CAA: The Modi-Shah duo is heading towards a partitioning country! नई दिल्ली। आखिर वह हो ही गया, जिसका अंदेशा व्यक्त किया जा रहा था। सीएए मुद्दे को भाजपा, आरएसएस और उनके सहयोगी संगठनों ने हिन्दू-मुस्लिम का रूप दे ही दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दिल्ली आगमन पर दिल्ली में सीएए विरोधी व समर्थकों में हुई भिड़ंत (Clash between anti-CAA …
Read More »हस्तक्षेप
मुस्लिम महिलाएं और खेल
Muslim women and sports भारत एक विकासशील राष्ट्र है एवं किसी भी देश के लिए लोकशक्ति व समानता का विशेष महत्व रहता है, इसमें स्त्री एवं पुरुष दोनों सम्मिलित हैं क्योंकि ये दोनों समाज के अपरिहार्य अंग हैं। यदि किसी भी देश को विकसित करना है तो सबसे पहले महिलाओं का विकास करना होगा, क्योंकि महिला ही समाज की जननी …
Read More »सैनिक का अपमान : ये कैसा गुजरात मॉडल ? गंगा जल और गोमूत्र की चिंता! दलितों की क्यों नहीं ?
सैनिक का अपमान देश और सेना का अपमान। 21वीं सदी में भी सोच में बदलाव नहीं। अपने ही देश और समाज में सैनिक का अपमान बेहद शर्मनाक। Insulting the soldier in his own country and society is extremely shameful. देश की रक्षा और स्वभिमान के लिए देश का सैनिक अपने प्राणों की बाजी लगा देता है, लेकिन जब किसी सैनिक का …
Read More »ट्रंप के रोड शो पर 100 करोड़ खर्च करने वाली यह ‘अभिवादन समिति’ है किसकी ? यह समिति डोनाल्ड ट्रंप पर इतना भारी-भरकम खर्च क्यों कर रही है ?
People started asking for the answer of 100 crores spent on Donald Trump‘s roadshow नई दिल्ली। लोगों का बेवकूफ बनाना तो कोई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीखे। अब जब डोनाल्ड ट्रंप के रोड शो पर खर्च होने वाले 100 करोड़ रुपये का जवाब जनता मांगने लगी तो विदेश मंत्रालय से प्रवक्ता से कहलवा दिया कि यह खर्च ‘अभिवादन समिति’ उठा …
Read More »राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा एनपीआर में उपलब्ध कराए गए दस्तावेज़ सार्वजनिक किए जाएं
Documents made available by President Ramnath Kovind to NPR should be made public एनपीआर सबसे पहले देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का होगा। हम मांग करते हैं कि देश के प्रथम नागरिक द्वारा एनपीआर में उपलब्ध कराए गए दस्तावेज़ सार्वजनिक किए जाएं। उसके साथ यह विवरण भी शामिल हो कि दस्तावेज़ कब और कहां से जारी किए गए …
Read More »दुनिया में लोग जेबों से तोले जाते हैं…
…जेब … पैन्ट की साइडों में शर्ट के ऊपर दिल के दाँये बाँये ज़रा सी जो नज़र आती है दरअसल औक़ात बताती है… रूप, रंग, गुन, संस्कार इस जेब के आगे सब बेकार… अदब लिहाज़ के सारे ताले इसी से खोले जाते हैं… दुनिया में लोग जेबों से तोले जाते हैं… भरी जेब वाले देवों में देव.. रिश्तों की सूखी …
Read More »सुस्त पड़ गयी ज़िन्दगी की रफ्तार को विकास के सहारे भगाना चाहती हैं हमारी सरकारें
