भारत जोड़ो यात्रा : जस्टिस काटजू ने पूछा क्या आपातकाल फासिज्म नहीं था ?

Justice Katju's article on Rahul Gandhi's Bharat Jodo Yatra. भारत जोड़ो यात्रा से क्या व्यापक जातिवाद और साम्प्रदायिकता पर ज़रा भी असर पड़ेगा ? वह मूर्ख हैं जो ऐसा समझते हैंI उसको समाप्त करने के लिए एक महान जनक्रांति की आवश्यकता है

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Guest writer
07 Jan 2023 | एडिट 05 May 2023
भारत जोड़ो यात्रा : जस्टिस काटजू ने पूछा क्या आपातकाल फासिज्म नहीं था ?

Justice Markandey Katju

 राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर जस्टिस काटजू का लेख

जो लोग कहते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा का उद्देश्य फासिज्म का मुक़ाबला करना है, वह यह बताएं कि क्या 1975 का आपातकाल फासिज्म नहीं था ? राहुल गाँधी ने कभी उसकी भर्त्सना की ? एक बार अवश्य उन्होंने कहा कि आपातकाल गलत था परन्तु इन्दिरा गांधी या आपातकाल की कड़ी भर्त्सना नहीं की और उस समय के व्यापक जुल्मों का कोई वर्णन नहीं किया। ये तो ऐसे ही हुआ जैसे मनमोहन सिंह ने एक बार कहा कि सिखों का नरसंहार गलत था। सौ- सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।

कुछ लोग कहते हैं कि राहुल गाँधी जनता के असल मुद्दे उठा रहे हैंI पर मुद्दे तो कोई भी उठा सकता हैI क्या राहुल गाँधी के पास देश में भीषण और व्यापक ग़रीबी, भुखमरी, बेरोज़गारी, महंगाई आदि को समाप्त करने की कोई स्पष्ट योजना है ? कुछ भी नहींI वास्तव में भारत जोड़ो यात्रा सिर्फ एक नौटंकी हैI इसका एक ही उद्देश्य है गाँधी परिवार को फिर से सत्ता दिलानाI

सत्ता के बाहर कांग्रेसी उसी तरह तड़प रहा है जैसे मछली पानी के बाहर तड़पती हैI

इस यात्रा से क्या व्यापक जातिवाद और साम्प्रदायिकता पर ज़रा भी असर पड़ेगा ? वह मूर्ख हैं जो ऐसा समझते हैंI उसको समाप्त करने के लिए एक महान जनक्रांति की आवश्यकता है जो अभी कहीं नहीं दिखाई देतीI मगर दुर्भाग्य से भारत के लोगों की अविकसित समझ के कारण वह ऐसे जाल में फँस जाते हैं, और बन्दर जैसे एक मदारी के सामने नाचने लगते हैं।

जस्टिस मार्कंडेय काटजू

न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू,  लेखक सर्वोच्च न्यायालय के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश हैं।

 

 

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