भारत में किसान और मजदूर के व्यावहारिक संबंध | Practical relations of farmer and laborer in India किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष शिवाजी राय का
Category: हस्तक्षेप
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लोकतंत्र का चौथा खंभा पत्रकारिता जगत की आलोचनात्मक खबरें, ओपिनियन, और मीडिया शिक्षा.
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साहित्य का कोना। कहानी, व्यंग्य, कविता व आलोचना
Literature Corner. Story, satire, poetry and criticism. today current affairs in Hindi, Current affairs in Hindi, views on news, op ed in hindi, op ed articles, अपनी बात,
भारतीय बुद्धिजीवी वर्ग की कोई सामाजिक जड़ें नहीं हैं और यह आर्थिक राजनैतिक संकट की सबसे बड़ी वजह है
आज प्रेरणा अंशु के जुलाई अंक की तैयारी में था कि पान सिंह बोरा और बबिता उप्रेती आ गए। उनके आने के वक्त हम लोग
अगस्त क्रांति के गुनहगार : हिंदुत्व टोली, एक गद्दारी – भरी दास्तान
प्रो. शम्सुल इस्लाम का यह आलेख (Article by professor shamsul islam) “अंग्रेज़ों भारत छोड़ो आंदोलन 1942 और हिंदुत्व टोली : एक गद्दारी – भरी दास्तान” मूलतः
आपदा का व्यवसायीकरण : व्यावसायिक खनन वरदान नहीं श्राप है
आदिवासियों की भूमि पर कोयला खदानों के निजीकरण के संदर्भ में आपदा के व्यवसायीकरण के क्या परिणाम होंगे (What will be the consequences of commercialization
तुमने तभी माँग ली थी…आख़िरी विदा…
….दूसरी बार जब एडमिट हुए तो ज़्यादा बोले नहीं.. सोये पड़े रहते थे…तुम… कुछ कहना चाहते थे भी तो.. शायद.. आवाज़ घर्रा कर.. बाईपैप के..
समयांतर का जून अंक और पंकज बिष्ट का लेख इसका बच्चस, उसका बच्चा?
June issue of Samayantar and article by Pankaj Bisht साहित्य और पत्रकारिता की क्या भूमिका होनी चाहिये (What should be the role of literature and
मोदी के विरूद्ध भी ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए जो पं. नेहरू और कृष्णा मेनन के विरूद्ध की गई थी
दुनिया की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा चीन China did not meet world expectations जब चीन में क्रांति (Revolution in china) हो रही थी उस
पीएमओ की सफाई ने आशंकाओं का समाधान करने की बजाय उन्हें और गहरा कर दिया है
सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री के बयान पर पीएमओ की सफाई/व्याख्या (PMO’s clarification / explanation on Prime Minister’s statement in all-party meeting) ने जितना सुलझाया उससे
पत्रकारिता की गिरती साख और गरिमा को अगर कोई बचा सकता है तो वे हैं आंचलिक पत्रकार
आंचलिक पत्रकार और पत्रकारिता की गिरती साख Declining credibility of journalism AND regional journalist आंचलिक पत्रकारों के बिना आप समाचार पत्र एवं न्यूज़ चैनलों की
वो चितरंजन सिंह बीमार हैं जिन्हें देखकर महसूस किया कि जनसंघर्ष की आग में कैसे इस्पात ढलता है
पलाश विश्वास मन बहुत दुःखी है। कोलकाता में इंडियन एक्सप्रेस की नौकरी के दिनों हम देश के किसी भी कोने में जब तब पहुंच जाते
धार्मिक स्वातंत्र्य : कहां खड़ा है भारत
India is a pluralistic country with many religions भारत अनेक धर्मों वाला बहुवादी देश है। हिन्दू धर्म के मानने वालों का यहाँ बहुमत है परन्तु
यह ज़ुल्मतों का है दौर कैसा !
यह ज़ुल्मतों का है दौर कैसा ! (एक नज़्म सफ़ूरा ज़रगर के लिये) मोहम्मद ख़ुर्शीद अकरम सोज़ —————- यह ज़ुल्मतों का है दौर कैसा !
पूर्व सैन्य अधिकारियों ने कहा – मोदी ने समर्पण कर दिया है और कह रहे हैं कि कुछ हुआ ही नहीं है। भगवान बचाए !
भारत चीन सीमा संघर्ष : एक दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम India-China border conflict: an unfortunate development पिछली 6 से 16 जून के बीच चीन के साथ उत्तर-पश्चिम
अनिल वैद्यजी के निधन से सामाजिक बदलाव के हमारे अभियान को झटका। उन्हें नमन।
The demise of Anil Vaidya jolted our campaign for social change. Bow to him. बहुत अफसोस के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि दिनेशपुर
70 साल में सर्वाधिक परनिर्भर सरकार : विफल लॉकडाउन के बाद विषयांतर की तलाश में मोदी सरकार
Modi government in search of digression after failed lockdown क्या इसे महज एक संयोग माना जा सकता है? देशव्यापी लॉकडाउन (Nationwide lockdown) के 79वें दिन
घरेलू नौकरानी से आलो आँधारी की मशहूर लेखिका बनने वाली बेबी हालदार का आज है जन्मदिन
Know How baby haldar became a writer in India आज प्रेरणा अंशु परिवार की मशहूर लेखिका बेबी हालदार का जन्म दिन है। हम सभी की
हर्ड इम्युनिटी के भरोसे रहे तो पूरा भारत हो जायेगा कोरोनामय
What is herd immunity? | झुंड प्रतिरक्षा क्या है? भारत में जैसे-जैसे कोरोना का प्रसार तेज हो रहा है,तो झुंड प्रतिरक्षा हर्ड इम्यूनिटी – को
हस्तक्षेप.कॉम ‘साहित्यिक कलरव‘ में इस रविवार सुरेन्द्र शर्मा का “आँसुओं का मोल मिल पाता…”
नई दिल्ली, 18 जून 2020. हस्तक्षेप.कॉम के यूट्यूब चैनल पर ‘साहित्यिक कलरव‘ के अगले एपिसोड में इस रविवार सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा का काव्य
पिछले 6 वर्षों में सरकार कितनी खरी उतरी है? एक लेखा-जोखा ऐतिहासिक तथ्यों के साथ
नगीना खान का बेहद प्रासंगिक लेख | Nagina Khan’s very relevant article महत्वपूर्ण सवाल यह है कि पिछली सरकारों की असफलताओं का रिपोर्ट कार्ड (Report
चरित्र हनन, समाज में वैमनस्य व कटुता उत्पन्न करना ट्रोल आर्मी का प्रारंभिक “युगधर्म” है
देशबन्धु : चौथा खंभा बनने से इनकार अखबार अथवा प्रेस और सत्तातंत्र के जटिल संबंधों (Complex relations of press and power) को समझने की मेरी
लॉकडाउन में घरेलू कामगारों से सोशल डिस्टेन्सिंग बनाती सोसाइटी
International Day of Family Remittances | Social distancing makes society from domestic workers in lockdown 16 जून को विश्व ‘अन्तर्राष्ट्रीय घरेलू कामगार दिवस’ (international domestic