स्तंभ
सांप्रदायिकता की बाढ़ : तो क्या भारतीय संविधान और राष्ट्र बह जाएंगे?
सांप्रदायिकता की बाढ़ में बह रहा है समाज करीब पिछले तीन-चार दशकों से भारत सांप्रदायिकता की रंगभूमि (amphitheater of communalism) बना हुआ था। इस दौरान संवैधानिक धर्मनिरपेक्षता का मूल्य (value of constitutional secularism) राजनीतिक सत्ता के गलियारों में इधर से उधर ठोकरें खाने के लिए अभिशप्त हो चुका था। 20वीं सदी के अस्सी और नब्बे के दशक में पूरे आसार …
Read More »भाजपा के महिलाओं के लिए तुच्छ विचार
केंद्र में भाजपा सरकार के 8 साल पूरे होने पर संपादकीय टिप्पणी संदर्भ – Maharashtra News : ‘सुप्रिया सुले घर जाकर खाना पकाएं‘, महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष ने की अशोभनीय टिप्पणी, एनसीपी ने किया पलटवार देशबन्धु में संपादकीय आज (Editorial in Deshbandhu today) भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (BJP led National Democratic Alliance) ने 26 मई को सत्ता में …
Read More »जाति को नष्ट कैसे करें ?
How to destroy caste? जितने बड़े पैमाने हम जाति-जाति चिल्लाते रहते हैं, उसकी तुलना में यदि आधा समय भी नागरिक चेतना अर्जित करने, जाति से नागरिक के रूप में तब्दील करने पर खर्च किया होता तो भारत का नक्शा ही बदल जाता। सामाजिक विकास में सबसे बड़ा रोड़ा है जाति चेतना जाति चेतना सामाजिक विकास में सबसे बड़ा रोड़ा है। …
Read More »मक्खन पर नयी लकीर : क्वीन की धाकड़ फ्लॉप होने बाद नयी फिल्म इमरजेंसी
वो कैसा राष्ट्रवादी जो अपनी तकलीफों का इज़हार कर दे धाकड़ सिनेमाघरों में धड़ाम हो गई, कोई धमाल नहीं दिखा पाई। बॉलीवुड क्वीन के सपने (bollywood queen dreams) ताश के महल की तरह गिर गए। अब बॉक्स ऑफिस है, कोई ईवीएम बॉक्स तो नहीं, जिसके बूते जीत की गारंटी दी जा सके। क्या धाकड़ को पिटवाने में परिवारवाद का ‘हाथ’ …
Read More »बंदूक संस्कृति : अमेरिका अपनी ही नीतियों का शिकार
Bandook sanskrti : USA apanee hee neetiyon ka shikaar (Gun culture: America a victim of its own policies) अमेरिका में स्कूलों पर 2012 के बाद हुई सबसे भयानक गोलीबारी अमेरिका में स्कूलों पर हुई गोलीबारी पर संपादकीय संदर्भ : एक बंदूकधारी ने सैन एंटोनियो से लगभग 80 मील (130 किमी) पश्चिम में एक शहर, उवाल्डे, टेक्सास में रॉब एलीमेंट्री स्कूल …
Read More »अमृत काल में विष वर्षा
Poison rain in nectar year स्वतंत्रता के 75वें वर्ष (75th year of independence) को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और उनके समूचे प्रचार-तंत्र ने ‘‘अमृत वर्ष’’ घोषित किया था, तब कम से कम यह किसी ने नहीं सोचा होगा कि इस सुंदर नाम की ओट में से, सांप्रदायिक विष की वर्षा का वर्ष निकलेगा। और विष की …
Read More »अवसरवादी नेताओं की पहचान करने में विफल क्यों हो जाती है कांग्रेस?
