इस बार वास्तविक होगा राष्ट्रपति पद के लिए मुकाबला सोलहवें राष्ट्रपति चुनाव (sixteenth presidential election) में ठीक-ठीक क्या होने जा रहा है, इस पर बेशक अभी अनुमान ही लगाए जा सकते हैं। बहरहाल, इस बार राष्ट्रपति पद के लिए मुकाबला वास्तविक होना तय है। 19 विपक्षी पार्टियों के उम्मीदवार के तौर पर, पूर्व-वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा (Former Finance Minister Yashwant …
Read More »राजेंद्र शर्मा
कश्मीर : दर्द बढ़ता ही गया ज्यों-ज्यों दवा की आरएसएस ने
तो मोदी के प्रत्यक्ष राज में क्या जम्मू-कश्मीर में कश्मीर फाइल्स दुहराई जा रही है! मोदी सरकार की कश्मीर नीति और नीयत की विध्वंसक विफलता (Devastating failure of Modi government’s Kashmir policy and intentions) के इस सबूत ने, सरकार की आठवीं सालगिरह के जश्नों का रंग जैसे उड़ा ही दिया है। चाहे संयोग ही सही, पर यह बहुत कुछ उजागर …
Read More »अमृत काल में विष वर्षा
Poison rain in nectar year स्वतंत्रता के 75वें वर्ष (75th year of independence) को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और उनके समूचे प्रचार-तंत्र ने ‘‘अमृत वर्ष’’ घोषित किया था, तब कम से कम यह किसी ने नहीं सोचा होगा कि इस सुंदर नाम की ओट में से, सांप्रदायिक विष की वर्षा का वर्ष निकलेगा। और विष की …
Read More »कोरोना से हर तीन में से एक मौत भारत में : मोदी राज के झूठे दावों की पोल खुलती जा रही
The false claims of Modi Raj are getting exposed कोरोना महामारी में इंसानी जानों की सबसे भारी कीमत भारत ने चुकाई. दुनिया हर तीन में एक मौत भारत में हैरानी की बात यह नहीं है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार (According to the World Health Organization), जो अपनी अनेक सीमाओं के बावजूद, कोविड-19 वायरस की महामारी (covid-19 virus pandemic) …
Read More »हिंदुत्व राज बबुआ बुलडोजर से आयी!
बुलडोजर मोदी राज का नया (अ) शुभंकर है योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर (Yogi Adityanath’s bulldozer) ज्यादा चर्चित भले हुआ हो, लेकिन मामा शिवराज का बुलडोजर (Mama Shivraj’s bulldozer) अपने निशाने में उससे ज्यादा खुलेआम और शुद्ध रूप से सांप्रदायिक रहा है। इससे बड़ी विडंबना क्या होगी? मध्य प्रदेश के भाजपायी मुख्यमंत्री, शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan, BJP Chief Minister …
Read More »सांप्रदायिक ढलान पर लुढ़कते हुए संघ-भाजपा की फर्जी हिन्दू गढ़ने की कोशिश
Hindu hone ka matalab| हिन्दू होने का मतलब क्या विक्रमी संवत का नव-वर्ष हिंदू नव वर्ष है? विक्रमी संवत के नव-वर्ष के हिंदू नव वर्ष होने के दावे (The new year of Vikrami Samvat claims to be the Hindu New Year) के साथ, निजी तौर पर तो नहीं, पर सोशल मीडिया पर बधाई संदेशों की जैसी बाढ़ इस बार देखने …
Read More »मजदूर हड़ताल का संदेश : एक धक्का और दो!
मजदूरों की देशव्यापी दो दिनी हड़ताल का संदेश क्या है? | What is the message of the workers’ nationwide two-day strike? देश भर में करोड़ों मजदूरों की दो दिन की हड़ताल और उसके साथ-साथ देश के बड़े हिस्से में किसानों तथा खेत मजदूरों के ग्रामीण बंद के प्रति, मोदी सरकार के लगभग पूरी तरह से अनदेखा ही करने की मुद्रा …
Read More »क्या इन नतीजों से विपक्ष और बंटकर मोदी की राह आसान करेगा?
