग फुटपाथों पर दम तोड़ रहे
महामारी : आरएसएस के बयान के निहितार्थ Epidemic: Implications of RSS statement राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में छह
‘अच्छे दिन’ के हकदार : महामारी के आईने में कॉरपोरेट इंडिया की नंगी सच्चाई
‘अच्छे दिन’ के हकदार पहले भी कॉरपोरेट इंडिया के दावेदार थे, आज भी वे ही हैं, और कल भी वे ही रहेंगे। इस सच्चाई की
सौदेबाज़ समाजवादी लोहिया को भारत-रत्न देने की मांग करके मृत्योपरांत उनका अपमान कर रहे.
कृपया लोहिया के लिए भारत-रत्न नहीं!! 23 मार्च डॉ. राममनोहर लोहिया (23 मार्च 1910-12 अक्तूबर 1967) का जन्मदिन होता है। इस अवसर पर होने वाले
किसान आंदोलन : आगे का रास्ता ? 6 महीने से जमा हुआ आंदोलन गिरा नहीं है, गिर भी नहीं सकता
Farmer movement: the way forward? तीन कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन की दो उपलब्धियां (Two achievements of farmer movement in protest against
डरे हुए किसान हैं या प्रधानमंत्री?
Is the farmer scared or prime minister? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) किसान आंदोलन (Peasant movement) को लेकर विपक्ष पर लगातार हमला बनाए