वैकल्पिक मीडिया की आवश्यकता क्यों है? Small Magazines: The Dream of Alternative Journalism दिनेशपुर, उत्तराखंड में अखिल भारतीय लघु पत्र-पत्रिका सम्मेलन (All India Small Paper-Magazine Conference at Dineshpur, Uttarakhand) का आयोजन हो रहा है। कुछ समय पूर्व पलाश विश्वास ने पत्रकारिता और साहित्य के संपादन संबधों की चर्चा की थी जिसमें मूल बात यह थी कि रघुवीर सहाय और सव्यसाची …
Read More »चौथा खंभा
पत्रकार सुरक्षित रहेंगे, तभी गणतंत्र सुरक्षित रहेगा
Journalists will be safe only then the republic will be safe “पृथ्वी पर मीडिया का सबसे शक्तिशाली अस्तित्व है। उनके पास निर्दोष को अपराधी बनाने और दोषी को निर्दोष बनाने की शक्ति है, क्योंकि वे जनता के दिमाग को नियंत्रित करते हैं “- मैल्कम एक्स पत्रकारों की सुरक्षा क्यों जरूरी है? पत्रकारों की सुरक्षा कैसे? आज, पूरे विश्व में मीडिया …
Read More »दैनिक भास्कर : मसला सेठ का नहीं प्रेस का है
Dainik Bhaskar: The issue is of the press, not of Seth आखिरकार पिछले पखवाड़े देश के प्रमुख हिंदी अखबार दैनिक भास्कर पर मोदी-शाह के इनकम टैक्स और सीबीडीटी के छापे (Modi-Shah’s Income Tax and CBDT raids on leading Hindi newspaper Dainik Bhaskar) पड़ ही गए। पिछले कुछ महीनो से इस तरह की आशंका जताई जा रही थी। आम तौर से …
Read More »मीडिया पर हमला लोकतंत्र के लिए अशुभ – आइपीएफ
Attack on media inauspicious for democracy – IPF मीडिया को आतंकित करने की निंदा लवखनऊ 23 जुलाई 2021, दैनिक भास्कर अखबार और भारत समाचार जैसे चैनल पर केन्द्र सरकार के इशारे पर इनकम टैक्स विभाग द्वारा की गई छापेमारी की कड़ी निंदा करते हुए आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने इसे लोकतंत्र के लिए अशुभ माना है। आज प्रेस को जारी …
Read More »वाम लेखक मनोरंजन का साधन कैसे बन गया ?
‘एक्टविज्म‘ या प्रतिगामिता – What was the impact of the development of the bourgeois press on left-wing literary journalism? अव्यवस्थित लोकतंत्र और साहित्यिक पत्रकारिता -2 साहित्यिक पत्रकारिता और खासकर वामपंथी साहित्यिक पत्रकारिता पर बुर्जुआ प्रेस के विकास का क्या असर हुआ है इस पर भी विचार करने की जरूरत है। मुश्किल यह है कि वाम पत्रिकाएं हस्तक्षेप के औजार …
Read More »आपातकाल के बाद साहित्यिक पत्रिकाएं मेनीपुलेशन और प्रमोशन का अस्त्र बन गयीं
अव्यवस्थित लोकतंत्र और साहित्यिक पत्रकारिता आजादी के बाद साहित्यिक पत्रकारिता का परिदृश्य- Scenario of Literary Journalism after Independence. आजादी के बाद का साहित्यिक पत्रकारिता का परिदृश्य तकरीबन इकसार रहा है। पहले भी पत्रिकाओं का प्रकाशन निजी पहल पर निर्भर करता था, आज भी यही दशा है। पहले भी साहित्यिक पत्रिकाएं निकलती और बंद होती थीं, यही सिलसिला आज भी जारी …
Read More »जानिए जस्टिस काटजू ने क्यों कहा ‘गोदी’ मीडिया और ‘मुक्त’ मीडिया में बहुत अंतर नहीं है
जस्टिस मार्कंडेय काटजू का मीडिया पर हिंदी में लेख The pitiable condition of the Indian media: Justice Katju points out there is little difference between the ‘godi’ media and the ‘free’ media’ भारतीय मीडिया अब दो खेमों में बंट गया है (1) बहुसंख्यक, जो बेशर्म, बिक चुकी और चापलूस ‘गोदी‘ मीडिया है। इस शिविर के लोग भारत की परिस्थितियों की …
Read More »जस्टिस काटजू ने बताया भारतीय मीडिया का मानसिक स्तर कितना नीचा है
भारतीय मीडिया का मानसिक स्तर हमारी मीडिया का मानसिक स्तर कितना नीचा है वह इस वीडियो से मालूम हो जाता हैI हर राजनैतिक व्यवस्था या राजनैतिक कार्य का एक ही परख और कसौटी है : क्या उससे आम लोगों का जीवन स्तर बढ़ रहा है कि नहीं ? क्या उससे लोगों को बेहतर ज़िन्दगी मिल रही है कि नहीं ? …
Read More »जस्टिस काटजू ने पत्रकारों को जनरल वी के सिंह द्वारा प्रेस्टिट्यूट्स कहने को अब सही क्यों ठहराया ?