Will these results further divide the opposition and make it easier for Modi? अप्रत्याशित न सही, हैरान करने वाली जरूर है भाजपा की जीत! यह अप्रत्याशित भले नहीं हो, कुछ हैरान करने वाला जरूर है। विधानसभा चुनाव के मौजूदा चक्र में प्रभावशाली कामयाबी और उसमें भी खासतौर पर उत्तर प्रदेश में जोरदार कामयाबी के मौके पर भाजपा मुख्यालय में हुई …
Read More »उप्र चुनाव : अब भाजपा का माफी-आसन
UP Election: Now BJP’s apology-posture उत्तर प्रदेश में भाजपा की दुर्दशा की कहानी पूर्वी उत्तर प्रदेश में सोनभद्र जिले के अंतर्गत, रॉबर्ट्सगंज विधानसभाई क्षेत्र की भाजपा की एक अनोखी जनसभा का वायरल हुआ वीडियो, चंद सैकेंडों में जिस तरह से उत्तर प्रदेश के इस विधानसभाई चुनाव की और उसमें भी सब से बढ़कर सत्ताधारी भाजपा की दुर्दशा की कहानी (The …
Read More »खिसियानी भाजपा विकास का मुखौटा नोचे! भाजपा के हाथ से फिसल रहा है चुनाव
उत्तर प्रदेश में मतदान के तीन चरण : भाजपा क्यों पिछड़ रही है? | Three phases of voting in Uttar Pradesh: Why is BJP lagging? उत्तर प्रदेश में मतदान के चौथे चरण (Fourth phase of voting in Uttar Pradesh) तक पहुंचने से पहले ही संघ-भाजपा का दम फूल गया लगता है। इसके लक्षण एक नहीं अनेक हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण …
Read More »अमृतकाल की लफ्फाजी : पर इस बजटमुक्त बजट में बजट कहां है?
Amritkal’s rhetoric: But where is the budget in this budget-free budget? मोदी राज में विडंबना रोज-रोज मरती है और रोज नया जन्म लेती है। बजट 2022-23 भी अपवाद नहीं है। सालाना बजट का संक्षेप में अर्थ है, एक वित्त वर्ष के आय-व्यय का मीजान। इसकी जरूरत सबसे बढ़कर इसलिए होती है कि एक जनतांत्रिक व्यवस्था में, अंतत: सरकार का आर्थिक …
Read More »73वां गणतंत्र दिवस : खतरा किधर से है!
73rd Republic Day: Where is the danger from! डॉ आंबेडकर ने 25 नवंबर 1949 को संविधान सभा को संबोधित करते हुए, सबसे बढ़कर खुद अपने श्रम के फल, स्वतंत्र भारत के संविधान की एक बुनियादी कमजोरी (A basic weakness of the Constitution of Independent India) को रेखांकित किया था और चेतावनी दी थी कि इस कमजोरी को जल्द से जल्द …
Read More »यूपी चुनाव 2022 : हो चुकी है मोदी राज के अंत की शुरूआत!
UP Elections 2022: The end of Modi Raj has begun! | 70 सालों में मोदी राज में पहली बार भाजपा में खदेड़ा ओमिक्रॉन से संचालित कोरोना की तीसरी लहर (Omicron-powered third wave of corona) के ज्वार को देखते हुए, चुनाव आयोग को विधानसभाई चुनावों के अगले चक्र की तारीखों की घोषणा के साथ ही, चुनाव सभाओं, जुलूसों, आदि पर फिलहाल …
Read More »धर्मनिरपेक्षता ही नहीं, हिंदू धर्म और धार्मिक परंपराओं के भी खिलाफ है ‘हिंदुत्व’
Not only secularism, ‘Hindutva’ is also against Hindu religion and religious traditions हिंदू धर्म और हिंदुत्व का अंतर : एकदम सही निशाने पर लगा है राहुल गांधी का तीर राहुल गांधी के हिंदुत्व और हिंदू धर्म के अंतर और वास्तव में उनके एक-दूसरे के विरोधी होने को रेखांकित करने से भारत को बहुसंख्यकवादी निरंकुशता के रास्ते पर धकेले जाने का …
Read More »2022 : चुनौतियां और संभावनाएं | भारतीय जनतंत्र का संकट गहरे रंगों में उभरकर सामने आया है
2022: Challenges and Prospects नये साल की दहलीज पर खड़ा भारत, अपने साथ क्या लेकर उस नये साल में जा रहा है, जो एक स्वतंत्र देश के रूप में उसके पचहत्तर वर्ष पूरे होने का वर्ष भी होगा। एक छोटी सी विडंबना, उस विरासत को बखूबी उजागर कर देती है, जो लेकर भारत, 2022 में जा रहा है। यह विडंबना …
Read More »ओमिक्रॉन की दस्तक: अंदेशे और संदेशे!
