India is a pluralistic country with many religions भारत अनेक धर्मों वाला बहुवादी देश है। हिन्दू धर्म के मानने वालों का यहाँ बहुमत है परन्तु इस्लाम और ईसाई धर्म में आस्था रखने वालों की संख्या भी कम नहीं है। हमारे स्वाधीनता संग्राम के नेता (Leaders of our freedom struggle) सभी धर्मों को बराबरी का दर्जा देते थे परन्तु सांप्रदायिक ताकतें …
Read More »आपकी नज़र
यह ज़ुल्मतों का है दौर कैसा !
यह ज़ुल्मतों का है दौर कैसा ! (एक नज़्म सफ़ूरा ज़रगर के लिये) मोहम्मद ख़ुर्शीद अकरम सोज़ —————- यह ज़ुल्मतों का है दौर कैसा ! कि जिस ने हक़ की सदा बुलंद की उसी को मुजरिम बना दिया है क़लम की सच्ची वो इक सिपाही वो हक़-परस्ती की इक निशानी गोया कि सुक़रात की कहानी सफ़ूरा ज़रगर ! सफ़ूरा ज़रगर …
Read More »पूर्व सैन्य अधिकारियों ने कहा – मोदी ने समर्पण कर दिया है और कह रहे हैं कि कुछ हुआ ही नहीं है। भगवान बचाए !
भारत चीन सीमा संघर्ष : एक दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम India-China border conflict: an unfortunate development पिछली 6 से 16 जून के बीच चीन के साथ उत्तर-पश्चिम की सीमा पर गलवान नदी की घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई झड़प (Clash between Indian and Chinese forces) और उस पर भारत में सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण (Prime …
Read More »अनिल वैद्यजी के निधन से सामाजिक बदलाव के हमारे अभियान को झटका। उन्हें नमन।
The demise of Anil Vaidya jolted our campaign for social change. Bow to him. बहुत अफसोस के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि दिनेशपुर इलाके के एकमात्र पुलिस अफसर राधकांतपुर गांव के अनिल वैद्य जी का आज सुबह निधन हो गया। कल दिनेशपुर में उनकी अंत्येष्टि होगी। अनिलदा लम्बे अरसे से बीमार थे। कोलकाता से लौटने के बाद रुद्रपुर …
Read More »70 साल में सर्वाधिक परनिर्भर सरकार : विफल लॉकडाउन के बाद विषयांतर की तलाश में मोदी सरकार
Modi government in search of digression after failed lockdown क्या इसे महज एक संयोग माना जा सकता है? देशव्यापी लॉकडाउन (Nationwide lockdown) के 79वें दिन (जिसमें ओपनिंग अप के 11 दिन भी शामिल हैं), केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव (Cabinet Secretary to the Central Government), पांच सबसे ज्यादा कोविड-19 प्रभावित राज्यों (The five most affected COVID-19 states) में मौजूदा रुझान …
Read More »घरेलू नौकरानी से आलो आँधारी की मशहूर लेखिका बनने वाली बेबी हालदार का आज है जन्मदिन
Know How baby haldar became a writer in India आज प्रेरणा अंशु परिवार की मशहूर लेखिका बेबी हालदार का जन्म दिन है। हम सभी की ओर से उनका अभिनन्दन। बेबी हालदार स्त्री अस्मिता का जीवंत प्रतीक है। घरेलू नौकरानी से दुनिया भर की सभी भाषाओं में अनुदित आलो आंधारि का सारांश की लेखिका बनने का उनका संघर्ष पितृसत्तात्मक भारतीय समाज …
Read More »हर्ड इम्युनिटी के भरोसे रहे तो पूरा भारत हो जायेगा कोरोनामय
What is herd immunity? | झुंड प्रतिरक्षा क्या है? भारत में जैसे-जैसे कोरोना का प्रसार तेज हो रहा है,तो झुंड प्रतिरक्षा हर्ड इम्यूनिटी – को लेकर चर्चा जोर पकड़ रही है। हर्ड इम्यूनिटी यानी अगर लगभग 70-90 फीसद लोगों में बीमारी के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाए तो बाकी भी बच जाएंगे। लेकिन इसके लिए वैक्सीन जरूरी है। …
Read More »पिछले 6 वर्षों में सरकार कितनी खरी उतरी है? एक लेखा-जोखा ऐतिहासिक तथ्यों के साथ
