भाजपा राज में गोडसे के मंदिर पर नहीं, गांधी का शहादत दिवस मनाने पर प्रतिबंध - माले

hastakshep
30 Jan 2020
भाजपा राज में गोडसे के मंदिर पर नहीं, गांधी का शहादत दिवस मनाने पर प्रतिबंध - माले

Ban on celebrating Gandhi's martyrdom day, not at temple of Godse in BJP rule - CPI (ML) condemned bitterly

लखनऊ, 30 जनवरी। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) की राज्य इकाई कहा है कि शहादत दिवस पर गुरुवार को गाजीपुर, बलिया समेत कई जिलों में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि (Tribute to Mahatma Gandhi) तक अर्पित करने पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया। इसके लिए धारा 144 का हवाला दिया गया।

गाजीपुर में गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने जा रहे माले के नेताओं-कार्यकर्ताओं को पार्टी कार्यालय में ही नजरबंद कर पुलिस का पहरा बिठा दिया गया। वहीं, बलिया जिले के चेतन किशोर गांव में श्रद्धांजलि देने के लिए भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव की अगुवाई में एकत्र हुए सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने से पुलिस ने रोक दिया। ये कार्यकर्ता पार्टी के प्रदेशव्यापी आह्वान पर गांधी को श्रद्धांजलि देने एक किमी दूर सिकंदरपुर कस्बा जाने को मार्च निकाल रहे थे।

रोके जाने पर सड़क पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए माले राज्य सचिव ने कहा कि भाजपा सरकार में गांधी के हत्यारे हिन्दू राष्ट्रवादी गोडसे का मंदिर (Temple of Godse, the assassin of Gandhi, Hindu nationalist) बनाने की तो इजाजत है, लेकिन गांधी का शाहदत दिवस मनाने और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने की नहीं। उन्होंने इसकी तीखी निंदा की।

साथ ही, गोरखपुर के डॉ. कफील को कथित भड़काऊ भाषण करने का आरोप लगाकर मुंबई में बुधवार देर रात उत्तर प्रदेश की एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार कर लिए जाने की भी भर्त्सना करते हुए कहा कि उन्हें योगी सरकार द्वारा बदनियती से गिरफ्तार किया गया है। वे पहले से ही योगी सरकार के निशाने पर हैं। यहां तक कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज के ऑक्सीजन कांड में भी उन्हें सरकार द्वारा बलि का बकरा बनाया गया था। उन्हें अविलंब रिहा किया जाना चाहिए और उनके विरुद्ध सीएए-एनआरसी को लेकर एएमयू के छात्रों को संबोधित करने पर अलीगढ़ में आईपीसी की धारा 153-ए (विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने) के तहत पुलिस द्वारा जो मुकदमा दर्ज किया गया है, उसे अविलंब निरस्त किया जाना चाहिए।

Communal discord is not Dr. Kafeel, but actually BJP leaders are spreading

माले नेता ने कहा कि साम्प्रदायिक वैमनस्य तो डॉ. कफील नहीं, असल में भाजपा नेता फैला रहे हैं, जैसा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के हो रहे प्रचार में देखने को मिल भी रहा है। लेकिन ऐसे भाजपा नेताओं - केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर व सांसद प्रवेश वर्मा - के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कौन कहे, उनके चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध तक नहीं लगाया जा रहा। कहा कि इन दोनों भाजपा नेताओं को पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची से निकालने का चुनाव आयोग का निर्देश अपराध के अनुरूप कोई दंड नहीं है।

ज्ञातव्य है कि भाकपा (माले) ने गुरुवार को गांधी का शहादत दिवस मनाने और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए)-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ नागरिकता-संविधान-लोकतंत्र को बचाने का संकल्प लेने का प्रदेशव्यापी आह्वान किया था।

पार्टी का मानना है कि जिस हिन्दू राष्ट्रवादी विचारधारा के समर्थकों ने गांधी की हत्या की, उसी विचारधारा के लोग आज सीएए-एनआरसी के माध्यम से संविधान की हत्या कर धर्मनिरपेक्ष भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने चाहते हैं। इसके खिलाफ पूरा देश संविधान की रक्षा में आंदोलित है।

लखनऊ में, जीपीओ पार्क स्थित गांधी प्रतिमा पर वाम दलों के नेताओं ने माल्यार्पण किया। इनमें माले के रमेश सेंगर व राधेश्याम मौर्य, माकपा के छोटेलाल, भाकपा के परमानंद द्विवेदी, फारवर्ड ब्लॉक के उदय सिंह प्रमुख थे। इस मौके पर वाम दलों के दर्जनों कार्यकर्ता भी उपस्थित थे। माल्यार्पण के बाद भारतीय संविधान की प्रस्तावना का सामुहिक पाठ किया गया।

लखनऊ में ही घंटाघर पर एक पखवारे से सीएए-एनआरसी-एनपीआर के विरोध में चल रहे महिलाओं के धरने पर भाकपा (माले) की केंद्रीय समिति सदस्य व ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी ने कार्यकर्ताओं के साथ पहुंच कर समर्थन दिया।

समाचार देने तक, उपरोक्त के अलावा वाराणसी,  मऊ, जालौन, सीतापुर, उन्नाव व मथुरा में भी कार्यक्रम होने की सूचना पार्टी मुख्यालय को मिली।

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