सत्तर के दशक के मध्य जब मैं हरियाणा के एक छोटे गांव से दिल्ली विश्वविद्यालय– Delhi University (डीयू) में पढ़ने आया तो कॉलेज या विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस या प्राइवेट सुरक्षा गार्ड नहीं होते थे. कॉलेज, हॉस्टल और फैकल्टी के गेट पर विश्वविद्यालय के चौकीदार होते थे जिनसे सभी छात्र-छात्राएं परिचित हो जाते थे. पूरे उत्तरी परिसर में केवल एक …
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सीएए-एनपीआर-एनआरसी का विरोध और हिन्दू की नई संघी परिभाषा
Opposition to CAA-NPR-NRC and new definition of Hindu by RSS देश भर में सीएए-एनपीआर-एनआरसी की जिस ढंग से मुखालफत (CAA-NPR-NRC opposed)हुई, वह लम्बे समय तक याद रखी जाएगी। विरोध प्रदर्शन स्वतःस्फूर्त थे और उनमें अनेक पार्टियों, विचारधाराओं और सामाजिक-धार्मिक समुदायों से जुड़े लोग शामिल थे। कहने की आवश्यकता नहीं कि ये विरोध प्रदर्शन इतने व्यापक और बड़े थे कि इनसे …
Read More »सत्ता विमर्श की एक प्रस्तावना है नंदकिशोर आचार्य का नाटक ‘बापू’
Nandkishore Acharya’s play ‘Bapu’ is a prelude to the discussion of power (बापू को श्रद्धार्घ्य से शुरू हुआ यह नया साल क्या आगे के नये संघर्ष की दस्तक है !) नटरंग पत्रिका के मार्च 2006 के अंक में प्रकाशित नंदकिशोर आचार्य जी के ‘बापू’ नाटक को पढ़ कर कोई यदि उस पर आरएसएस की सांप्रदायिक और कपटपूर्ण विचारधारा (Communal and …
Read More »सुनंदा के. दत्ता-रे की यह कैसी अनोखी विमूढ़ता ! ज़मीनी राजनीति से पूरी तरह कटा हुआ एक वरिष्ठ पत्रकार
Comment on SUNANDA K. DATTA-RAY ARTICLE in The telegraph “INDIAN INEFFICIENCY MAY BE THE SAVING OF INDIA : A note of assurance” जब भी किसी विषय को उसके संदर्भ से काट कर पेश किया जाता है, वह विषय अंधों के लिये हाथी के अलग-अलग अंग की तरह हो जाता है ; अर्थात् विषय के ऐसे प्रस्तुतीकरण को द्रष्टा को अंधा …
Read More »हिटलर की किताब से ही चुराया गया एक पन्ना है मोशा का संघी एनपीआर एनआरसी
नागरिकता का संघी प्रकल्प हिटलर की किताब से ही चुराया गया एक पन्ना है NPR is the core of NRC. सब जानते हैं, एनपीआर एनआरसी का मूल आधार है। खुद सरकार ने इसकी कई बार घोषणा की है। एनपीआर में तैयार की गई नागरिकों की सूची की ही आगे घर-घर जाकर जाँच करके अधिकारी संदेहास्पद नागरिकों की शिनाख्त करेंगे और …
Read More »अरविंद सुब्रह्मण्यन की महा सुस्ती की थीसिस और उनके सोच की सीमा
Arvind Subramanian’s thesis of great Slowdown and the limits of his thinking भारत के पूर्व प्रमुख आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यन के साथ एनडीटीवी के प्रणय राय की भारतीय अर्थ-व्यवस्था की वर्तमान स्थिति पर यह लंबी बातचीत (long conversation with NDTV’s Prannoy Rai on the current state of the Indian economy with Arvind Subrahmanyan, former Chief Economic Advisor of India) कई …
Read More »मोदी संविधान के प्रति अपनी वफादारी का परिचय दें, न कि भारत के लोग
दिल्ली में मोदी जी की चुनावी रैली (Modi ji’s election rally in Delhi) पूरे देश में आग लगा कर एक आडंबरपूर्ण चुनावी रैली जलते हुए रोम में बंशी बजाने का ही एक बुरा उदाहरण था। इस रैली में मोदी क्या बोल रहे हैं, इस बात के पहले ही यह जान लेना जरूरी है कि वे कहां से बोल रहे हैं, …
Read More »जब मोदी ने लोगों से कह कर ताली बजवाई और फिर भी…. !
