नई दिल्ली, 11 मार्च 2020. मध्य प्रदेश के लगातार बदलते घटनाक्रम में अब मप्र भाजपा के लिए दूसरा महाराष्ट्र साबित होने जा रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भरोसे मप्र में कमल खिलाने का स्वप्न देखने वाली भाजपा के मंसूबों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि सिंधिया गुट के जो 19 विधायक बेंगलुरू में पर्यटन कर रहे हैं, उनमें से 16 ने कमलनाथ से संपर्क कर साफ कर दिया है कि अगर ज्योतिरादित्य कांग्रेस में रहते तो वे उनके साथ थे, लेकिन भाजपा में जाने के विषय में इन विधायकों से कोई राय मशविरा नहीं किया गया और वे सिंधिया की तरह कांग्रेस से विश्वासघात नहीं कर सकते।
सूत्रों का कहना है कि आज रात तक सभी विधायकों के भोपाल में कमलनाथ के पास जाने की खबर है।
उधर सिंधिया के भाजपा प्रवेश से भाजपा में भी रार मची हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की खामोशी “मोशा” के लिए चिंता का सबब बन गई है। दरअसल मोशा कंपनी शिवराज सिंह की जगह पर कैलाश विजयवर्गीय या नरेंद्र सिंह तोमर को अब मप्र की कमान देना चाहती है, क्योंकि शिवराज सिंह चौहान मोशा कंपना के लिए अंदरूनी खतरा है। सूत्रों का कहना है कि शिवराज सिंह भी इस दावं के भांप गए हैं और इसीलिए भाजपा के कुछ विधायक गायब बताए जा रहे हैं। ऐसे में देखना ये दिलचस्प रहेगा कि क्या भाजपा अब सिंधिया को दगा देगी ?
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