Brain paralysis increases on cold days: Dr. Sumanto Chatterjee
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लक्षणों को सही समय पर अगर पहचान ले तो बच सकते हैं ब्रेन स्ट्रोक से : डॉ. मुनेश्वर एम सूर्यवंशी
गाजियाबाद, 12 जनवरी 2020. आज रविवार को यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी गाजियाबाद(Yashoda Super Specialty Hospital Kaushambi Ghaziabad) में एक निःशुल्क ब्रेन एवं स्पाइन कैंप लगाया गया। शिविर का उद्घाटन हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर पी एन अरोड़ा ने किया।
यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट (Senior neurologist in Delhi/NCR) डॉक्टर सुमन्तो चटर्जी एवं डॉक्टर मुनेश्वर एम सूर्यवंशी ने मरीजों को निशुल्क परामर्श देकर मस्तिष्क रीढ़ की हड्डी एवं तंत्रिका तंत्र की बीमारियों के इलाज एवं बचाव(Treatment and prevention of diseases of the brain, spinal cord and nervous system) हेतु परामर्श दिया।
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कैंप में आए मरीजों में काफी मरीज ऐसे थे, जिन्हें मधुमेह था और उसकी वजह से उन्हें हाथ पांव में झुनझुनाहट की समस्या थी, कमर दर्द एवं गर्दन के दर्द के मरीज भी पाए गए। आजकल की बदलती शैली की वजह से सर्वाइकल स्पाइन पेन - Cervical spine pain (गर्दन का दर्द) एवं बैक पेन की समस्या काफी बढ़ रही है।
डॉ सुमन्तो चटर्जी ने बताया कि खानपान में बदलाव एवं अनियमित दिनचर्या, लंबे समय तक बैठे रहने की आदत, लंबे समय तक कार की सीट पर बैठने की वजह से एवं व्यायाम की कमी की वजह से यह समस्या और बढ़ रही है।
कैंप का संचालन अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अनुज अग्रवाल की देखरेख में हुआ। डॉ अनुज ने बताया कि मरीजों की विशेष छूट पर न्यूरो से संबंधित जांच भी कराई गई।
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कैंप में गौरव पांडेय, डॉ विकास, सौरभ शर्मा, हिमांशु, प्रीति ने मरीजों का मार्गदर्शन किया।
अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ सुनील डागर ने बताया कि हर रविवार को हो रहे निशुल्क स्वास्थ्य शिविरों के क्रम में अगले रविवार को एक विशाल निशुल्क मोटापा जांच शिविर लगाया जाएगा जिसमें बॉडी फैट एनालिसिस की जांच मशीनों द्वारा निशुल्क की जाएगी एवं वरिष्ठ बेरिएट्रिक सर्जन डॉक्टर सुशांत वढेरा द्वारा निशुल्क परामर्श भी दिया जाएगा तथा एक मोटापे से कैसे बचें(How to avoid obesity) विषय पर जागरूकता व्याख्यान का भी आयोजन होगा। साथ ही फिजियोथैरेपिस्ट एवं डाइटिशियन द्वारा मोटापे को कम करने की डाइट एवं एक्सरसाइज के बारे में भी बताया जाएगा।
डॉ सुमन्तो चटर्जी ने बताया कि हाथ पैर की मांस पेशियों की ताकत की जांच के लिए इलेक्ट्रोमायोग्राफी ईएमजी टेस्ट के माध्यम से मरीजों की जांच की गई, ऐसे मरीज जिनमें मिर्गी के दौरे पड़ने की शिकायत होती है उन्हें ईईजी (इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राम) टेस्ट के माध्यम से जांच की सलाह दी गई।
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शरीर के विभिन्न भागों की नसों में एवं तंत्रिका तंत्र में संचार की जांच हेतु नर्व कंडक्शन वेलोसिटी - Nerve conduction velocity (एनसीवी) टेस्ट की सलाह दी गई।
ब्रेन ट्यूमर या लकवे के मरीजों में सीटी स्कैन के माध्यम से जांच की गई एवं कई मरीजों में एमआरआई की भी आवश्यकता पड़ी।
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