सिंपल टैस्ट है–जो राष्ट्र गौरव अडानी को बचाने से करें इंकार, एंटी-नेशनल हैं! राष्ट्रभक्त वही, जो अडानी को बचावे। गांठ की सारी लगानी पड़े तो हिचके नहीं, पर अडानी के डूबते शेयर को बाजार में तैरावे।
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सम्राट अकबर और जैन
महान मुग़ल सम्राट अकबर, जिन्हें मैं भारत का वास्तविक पिता मानता हूँ, सभी धर्मों का सम्मान करते थे, जिनमें से एक जैन धर्म था, जो उस समय भारत में व्यापक था।
एक बहुत उपयोगी पुस्तक है ‘सरदार पटेल तथा भारतीय मुसलमान’
राजकमल प्रकाशन से आई 400 रुपये की इस किताब को पढ़ना और समझना साप्रदायिक शक्तियों को काफी कमज़ोर करेगा, क्योंकि पटेल के प्रति गलत धारणाओं से ही उन्होंने सरदार को अपना नायक बनाया हुआ है.
भाजपा को मजबूत करने के लिए संघ के इशारे पर शूद्र राजनीति का झुनझुना बजा रहे हैं अखिलेश यादव
लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा की रणनीति पर समाजवादी पार्टी काम कर रही है ताकि चुनाव को ध्रुवीकरण की आग में झोंका जा सके। समाजवादी पार्टी भाजपा को मजबूत और पिछड़ी जातियों को कमजोर करना चाहती है।
होसबोले का बयान : क्या इस तरह की कपटपूर्ण चालों से मुसलमान प्रभावित होंगे?
गोमांस खाने वाले भी क्या हिन्दू धर्म में आ सकते हैं? इस्लाम और ईसाई धर्म को अपना भारतीयकरण करने की आवश्यकता नहीं है। दरअसल आरएसएस और हिन्दुत्व की विचारधारा का भारतीयकरण होना चाहिए और उन्हें नस्ल पर आधारित हिन्दू श्रेष्ठतावाद को त्यागना चाहिए।
असंवेदनशील होते समाज/लोगों में संवेदनशीलता जगाती है ‘जीवन में संविधान’
‘जीवन में संविधान’ किताब के लेखक सचिन कुमार जैन पिछले 25 सालों से समाज के मूलभूत विषयों पर अन्य सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर शिक्षण-प्रशिक्षण, शोध, लेखन और मैदानी काम करते आ रहे हैं.
गिरते-पड़ते इंडेक्स में नेता जी. कम से कम एक इंडेक्स में तो मोदी जी भारत का मान बढ़ाने में कामयाब रहे
देश का हर प्रधानमंत्री कम से कम 18 घंटे काम करता है। मोदी जी भी करते हैं, वे हमेशा खुद को, सरकार को और अपनी पार्टी को इलेक्शन मोड में रखते हैं। भले ही हम युद्ध के लिए हर समय तैयार हों या न हों लेकिन इलेक्शन के लिए हर समय तैयार रहते हैं। लोकप्रियता का यही मूलमंत्र है।
‘अडानी इज इंडिया’ दावे पर इतना सन्नाटा क्यूँ है भाई!
अडानी क्या है ? किसकी वजह से है ? यह बात पूरी दुनिया जानती थी; हिन्डेनबर्ग के एन्डरसन ने तो बस उसके दस्तावेजी सबूत जमा किये हैं।
आम बजट 2023 : देश बेचने से कुछ कदम पीछे हटी मोदी सरकार!
जनता की ताकत का कोई जवाब नहीं, इसलिए हर शासक को उसकी भावना का आदर करना पड़ता है, चाहे वह मोदी जैसा क्रूर व देश विरोधी तानाशाह ही क्यों न हो।
बंधुत्व और एकजहती के ब्रांड एंबेसडर के रूप में उभरे राहुल गांधी
अंततः राहुल गांधी को अपना कनेक्ट मिल गया है जिसके माध्यम से वे हिंदू राष्ट्रवाद का जवाब पेश कर रहे हैं। ये वही जवाब है जो सदियों पहले शहजादे दाराशिकोह द्वारा सुझाया गया था.