अवसरवादी नेताओं की पहचान करे कांग्रेस (Congress should identify opportunistic leaders) देशबन्धु में संपादकीय आज (Editorial in Deshbandhu today) हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव अगले कुछ महीनों में हैं। चुनावों में बार-बार हार का सामना करने वाली कांग्रेस इस बार अपना दम-खम दिखाना चाहती है। इसलिए उदयपुर में कांग्रेस चिंतन शिविर (Congress Chintan Shivir in Udaipur) से लेकर …
Read More »सोनिया गांधी के नाम खुला पत्र
Open letter to Congress President Sonia Gandhi कांग्रेस चिंतन शिविर और कांग्रेस का संकट (Congress Chintan Shivir and the crisis of Congress) कांग्रेस कौन से मुद्दे जनता के बीच लेकर जाएगी, क्या चिंतन शिविर में इस पर कोई विचार किया गया? कांग्रेस के पक्ष में किस तरह माहौल बनाया जाएगा? भाजपा की कमियों पर मौखिक आलोचना का कोई अर्थ नहीं …
Read More »कांग्रेस चिंतन शिविर : राहुल राजनीतिक समझदारी से एक बार फिर दूर दिखे
कांग्रेस चिंतन शिविर और राहुल गांधी का संकट क्या देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस (Country’s oldest party Congress) में अपने अतीत की गलतियों से सबक लेने की तमीज और निराशा से उबरने की इच्छा शक्ति है? क्या कांग्रेस ने गठबंधन की राजनीति को नकार दिया है ? क्या राहुल गांधी फिर एक बार अपरिपक्व नेता साबित हुए हैं? चर्चा …
Read More »हिन्दी की कब्र पर खड़ा है आरएसएस!
RSS stands at the grave of Hindi! आरएसएस के हिन्दी बटुक अहर्निश हिन्दी-हिन्दी कहते नहीं अघाते। वे हिन्दी –हिन्दी क्यों करते हैं ॽ यह मैं आज तक नहीं समझ पाया। इन लोगों के हिन्दीप्रेम का आलम है कि ये अभी तक इंटरनेट पर रोमनलिपि में हिन्दी लिखते हैं। मेरे अनेक दोस्त हैं जो रोमनलिपि में हिन्दी लिखते हैं, मेरी उनसे …
Read More »कश्मीरी पंडितों की हत्या : भाजपा की नाकाम कश्मीर नीति
Killing of Kashmiri Pandits: BJP’s failed Kashmir policy कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या पर संपादकीय टिप्पणी | देशबन्धु में संपादकीय आज (Editorial in Deshbandhu today) कश्मीर में हालत (condition in Kashmir) बहुत खराब है। कश्मीरी पंडितों की कोई सुरक्षा (Security of Kashmiri Pandits) नहीं है। कश्मीरी पंडितों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है… ये अल्फाज किसी विपक्षी …
Read More »बीजेपी की बी टीम से बढ़कर अब उसकी हमराह बन चुकी है ‘आप’
Khalistan: More than the B team of BJP, now AAP has become its companion आंख खोलने की आवश्यकता | देशबन्धु में संपादकीय आज (Editorial in Deshbandhu today) हिमाचल प्रदेश में विधानसभा गेट पर खालिस्तान के झंडे लगाने पर संपादकीय (Deshbandhu’s editorial in Hindi on putting up Khalistan flags at the assembly gate in Himachal Pradesh) हिमाचल प्रदेश में रविवार सुबह …
Read More »कोरोना से हर तीन में से एक मौत भारत में : मोदी राज के झूठे दावों की पोल खुलती जा रही
The false claims of Modi Raj are getting exposed कोरोना महामारी में इंसानी जानों की सबसे भारी कीमत भारत ने चुकाई. दुनिया हर तीन में एक मौत भारत में हैरानी की बात यह नहीं है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार (According to the World Health Organization), जो अपनी अनेक सीमाओं के बावजूद, कोविड-19 वायरस की महामारी (covid-19 virus pandemic) …
Read More »पंडित जवाहरलाल नेहरू और धर्मनिरपेक्षता की चुनौतियाँ
Pandit Jawaharlal Nehru and the challenges of secularism in Hindi लोकतंत्र बचाना है तो क्या करना होगा? साम्प्रदायिकता के औजार क्या हैं? भारत जब आजाद हुआ तो उसकी नींव साम्प्रदायिक देश-विभाजन पर रखी गयी। फलतः साम्प्रदायिकता हमारे लोकतंत्र में अंतर्गृथित तत्व है। लोकतंत्र बचाना है तो इसके खिलाफ समझौताहीन रवैया रखना होगा। साम्प्रदायिकता के औजार हैं आक्रामकता और मेनीपुलेशन। इसने …
Read More »जेएनयूएसयू का देश की राजनीति में क्या योगदान है?