नगीना खान का बेहद प्रासंगिक लेख | Nagina Khan’s very relevant article महत्वपूर्ण सवाल यह है कि पिछली सरकारों की असफलताओं का रिपोर्ट कार्ड (Report card of failures of previous governments) दिखाकर वर्तमान सरकार जिन मुद्दों को आधार बनाकर, जिस प्रकार जनता के पूर्ण बहुमत से (2014) सत्ता में आई और 2019 में एक बार फिर भाजपा पर जनता ने …
Read More »चरित्र हनन, समाज में वैमनस्य व कटुता उत्पन्न करना ट्रोल आर्मी का प्रारंभिक “युगधर्म” है
देशबन्धु : चौथा खंभा बनने से इनकार अखबार अथवा प्रेस और सत्तातंत्र के जटिल संबंधों (Complex relations of press and power) को समझने की मेरी शुरुआत 1961 में हुई, जब मैं हायर सेकंडरी की परीक्षा देकर ग्वालियर से लौटा और जबलपुर में कॉलेज के प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने के साथ-साथ बाबूजी के संचालन-संपादन में प्रकाशित नई दुनिया, जबलपुर (बाद …
Read More »लॉकडाउन में घरेलू कामगारों से सोशल डिस्टेन्सिंग बनाती सोसाइटी
International Day of Family Remittances | Social distancing makes society from domestic workers in lockdown 16 जून को विश्व ‘अन्तर्राष्ट्रीय घरेलू कामगार दिवस’ (international domestic workers day) मनाया जाता है। घरेलू कामगार दिवस मई दिवस या महिला दिवस की तरह प्रसिद्ध नहीं है, जबकि इसमें महिला और मजदूर दोनों हैं। घरेलू कामगार में 14 साल से कम उम्र के 20 …
Read More »आठ साल रुद्रपुर बदहाल | सड़क के गड्ढे राजनीतिक खाई न बन जाएं ठुकराल साहब!
कोरोना काल में रोविंग रिपोर्टिंग चर्चित शायर इरतज़ा निशात ने एक शेर कहा था- ‘‘कुर्सी है तुम्हारा यह जनाजा तो नहीं है कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते?’’ रुद्रपुर क्षेत्र की जनता विधायक राज कुमार ठुकराल से यही सवाल कर रही है। आठ साल में शहर की एक भी मुख्य सड़क न बना पाने के बावजूद आप …
Read More »सम्वाद तो असमानता और अन्याय के पूरे तन्त्र के खिलाफ होना चाहिए
Unemployment and hunger in the Corona era, suicides at the Quarantine Center are no less tragic. सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या बेहद दुखद है। कोरोना काल में बेरोज़गारी और भूख से, क्वारंटाइन सेंटर में हो रही आत्महत्याएं भी कम दुःखद नहीं हैं। माननीय प्रधानमंत्री ने सुशांत की आत्महत्या पर ट्विटर पर शोक जताया है (Prime Minister has mourned the suicide …
Read More »सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के प्रसंग में : अवसाद, अहम् और आदर्श के सवाल
जॉक लकान के मनोविश्लेषणात्मक सिद्धांत पर आधारित एक विमर्श In the context of Sushant Singh Rajput’s suicide: questions of depression, ego and ideal (A discussion based on Jacques Lacan’s psychoanalytic theory) किसी भी अवसादग्रस्त आदमी के साथ एक चरण में जा कर ऐसा होता है कि उसे अपने चारों ओर की अन्य सारी आवाजें सुनाई देना बंद हो जाती है। …
Read More »आत्महत्या क्या है ? – एमिल दुर्खीम
Suicide is not a specific form of insanity आत्महत्या क्या है ? – एमिल दुर्खीम | इमाईल दुर्खीम का सिद्धांत What is suicide – Émile Durkheim (इमाईल दुर्खीम) ‘आत्महत्या’ शब्द के बारे में वार्तालाप में निरंतर चर्चा होती रहती है। अत: ऐसा सोचा जा सकता है कि इसके बारे में सब जानते हैं और इसकी परिभाषा देना फुजूल है। वास्तव …
Read More »महान कवि लिखते तो गांव पर हैं और अपने गांव भी नहीं जा पाते