कहाँ वोल्टेयर और रूसो और कहाँ भारतीय पत्रकार ? कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगू तेली ? आजकल कई समाचारपत्रों, वेबसाइट और टीवी चैनल पर पत्रकारों द्वारा यही चर्चा चल रही है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से योगी आदित्यनाथ हटाए जाएंगे कि नहीं, अरविन्द कुमार शर्मा, जो मोदीजी के बहुत क़रीबी माने जाते हैं, को योगी आदित्यनाथ उत्तर …
Read More »बीजेपी का भविष्य : स्वघोषित बुद्धिजीवी पत्रकारों के उतावलेपन पर जस्टिस काटजू की दो टूक
बीजेपी का भविष्य कई पत्रकार, वेबसाइट और टीवी चैनल कह रहे हैं कि बीजेपी की जनप्रियता गिर रही है और इसलिए उसका भविष्य अंधकारमय हैI (संदर्भ के लिए लेख के अंत में यूट्यूब लिंक देखें) यह स्वघोषित बुद्धिजीवी पत्रकार फरवरी 2022 के उत्तर प्रदेश विधान सभा के आगामी चुनाव के बारे में अटकलें लगा रहे हैं कि इसमें बीजेपी की …
Read More »भारत के ‘स्वतंत्र’ पत्रकारों के विचित्र कारनामे
The bizarre exploits of India’s ‘independent’ journalists भारत में ‘गोदी’ मीडिया की तो बहुत निंदा हुई है, मगर हमारे तथाकथित ‘स्वतंत्र’ पत्रकारों की हरकतें, हथकंडे और अनोखे कार्य भी आश्चर्यजनक और टिप्पणी योग्य हैंI उदाहरण के लिए एक महिला पत्रकार हैं, जो राडिया टेप्स के स्कैंडल में लिप्त थींI 1999 की कारगिल युद्ध और 2008 के मुंबई आतंकी हमले में …
Read More »जस्टिस काटजू का लेख : मीडिया की भूमिका
मीडिया की भूमिका मीडिया की मुख्य भूमिका होती है जनता को वारदातों की सही जानकारी देना। पर इसके अलावा उसकी यह भी ज़िम्मेदारी होती है कि जनता को उज्ज्वल जीवन पाने की दिशा दिखाना और वैचारिक क्षेत्र में जनता को सही नेतृत्व प्रदान करना। ऐतिहासिक दृष्टिकोण से मीडिया का उदय पश्चिमी यूरोप में १८वीं सदी में हुआ। उस समय सारे …
Read More »जस्टिस काटजू ने कहा “सत्यहिंदी.कॉम” की मोटी बुद्धि सिर्फ मोदी विरोध तक सीमित है
Justice Katju said that the idea of “Satyahindi.com” is limited only to the Modi opposition. एक हिंदी वेबसाइट है सत्यहिंदी.कॉम जो लगातार मोदी और बीजेपी की निंदा कर रहा है। मैं कोई बीजेपी या मोदी का समर्थक नहीं हूँ, मगर मैं इस वेबसाइट के संस्थापकों और चालकों से एक सवाल पूछना चाहता हूँ। यदि मोदी और बीजेपी अगले चुनाव में …
Read More »हिंदी पत्रकारिता दिवस : उत्तराखंड के जनांदलनों का प्रतिबिंब रहा है ‘नैनीताल समाचार’
उत्तराखंड नैनीताल समाचार | Uttarakhand Nainital Samaachaar पण्डित युगुल किशोर शुक्ल ने 30 मई 1826 को हिन्दी समाचार पत्र उदन्त मार्तण्ड का प्रकाशन आरम्भ किया था । उसी ऐतिहासिक दिन की याद में और हिंदी पत्रकारिता को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष 30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है। उदन्त मार्तण्ड के बाद से सैंकड़ों हिंदी समाचार …
Read More »कोरोना डायरी से जन्मदिन डायरी बनने की रोचक कहानी
