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Blood pressure measuring device sphygmomanometer still the first choice of doctors
नई दिल्ली, 17 मई: वर्तमान दौर में विभिन्न डिजिटल उपकरण तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। इसके बावजूद रक्तचाप मापने के लिए उपयोग होने वाला मर्करी युक्त परंपरागत रक्तचापमापी यंत्र (स्फिग्मोमैनोमीटर) आज भी डॉक्टरों की पहली पसंद बना हुआ है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रोपड़ के अध्ययनकर्ताओं द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में यह बात उभरकर आयी है।
वर्तमान समय में रक्तचाप मापने के लिए व्यापक रूप से स्वीकृत तीन उपकरण उपलब्ध हैं। इन उपकरणों में मर्करी स्फिग्मोमैनोमीटर (बीपी मॉनिटर), एरोइड स्फिग्मोमैनोमीटर, और डिजिटल बीपी मॉनिटर शामिल हैं। इस सर्वेक्षण में शामिल अधिकतर डॉक्टरों और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े स्वास्थ्यकर्मियों एवं कर्मचारियों ने माना है कि मर्करी स्फिग्मोमैनोमीटर के परिणाम बेहद सटीक होते हैं। इसी कारण मर्करी स्फिग्मोमैनोमीटर आज भी उनकी पहली पंसद बना हुआ है।
Mercury sphygmomanometer is better for measuring high blood pressure
सर्वेक्षण में शामिल 82 प्रतिशत लोगों का मानना है कि उच्च रक्तचाप मापने के लिए मर्करी स्फिग्मोमैनोमीटर बेहतर है, और इसके परिणाम सटीक होते हैं। वहीं, 12 प्रतिशत लोगों ने एरोइड स्फिग्मोमैनोमीटर और 06 प्रतिशत लोगों ने स्वचालित डिजिटल बीपी मॉनिटर के परिणामों को बेहतर बताया है। सर्वेक्षण में 88 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा है कि यदि उन्हें मर्करी स्फिग्मोमैनोमीटर जैसा मापन उपकरण उपलब्ध कराया जाए, जिसके परिणाम इस यंत्र की भांति सटीक हों, और वह मर्करी रहित हो तो, वह उसे अवश्य खरीदना चाहेंगे।
इस सर्वेक्षण में तीन एमबीबीएस स्नातक, 59 चिकित्सा एवं संबद्ध शाखा विशेषज्ञ (एमडी), 32 विशिष्ट विशेषज्ञ और 45 अन्य विशेषज्ञ (गैर-चिकित्सा विशेषज्ञों से एमडी) आदि शामिल थे। यह सर्वेक्षण भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रोपड़ और दयानन्द मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, लुधियाना ने मिलकर किया है। यह सर्वेक्षण ‘ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग’ जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
संपूर्ण विश्व के लिए उच्च रक्तचाप एक गंभीर समस्या है। उच्च रक्तचाप की गिनती उन रोगों की श्रेणी में की जाती है, जिसके कारण वर्ष भर में सर्वाधिक मृत्यु होती है। इसके कारण शरीर में रक्त संचार बहुत तेज हो जाता है। इस कारण सीने में दर्द, सांस लेने मे तकलीफ, सिर में तेज दर्द और थकान जैसे लक्षण उभरकर आते हैं।
वर्ष 2017 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, आठ भारतीयों में से एक व्यक्ति उच्च रक्तचाप से पीड़ित है।
उच्च रक्तचाप पर लैंसेट आयोग ने प्रारंभिक कदम के रूप में रक्तचाप मापन की गुणवत्ता में समग्र सुधार की पहचान की बात कही है, जो मृत्यु दर में कमी लाने में प्रभावी हो सकता है। उच्च रक्तचाप के गलत परिणाम न केवल रोगियों को उचित चिकित्सा से वंचित कर सकता हैं, बल्कि स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्या को भी बढ़ा सकता हैं। अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि रक्तचाप के गलत मापन के प्रमुख कारणों में से एक उपकरण का सटीक ढंग से काम नहीं करना है।
Mercury sphygmomanometer vs digital
वर्तमान में मर्करी स्फिग्मोमैनोमीटर की तुलना में एरोइड स्फिग्मोमैनोमीटर और स्वचालित डिजिटल बीपी मॉनिटर का प्रयोग अधिक किया जाता है। इसका मुख्य कारण है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मिनामाता समझौते के तहत मर्करी के सीमित प्रयोग की बात कही गई है। इस समझौते का उद्देश्य मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को मर्करी के खतरनाक दुष्प्रभावों से बचाना है। इसी कारण मर्करी स्फिग्मोमैनोमीटर के उत्पादन एवं बाजार में इसकी उपलब्धता में कमी आई है।
(इंडिया साइंस वायर)