लोकतंत्र, विवेक और आनंद का सौंदर्यलोक जेएनयू-1 What is the contribution of JNUSU to the politics of the country? मैं 1980-81 में जेएनयू छात्रसंघ के चुनाव में कौंसलर पद पर एक वोट से जीता था। वी. भास्कर अध्यक्ष चुने गए। उस समय जेएनयू के वाइस चांसलर वाय. नायडुम्मा साहब (Prof.Y.Nayudamma or Dr. Yelavarthy Nayudamma) थे, वे श्रीमती गांधी के भरोसे …
Read More »स्कूली पाठ्यक्रम में सांप्रदायिक एजेंडा ! जानिए भाजपा की शिक्षा से दुश्मनी क्या है?
Communal agenda in school curriculum : a matter of serious concern युक्तियुक्तकरण (rationalisation of syllabus) के नाम पर सीबीएसई के पाठ्यक्रम से अप्रैल 2022 में कई हिस्से हटा दिए गए. जिन टॉपिक्स को दसवीं कक्षा के पाठ्यक्रम से हटाया गया है उनमें शामिल हैं प्रजातंत्र और बहुलता (democracy and pluralism), अफ़्रीकी-एशियाई इस्लामिक राज्यों का उदय, मुग़ल दरबारों का इतिहास (History …
Read More »अहिंसक मानव सभ्यता के पक्ष में : कब समाप्त होगा यह रक्तपात?
In favor of non-violent human civilization: when will this bloodshed end? टुकड़े–टुकड़े हो बिखर चुकी मर्यादा उसको दोनों ही पक्षों ने तोड़ा है पांडव ने कुछ कम कौरव ने कुछ ज्यादा यह रक्तपात अब कब समाप्त होना है . . . (‘अंधा युग’, धर्मवीर भारती) 1 क्या विकल्पहीन है आधुनिक हिंसक सभ्यता? | Is there no alternative to modern violent …
Read More »हिंदी को लेकर एक बार फिर अनावश्यक विवाद
Ajay Devgn vs Kiccha Sudeep: Hindi national language ! देश के गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने कुछ दिनों पहले हिंदी में कामकाज करने पर बल (Emphasis on working in Hindi) दिया था, जिस पर बहुत से लोगों ने आपत्ति जतलाई थी। अब एक बार फिर हिंदी को लेकर अनावश्यक विवाद खड़ा किया गया है। हिंदी फिल्मों के …
Read More »भारतीय साहित्य में कामुकता विमर्श ! सेक्स का विमर्श में रूपान्तरण कैसे हुआ?
Eroticism in Indian literature साहित्य में एक दौर ऐसा भी आया था जब कहा गया कि ‘प्रत्येक बात को कहने दो’। इस नारे के तहत सेक्स के संदर्भ में जितने भी विवरण थे, सबको खुलकर बता दिया गया। यह कार्य लंबे समय से श्रृंगार-साहित्य और रीतिवादी साहित्य करता रहा है। सेक्स का वर्णन अब सभ्य, सुसंस्कृत विवरणों के रूप में …
Read More »आरएसएस-मोदी ने लोकतंत्र व स्वतंत्रता को हमेशा के लिए नष्ट कर दिया
लोकतंत्र के ज़रिए चुनकर आए मोदी ने जनता से लोकतंत्र और सुशासन ही छीन लिया आरएसएस-मोदी पाकर लोकतंत्र खोया ! नरेन्द्र मोदी लोकतंत्र के ज़रिए चुनकर आए। लोकतंत्र-लोकतंत्र ! सुशासन-सुशासन ! का नारा देकर आए और विगत आठ सालों में उन्होंने भारत की जनता से लोकतंत्र और सुशासन ही छीन लिया। अब देश में मोदी का शासन है, आरएसएस का …
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