विष्णु नागर (vishnu nagar) जी बड़े कवि तो हैं ही, बड़े पत्रकार भी हैं। उन्हें हिंदुस्तान में काम करते हुए देखने का अनुभव अद्भुत है। ऐसे संकट काल में कवित्व से ज्यादा उनकी पत्रकारिता की जरूरत है। जन्मदिन पर विष्णु नागर को बधाई। बाकी महान कविगण बंगाल की भुखमरी (Starvation of Bengal,) के दौरान सोमनाथ होड़ और चित्तोप्रसाद जैसे महान …
Read More »ओबीसी आरक्षण पूरी तरह से धोखा है : जस्टिस मार्कंडेय काटजू
ओबीसी आरक्षण पर जस्टिस काटजू का मत | Justice Katju’s opinion on OBC reservation ओबीसी (Other Backward Castes / अन्य पिछड़ा वर्ग) युवाओं की शिकायत है कि भारत में मेडिकल कॉलेजों में एम.बी.बी.एस कोर्स में प्रवेश के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने केंद्रीय रूप से पूल की गई सीटों (राज्य समर्पित सीटों का 15%) में दशकों से ओबीसी को आरक्षण …
Read More »सफूरा ज़रगर की चिंता भी होनी चाहिए. कहाँ है हमारी करुणा? क्या वह केवल केरल के हाथियों के लिए आरक्षित है?
There should also be a concern about Safoora Zargar. Where is our compassion? Is it reserved only for Kerala elephants? केरल में गर्भवती हथिनी की मौत : एक त्रासदी का साम्प्रदायिकीकरण Pregnant elephant death in Kerala: communalisation of a tragedy ARTICLE BY DR RAM PUNIYANI – ELEPHANT. भारत के विविधवर्णी समाज में साम्प्रदायिकता का रंग तेज़ी से घुलता जा रहा …
Read More »नेपाली परमाणु विधेयक के भू-राजनैतिक आयाम : क्या नेपाल में संसद नहीं है या सांसद व संसदीय समिति नहीं हैं ?
Geopolitical Dimensions of Nepali Nuclear Bill: Is there no Parliament in Nepal or Member of Parliament and Parliamentary Committee? डॉ. मेरी डेशेन, राजेंद्र महर्जन (हिंदी अनुवाद : डॉ. पवन पटेल) नेपाल को ‘परमाणुसंपन्न राष्ट्र’ बनाने सम्बन्धी विधेयक हाल ही में संसद उर्फ़ प्रतिनिधि सभा में बहस के लिए लाया गया है. ‘परमाणु तथा रेडियोधर्मी पदार्थों के सुरक्षित व शांतिपूर्ण …
Read More »मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा है सुशान्त सिंह राजपूत का जाना
Sushant Singh Rajput’s suicide is a mental health issue The issue of mental health due to coronavirus has also emerged rapidly in the country. कोरोना वायरस के कारण मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा भी तेजी से देश में उभरकर आया है. लॉकडाउन ने लोगों की आदतें तो जरूर बदल दी हैं लेकिन एक बड़ा तबका तनाव के बीच जिंदगी जी रहा …
Read More »भारत में आर्थिक अवसाद की काफी आशंका है, ये हम किस देश में रह रहे हैं? कैसा प्रजातंत्र है यह?
There is a lot of fear of economic depression in India, in which country are we living? What kind of democracy is this? बिहार विधान सभा चुनाव : बिहार के मेहनतकश स्त्रियों और पुरुषों से एक कैप्टन की अपील इस वर्ष अक्तूबर में बिहार विधान सभा का चुनाव होगा। कई दल और “फ्रंट” अपने-अपने लुभावने वादे, घोषणा पत्र, आदि लेकर …
Read More »मास्क नहीं पहना ! दीजिए पांच हजार ! जनता को लूट कर ही खजाना भरोगे क्या सरकार !
Did not wear masks! Give five thousand! Will the government fill the treasure by robbing the public! उत्तराखण्ड में बहुत तेज़ी से कोरोना फैल रहा है। दिल्ली और दूसरे प्रभावित इलाकों से आ रहे लोगों की जांच की सिर्फ खानापूरी हो रही है। The government has made sure of the corona blast in the villages. संस्थागत संगरोध (Institutional quarantine) के …
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