जन्मदिन की डायरी : पत्रकारिता का एक दस्तावेज़ Birthday Diary: A Journalism Document पिछले मई जब क़लम को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत मानते लिखना शुरू किया था तब यह समझ नहीं आया था कि यह मेरा भ्रम है या विश्वास। तब से आज एक साल पूरा हो गया और कोरोना काल में बहुत बार ऐसा लगा कि यह मेरा …
Read More »अखिलेश कृष्ण मोहन : बहुजन पत्रकारिता के विरल रत्न
अखिलेश कृष्ण मोहन के निधन पर श्रद्धांजलि! | Tribute to the demise of Akhilesh Krishna Mohan! कल सुबह एक खास लेख लिखने में व्यस्त था. उसका अंतिम वाक्य लिखना शुरू ही किया था कि मोबाइल बज उठा. वह डॉ. कौलेश्वर प्रियदर्शी का कॉल था. अंतिम वाक्य पूरा करना इतना जरूरी लगा कि कॉल रिजेक्ट कर दिया. ज्यों ही लेख पूरा …
Read More »श्रीमान हम आपको इस आलेख के कोई पैसे नहीं दे सकते !
“श्रीमान हम आपको इस आलेख के कोई पैसे नहीं दे सकते। सहयोग के लिए सम्पादक के धन्यवाद सहित सादर।“ किसी स्वतंत्र पत्रकार के लिए उसके किसी आलेख पर यह जवाब अब आम हो चुका है। स्वतंत्र पत्रकार ही नहीं किसी न किसी संस्थान से जुड़े बहुत से पत्रकार भी कोरोना के दौरान अपनी नौकरी खोने के बाद अब उस दिन …
Read More »सीरियल संस्कृति, राजनीति और विचारधारा : टेलीविजन की खतरनाक राजनीति
Jagadishwar Chaturvedi was live on 6th April 2020 टीवी एक माध्यम के रूप में जहां भी TV गया, स्वभावतः वह कंजर्वेटिव है। टीवी ने समाज में तरह तरह के घेटो तैयार किए। अमेरिका के समाज में हजारों घेटो मिलेंगे टीवी की अंतर्वस्तु महत्वपूर्ण नहीं है। सोवियत संघ में टीवी का सबसे बड़ा नेटवर्क था। सोवियत संघ पहला राष्ट्र था जिसने …
Read More »बढ़ता दायरा फेक न्यूज़ का
फेक न्यूज की तरह सरकार भी बेलगाम आप सबने एक कहावत सुनी होगी – “लम्हों ने खता की, सदियों ने सज़ा पाई।” मानव सभ्यता के इतिहास में जब कोई शासक कोई बड़ी भूल कर देता है तो लंबे समय तक समाज उसके परिणाम भुगतता रह जाता है। नेता का काम समाज को बांटना नहीं, समाज को जोड़ना होता है, लेकिन …
Read More »उत्तराखंड की उठापटक का संदेश और जनता की जनमीडिया के प्रति जिम्मेदारी
After Trivendra Singh Rawat’s resignation, Uttarakhand political developments वर्ष 2017 में हुए उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Elections) में भाजपा ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 70 विधानसभा सीटों में से 56 सीटों में जीत हासिल की थी। इसी उपलब्धि के चार साल पूरे होने के जश्न में उत्तराखंड सरकार 18 मार्च को ‘बातें कम काम ज्यादा’ कार्यक्रम मनाने की तैयारी …
Read More »अमित शाह ने भक्त संपादक सुमित अवस्थी को धो डाला, वीडियो हुआ वायरल, आपने देखा ?
Amit Shah insults Sumit Awasthi टीवी एंकरों में एक बड़ा समुदाय भक्त प्रजाति का है। ये बक्त एंकर संपादक 24*7 देश में द्वेष ही फैलाते रहते हैं और पत्रकारिता न करके सत्ता की चारण वंदना ही करते रहते हैं। लेकिन गृह मंत्री अमित शाह इन भक्तों को उनकी सही जगह पर ही रखते हैं। अब एक वीडियो एबीपी न्यूज के …
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