‘कोरोना काल में नवजात शिशु स्तनपान’ विषय पर जागरूक किया (Made aware on the subject of 'breastfeeding newborn in the corona period')
नवजात शिशु की मां कोरोना वायरस संक्रमित हो जाय, तो उसे क्या करना चाहिए
गाजियाबाद, 8 जनवरी 2021: यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी की नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ दीपिका रस्तोगी एवं डॉ अजीत कुमार ने कोविड उपचाराधीन और कोविड संक्रमण संभावित माँ को भी सारे प्रोटोकाल का पालन करते हुए स्तनपान कराने पर जोर देते हुए हॉस्पिटल में आज एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया ।
परामर्श के लिए आयीं माताओं एवं भर्ती नवजातों की माताओं को इस हेतु जाग्रत किया गया।
डॉ दीपिका रस्तोगी ने बताया कि बहुत सारी माताओं के मन में यह संशय होता है कि यदि वह कोविड-19 पॉजिटिव आ गई या उनको कोविड-19 के लक्षण हो तो वह अपने नवजात को स्तनपान कराएं या ना कराएं।
नवजात शिशु को स्तनपान क्यों कराते रहना चाहिए?
डॉ दीपिका ने माताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चे को ऐसे में स्तनपान से वंचित करने से उसका पूरा जीवन चक्र प्रभावित हो सकता है इसलिए नवजात शिशु को स्तनपान कराते रहना चाहिए।
उन्होंने बताया कि ऐसे में स्तनपान से पहले हाथों को अच्छी तरह से साफ़ कर लें और नाक व मुंह को मास्क से अच्छी तरह से ढंककर ही दूध पिलायें।
डॉ अजीत कुमार ने बताया कि जो माताएं बच्चे को सही समय पर और सही तरीके से भरपूर स्तनपान कराती हैं, उन्हें बच्चे को लेकर कोरोना काल में बहुत चिंता करने की जरूरत नहीं होती है।
मां के दूध की अहमियत क्यों है?
डॉ अजीत कुमार ने बताया कि मां के दूध की अहमियत सर्वविदित है, यह बच्चे को रोगों से लड़ने की ताकत प्रदान करने के साथ ही उसे आयुष्मान भी बनाता है। कोरोना ही नहीं बल्कि कई अन्य संक्रामक बीमारियों से मां का दूध बच्चे को पूरी तरह से महफूज बनाता है।