शिक्षा के प्रांगण : कक्षा से कैंटीन कल्चर तक
शिक्षण संस्थानों में फैला कैंटीन कल्चर व्यापक बाज़ारवाद का ऐसा कॉरिडोर है, जहां से गुजर कर वह (बाजारवाद) अपनी निर्विघ्न यात्रा तय करता है.
लाल चौक पर राहुल गांधी ने फहराया तिरंगा, जस्टिस काटजू बोले- बस हो चुकी नमाज, मुसल्ला उठाइए
तो भारत जोड़ो यात्रा का असली संदेश है : भारतीयों, कांग्रेस को फिर से सत्ता में लाओ ( मेरे परिवार के नेतृत्व में, क्योंकि हम भारत के शाही परिवार हैं), क्योंकि हम मछली की तरह पानी से बाहर सत्ता से बाहर रहने के अभ्यस्त नहीं हैं, और सत्ता की रोटियों बग़ैर आनंद लेने में सक्षम नहीं हैं।
संघ परिवार की बेमेल जुगलबंदी : रौद्र और कोमल की जुगलबंदी की जुगत के पीछे क्या है ?
क्या मोदी और भागवत के भाषण एक दूसरे के विरोधी हैं? अभी हाल में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में प्रधानमंत्री मोदी कोमल स्वर में राग गाते नजर आये। फिल्मों के बारे में मोदी की टिप्पणी के निहितार्थ क्या हैं?
यहाँ सुख के भी दुःख होते हैं… ये जीवन है …
आज अपने दामन में
बो लिए हैं खार हमने
और चाहा दूसरों से
प्यार, केवल प्यार हमने
गणतंत्र दिवस : भारी होती परेड, हल्का पड़ता गणतंत्र
In what condition is the Republic of India today? गणतंत्र दिवस की 54वीं सालगिरह : तानाशाही के और बढ़ाए जाने का मोदीराज का एलान
भारत जोड़ो यात्रा : सफल हो गए राहुल गांधी, अब ओछे हथकंडे न अपनाए भाजपा
जब नोटबंदी और धारा 370 खत्म करने के बाद कश्मीर में आतंकवाद खत्म हो गया तो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को क्यों रोकना चाहती है भाजपा?
भारत में वर्तमान ऐतिहासिक स्थिति पर जस्टिस काटजू का लेख
संघर्ष लंबा और कठिन होगा, और इसे चलाने के लिए बहुत धैर्य की आवश्यकता होगी, क्योंकि इसका अर्थ है हमारे लोगों की पिछड़ी हुई मानसिकता को बदलना, जो कि अत्यंत कठिन कार्य है।
आज है सभी मनुष्यों को दार्शनिक बताने वाले अंतोनियो ग्राम्शी का जन्मदिन
अन्तोनियो ग्राम्शी के चिंतन का सार क्या है? अंतोनियो ग्राम्शी का जन्मदिन पर प्रोफेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी से जानिए ग्राम्शी की आठ शिक्षाएं
ब्रजभूषण शरण सिंह का इस्तीफा : भाजपा में इस्तीफे नहीं होते; सिर्फ काण्ड होते हैं
भारत की शान कही जाने वाली लड़कियां जब जंतर मंतर पर बैठती हैं तब वे सिर्फ अपने लिए नहीं बैठी होती हैं; सार्वजनिक जीवन से खत्म की जा रही शुचिता और उत्तरदायित्व को बचाने और इस प्रकार समाज को सभ्य और सुसंस्कृत बनाने की लड़ाई भी लड़ रही होती हैं।
जस्टिस काटजू ने पूछा कि क्या गुजरात दंगों पर बीबीसी की कमेंट्री पर प्रतिबंध वैध है
केंद्र सरकार ने गुजरात दंगों पर बीबीसी की टिप्पणी दिखाने वाले यूट्यूब और वीडियो ट्वीट्स को ब्लॉक कर दिया है।
सौ रोगों की एक दवा : डाइवर्सिटी !
आज की तारीख में एक ओर जहां शासक वर्ग भीषण विषमता से ऑंखें मूंदे शक्ति के समस्त स्रोत मुट्ठी भर सुविधाभोगी वर्ग के हाथो में देने पर आमादा है और दूसरी ओर वंचितों के नाम पर राजनीति करने वाले अपने कर्तव्य से विमुख हो गए हैं,