प्रधानमंत्री ने लोगों से कह कर ताली बजवाई (आज के ‘आनंदबाजार पत्रिका’ की खबर पर आधारित) कल ऐसोचेम की सभा में मोदी (PM Narendra Modi at 100 years of ASSOCHAM meet) ने जब उद्योगपतियों से कहा — अर्थ-व्यवस्था में ऊँच-नीच चलती रहती है तो सारे लोग सन्न रह गये। सामने पसरे सन्नाटे को देख खुद मोदी ने सबको तालियाँ बजाने …
Read More »नागरिकता संशोधन विधेयक पर बहस : मोशा का झूठ का भ्रमजाल
Debate on Citizenship Amendment Bill कौन ज़िम्मेदार था देश के विभाजन के लिए? Who was responsible for the partition of the country? संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम पर विविध प्रतिक्रयाएं (Miscellaneous responses to the Citizenship Amendment Act) सामने आईं हैं, जिनमें से कई नकारात्मक हैं. एक ओर जहाँ उत्तरपूर्व में इस नए कानून का भारी विरोध …
Read More »ये हैं संशोधित नागरिकता क़ानून के पक्ष में गृह-मंत्री अमितशाह के सफ़ेद झूठ
These are the lies of Home Minister Amit Shah in favor of revised citizenship law नागरिकता (संशोधन) क़ानून, 2019 (Citizenship (Amendment) Act, 2019) के जरिए उन हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, ईसाइयों और पारसियों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का रास्ता प्रशस्त किया जा रहा है, जो अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न (Religious persecution) से त्रस्त होकर 31 दिसंबर, …
Read More »मोशा ने सावरकर-जिन्ना को जिता दिया गांधी हार गए
क्या यह गांधी की हार और सावरकर-जिन्ना की जीत है? Is it the defeat of Gandhi and the victory of Savarkar-Jinnah? लोकसभा के नागरिकता संशोधन विधेयक पर मोहर लगाने पर प्रधानमंत्री के ‘खुशी’ जताने (Expressing ‘happiness’ of Prime Minister on passage of Citizenship Amendment Bill in Lok Sabha) पर बरबस, पाकिस्तानी कवियित्री फहमिदा रियाज की बहु-उद्धृत नज्म ‘‘तुम बिल्कुल हम …
Read More »भारत विभाजन हम ने नहीं कराया : झूठों के शहंशाह अमित शाह
झूठ बोलने में माहिर आरएसएस इस समय दुनिया का कोई भी फासीवादी संगठन दोग़ली बातें करने, उत्तेजना फैलाने और षड्यंत्र रचने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ– Rashtriya Swayamsevak Sangh, (आरएसएस) को मात नहीं दे सकता। भारत के एक मशहूर अंगरेजी दैनिक ने आरएसएस के बारे में प्रख्यात लेखक जॉर्ज ऑरवेल द्वारा दिए गए शब्द ‘दो मुंहा’ को इस विघटनकारी संगठन के …
Read More »आरएसएस और उद्योग जगत के बीच प्रेम और ईर्ष्या के संबंध की क़ीमत अदा कर रही है भारतीय अर्थ-व्यवस्था
Indian economy is paying the price for love and jealousy between RSS and industry आज के टेलिग्राफ़ में उद्योगपतियों की मनोदशा (Mood of industrialists) के बारे में सुर्ख़ी की खबर है। “Why business is talking ‘wine’, not Dhanda”। (क्यों उद्योगपति ‘शराब’ की बात करते हैं, धंधे की नहीं ) पूरी रिपोर्ट उद्योगपतियों की आपसी बातचीत और उनके बयानों के बारे …
Read More »बर्बरता किसी न्यायपूर्ण समाज का निर्माण नहीं कर सकती
बर्बरता किसी न्यायपूर्ण समाज का निर्माण नहीं कर सकती हैदराबाद में बलात्कारियों के एनकाउंटर की पूरे देश में भारी प्रतिक्रिया (Reaction to the encounter of rapists in Hyderabad) हुई है। अभी हमारा समाज जिस प्रकार की राजनीति के जकड़बंदी में फंसा हुआ है, उसमें लगता है जैसे आदमी आदिमता के हर स्वरूप को पूजने लगा है। यह जन-उन्माद चंद लेखकों-बुद्धिजीवियों …
Read More »गोडसे का महिमामंडन और गांधी का कद छोटा करने की दक्षिणपंथी कवायद
गोडसे का महिमामंडन और गांधी का कद छोटा करने की दक्षिणपंथी कवायद Dr. Ram Puniyani’s article in Hindi : Godse’s glorification and right-wing exercise to reduce Gandhi’s stature हर राष्ट्रवाद अपने ‘इतिहास’ का निर्माण करता है. जाने-माने इतिहासविद् एरिक उब्सबान के अनुसार, “राष्ट्रवाद के लिए इतिहास वही है, जो गंजेड़ी के लिए गांजा”. इसमें हम यह जोड़ सकते हैं कि …
Read More »खूनी खेल के तमाशबीन ! भारत भी क्या प्राचीन बर्बरता को अपना कर नाजीवाद की दिशा में बढ़ चुका है !
