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Don't Ignore Calcium Deficiency
नई दिल्ली, 11 जनवरी 2022। यदि आप मसल क्रैम्प (muscle cramps in hindi), लो बोन डेंसिटी (low bone density), दांत में दर्द (toothache) या मासिक धर्म में दर्द (menstrual pain) का सामना कर रहे हैं तो इसे हल्के में न लें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, हो सकता है आप कैल्शियम की कमी (Calcium Deficiency in Hindi) से जूझ रहे हों।
कैल्शियम शरीर के लिए क्यों जरूरी है? जानिए शरीर के लिए कितना जरूरी और फायदेमंद है कैल्शियम…
कैल्शियम मजबूत हड्डियों के लिए जरूरी है, यह रक्त के थक्के (ब्लड क्लॉटिंग- blood clotting) में भी मदद करता है। शिशुओं के शुरुआती विकास और मांसपेशियां बनाने में भी सहायक होता है। कैल्शियम की कमी से कमजोर नाखून, दांत में दर्द, मासिक धर्म दर्द, धड़कन बढ़ना और नाड़ी की समस्याएं हो सकती हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 14 से 20 साल उम्र के ज्यादातर भारतीय से कैल्शियम की कमी से जूझ रहे हैं। सब्जियां, दही, बादाम और पनीर इसके स्रोत हैं।
हाइपोकैल्शिमिया क्या है ?
एक पुरानी खबर के मुताबिक इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने बताया कि कैल्शियम की कमी जिसे हायपोकैल्शिमिया (hypocalcemia in Hindi) भी कहा जाता है, तब होता है जब आपको पूरा कैल्शियम नहीं मिलता। अच्छी सेहत के लिए कैल्शियम के महत्व के बारे में पता होना चाहिए।
डॉक्टर से सलाह लें, खुद डॉक्टर न बनें
उन्होंने कहा था कि जिन लोगों में कैल्शियम की कमी हो, उन्हें अपने आप दवा नहीं लेनी चाहिए और ज्यादा मात्रा में सप्लीमेंट्स नहीं लेने चाहिए। डॉक्टर से सलाह लें और सेहतमंद खानपान के साथ सप्लीमेट लें।
उम्र के साथ भी हो सकती है कैल्शियम की कमी
उन्होंने कहा था कि उम्र के साथ कैल्शियम की कमी (Calcium deficiency can also occur with age) हो सकती है। शरीर का ज्यादातर कैल्शियम हड्डियों में संचित होता है। उम्र बढ़ने के साथ हड्डियां पतली और कम सघन हो जाती हैं जिससे कैल्शियम की मांग बढ़ जाती है।
क्यों होती है शरीर में कैल्शियम की कमी?
भूखे रहने और कुपोषण, हार्मोन की गड़बड़ी, प्रिमैच्योर डिलीवरी और मैलएब्र्सोब्शन की वजह से भी कैल्शियम की कमी हो सकती है। मैलएब्र्सोब्शन (कुअवशोषण malabsorption meaning in Hindi) तब होता है, जब हमारा शरीर खुराक से विटामिन और मिनरल नहीं सोख पाता।
शरीर में कैल्शियम की कमी के लक्षण : Symptoms of calcium deficiency in the body
मसल क्रैम्प : होमोग्लोबिन और पानी की उचित मात्रा लेने के बावजूद अगर आप नियमित रूप से मसल क्रैम्प का सामना कर रहे हैं तो यह कैल्शियम की कमी का संकेत हैं।
लो बोन डेनसिटी : जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है कैल्शियम हड्डियों की मिनरलेजाईशन (mineralization of bones) के लिए जरूरी होता है। कैल्शियम की कमी सीधे हमारी हड्डियों की सेहत पर असर करती है और ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ा सकती है।
कमजोर नाखून (weak nails) : नाखून के मजबूत बने रहने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है, उसकी कमी से वह भुरभुरे और कमजोर हो सकते हैं।
दांत में दर्द (toothache in Hindi) : हमारे शरीर का 90 प्रतिशत कैल्शियम दांतों और हड्डियों में जमा होता है उसकी कमी से दांतों और हड्डियों का नुकसान हो सकता है।
मासिक धर्म दर्द : कैल्शियम की कमी वाली महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान काफी तीव्र दर्द हो सकता है, क्योंकि मांसपेशियों के काम करने में कैल्शियम अहम भूमिका निभाता है।
इम्यूनिटी में कमी (decreased immunity) : कैल्शियम सेहतमंद रोग प्रतिरोधक क्षमता बना के रखता है। कैल्शियम में कमी पैथगॉन अटैक से जूझने की क्षमता कम कर देता है।
नाड़ी की समस्याएं : कैल्शियम कमी से न्यूरोलॉजिकल समस्याएं (neurological problems) जैसे कि सिर पर दबाव की वजह से सीजर और सिरदर्द हो सकता है। इसकी कमी से डिप्रेशन, इनसोमेनिया, पर्सनैल्टिी में बदलाव और डेम्निशिया (Dementia) भी हो सकता है।
धड़कन : कैल्शियम दिल के बेहतर काम करने के लिए आवश्यक है और कमी होने पर हमारे दिल की धड़कन बढ़ सकती है और बेचैनी हो सकती है। कैल्शियम दिल को रक्त पंप करने में मदद करता है।
डॉ. अग्रवाल की सलाह थी कि अगर आप इनमें से किसी लक्षण का सामना कर रहे हैं तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।