कहीं भारत में कोरोना महामारी की तीसरी लहर (third wave of corona pandemic in india) का कारण न बन जाए ओमिक्रॉन इसकी आशंकाएं तेजी से बढ़ रही हैं कि कोविड-19 का नया वेरिएंट, ओमिक्रॉन (The new variant of COVID-19, Omicron) कहीं भारत में इस महामारी की डरावनी तीसरी लहर का कारण न बन जाए। दक्षिण अफ्रीका में पहली बार पहचाने …
Read More »उप्र में भाजपा की हंफनी छूट रही है, पर ओवैसी भाईजान हैं न
उप्र : दुतरफा सांप्रदायिक खेला उत्तर प्रदेश में भाजपा की हंफनी छूट रही लगती है। चुनाव अभी कम से दो महीने दूर है। फिर भी भाजपा ने न सिर्फ अपनी सांप्रदायिक दुहाई का ज्यादा से ज्यादा सहारा लेना शुरू कर दिया है बल्कि सांप्रदायिक दुहाई के अपने भड़काऊ से भड़काऊ नारों का सहारा लेना शुरू कर दिया है। ऐसी ही …
Read More »‘संविधान दिवस’ कार्यक्रम : तिलमिला क्यों गए प्रधानमंत्री मोदी?
दिवस वहां, संविधान कहां! ‘संविधान दिवस’ के इस आयोजन से अनुपस्थित रहने का 14 विपक्षी दलों का फैसला : तिलमिला गए प्रधानमंत्री ‘Constitution Day’ program: Why did Prime Minister Modi go to tears? इस में हैरानी की कोई बात नहीं है कि सेंट्रल हाल में आयोजित सातवें ‘संविधान दिवस’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi at the 7th ‘Constitution Day’ …
Read More »कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले का ऐलान : एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो!
किसानों के संघर्ष के आगे झुक गई मोदी सरकार Modi government bowed before the farmers’ struggle आखिरकार, किसानों के संघर्ष ने मोदी सरकार को झुकने को मजबूर कर दिया है। गुरु पर्व के मौके पर, राष्ट्र के नाम एक विशेष संबोधन के जरिए, प्रधानमंत्री मोदी ने न सिर्फ तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले का ऐलान किया …
Read More »सात साल : जीना मुहाल
Digital India ‘नीति बनाने वालों को हकीकत का पता होना चाहिए। आप डिजिटल इंडिया का नाम लेते हैं, पर ग्रामीण इलाकों में हालात अलग हैं। यह देखना चाहिए कि देश भर में क्या हो रहा है? झारखंड का श्रमिक, राजस्थान में कैसे रजिस्ट्रेशन कराएगा।’ ये शब्द देश के सर्वोच्च न्यायालय के हैं। सर्वोच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय खंड पीठ ने, …
Read More »आत्मनिर्भर भारत : जनता राम भरोसे | जनता को किस्मत भरोसे छोड़ने का अपराध, मोदी सरकार ने सोच-समझकर किया है
Self-reliant India: Janta Ram Bharose | Modi government has deliberately committed the crime of leaving the public to luck कोविड-19 महामारी की दूसरी घातक लहर के बीच, शासन द्वारा भारतीयों को पूरी तरह से अपनी किस्मत के भरोसे छोड़ दिए जाने के साक्ष्य अनगिनत हैं। इस भयावह लहर के जोर पकड़ने के साथ, विशेष रूप से अप्रैल के मध्य से, …
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