खूनी खेल के तमाशबीन ! भारत भी क्या प्राचीन बर्बरता को अपना कर नाजीवाद की दिशा में बढ़ चुका है ! सऊदी अरब में आज की दुनिया की सबसे बर्बर राजशाही (World’s most barbaric monarchy) चल रही है। इसकी एक पहचान है रियाद शहर का डेरा स्क्वायर (Deera Square of Riyadh City)। इसे कटाई स्क्वायर ( chop chop square) भी …
Read More »अमित शाह की ज़ुबान से निकले शब्द गाली क्यों बन जाते हैं
अमित शाह की ज़ुबान से निकले शब्द गाली क्यों बन जाते हैं अमित शाह की भाषा का असली अर्थ ! अब सचमुच अमित शाह की ज़ुबान से निकला ‘नागरिक’ शब्द भारत के लोगों के लिये शत्रु को संबोधित हिक़ारत भरी गाली बन चुका है। यह बात सचमुच बहुत दिलचस्प है। फ्रायड कहते हैं कि आदमी के सपनों की एक शाब्दिक …
Read More »रवीश कुमार के भाषणों के प्रभाव में एक सोच — यह भारतीय मीडिया की एक अलग परिघटना है
रवीश कुमार के भाषणों के प्रभाव में एक सोच — यह भारतीय मीडिया की एक अलग परिघटना है रवीश कुमार के भाषणों (Speeches of ravish kumar) को सुनना अच्छा लगता है। इसलिये नहीं कि वे विद्वतापूर्ण होते हैं ; सामाजिक-राजनीतिक यथार्थ के चमत्कृत करने वाले नये सुत्रीकरणों की झलक देते हैं। विद्वानों के शोधपूर्ण भाषण तो श्रोता को भाषा के …
Read More »महाराष्ट्र : मोदी-शाह के अवसान के संकेत
महाराष्ट्र : मोदी-शाह के अवसान के संकेत महाराष्ट्र में अन्ततः उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ही ली (Uddhav Thackeray sworn in as Chief Minister in Maharashtra)। प्रधानमंत्री की लाख कोशिशों के बाद भी देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री नहीं रह पाए। Maharashtra: signs of Modi-Shah’s end महाराष्ट्र का यह पूरा घटनाक्रम भाजपा के लिये महज किसी ऐसे जख्म की …
Read More »बाबरी मस्जिद फैसला : न्यायालय ने ऐतिहासिक तथ्यों को नज़रंदाज़ किया, लेकिन
बाबरी मस्जिद फैसला : न्यायालय ने ऐतिहासिक तथ्यों को नज़रंदाज़ किया, लेकिन पिछले 9 नवम्बर को सुनाये गए उच्चतम न्यायालय के फैसले (Supreme Court decision) से भारतीय राजनीति के एक लम्बे और दुखद अध्याय का समापन हो गया. मूलतः विश्व हिन्दू परिषद् (Vishwa Hindu Parishad) द्वारा शुरू किये गए इस आन्दोलन को भाजपा ने अपने हाथों में ले लिया, लालकृष्ण …
Read More »महाराष्ट्र: बाल-बाल बचा जनतंत्र, सत्ता के अपहरण की भाजपा की कोशिश विफल हो गयी
महाराष्ट्र: बाल-बाल बचा जनतंत्र, सत्ता के अपहरण की भाजपा की कोशिश विफल हो गयी अब जबकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिव सेना-एनसीपी-कांग्रेस की सरकार के शिवाजी पार्क में शपथ ग्रहण (Sworn in Shivaji Park of Shiv Sena-NCP-Congress government led by Uddhav Thackeray) के साथ, महाराष्ट्र में नंगई से, छल से भी ज्यादा केंद्र में शासन के बल से, सत्ता …
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