पटना टू सिंगरौली, इंडिया से भारत का सफर, Patna to Singrauli..India’s journey to Bharat सिंगरौली (Singrauli) लौट आया हूँ। कभी पहाड़ों के ऊपर तो कभी उनके बीच से बलखाती निकलती पटना-सिंगरौली लिंक ट्रेन (Patna-Singrauli Link Train)। बीच-बीच में डैम का रूप ले चुकी नदियों और उनके ऊपर बने पुल तो कभी पहाड़ों के पेड़ से भी ऊँची रेल पटरी से …
Read More »सीएए-एनपीआर-एनआरसी की सबसे बुरी मार आदिवासी, दलित, ओबीसी पर पडने वाली है : राज वाल्मीकि की टिप्पणी
सीएए-एनपीआर-एनआरसी पर दलित दृष्टिकोण – Dalit Approach on CAA-NPR-NRC चलो दिल्ली भरो दिल्ली 04 मार्च 2020 आज अगर खामोश रहे तो….. “…इसकी सबसे बुरी मार नोमेडिक ट्राइब यानी घुमंतू जनजातियों पर पड़ने वाली है जिनके पास न कोई जमीन है न कोई कागजात. आदिवासी, दलित, ओबीसी भी कागजात के अभाव में नागरिकता खो देंगे. और वे तमाम गरीब जिनके पास न …
Read More »2019 में मॉब लिंचिंग : वर्चस्ववाद की अभिव्यक्ति
झारखंड के 24 वर्षीय तबरेज अंसारी को एक भीड़ ने घेर लिया और उस पर आरोप लगाया कि उसने एक मोटरसाईकिल चोरी की है। भीड़ की मांग पर उसने ‘जय श्रीराम‘ के नारे भी लगाए। परंतु फिर भी उसे बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया। 25 साल का मोहम्मद बरकत आलम जब नमाज़ पढ़कर अपने घर लौट रहा …
Read More »हाँ ! मैं एक ‘लव जिहादी’ हूँ – जीसस भी लव जिहादी थे
I Am A ‘Love Jihadi’ – An Open Letter to Cardinal George Alencherry of Syro Malabar Church of Kerala by K P Sasi फिल्मकार के पी शशि का केरल के सिरो मालाबार चर्च के कार्डिनल जॉर्ज अलेंचेरी को खुला पत्र सर ! मैं भारत के सर्वाधिक प्राचीन दर्शनिक सम्प्रदाय चार्वाक सम्प्रदाय (ancient school of philosophical thought in India called Charvakas) …
Read More »स्वतंत्रता-संग्राम के ग़द्दारों की संतानों के नए पैंतरे : आरएसएस के ‘वीर’ सावरकर ने किस तरह नेताजी की पीठ में छुरा घोंपा
आरएसएस-भाजपा टोली गांधीजी को अपमानित और नीचा दिखाने का कोई मौक़ा नहीं गंवाती है। इस ख़ौफ़नाक यथार्थ को झुठलाना मुश्किल है कि देश में हिंदुत्व राजनीति के उभार (The rise of Hindutva politics in the country) के साथ गांधीजी की हत्या पर ख़ुशी मनाना (Celebrating Gandhi’s assassination) और हत्यारों का महिमामंडन, उन्हें भगवन का दर्जा देने का भी एक संयोजित …
Read More »योगी का संविधान विरोधी वक्तव्य है “देश को रामराज्य चाहिए समाजवाद नहीं”
There is socialism in the Preamble of the Constitution, not Ram Rajya Yogi’s anti-constitution statement is “the country needs Ramrajya, not socialism” संविधान विरोधी वक्तव्य है योगी जी का कि देश को रामराज्य चाहिए समाजवाद नहीं। संविधान की प्रस्तावना में समाजवाद है रामराज्य नहीं। स्पष्ट करें योगी जी ! उन्होंने भारत के संविधान की प्रस्तावना में वर्णित समाजवाद की जगह …
Read More »राजनीति का बढ़ता अपराधीकरण : घर को लग गई आग घर के चराग से
Candidates with criminal background in elections सर्वोच्च न्यायालय ने राजनीतिक दलों को निर्देश दिया है (Supreme Court has directed political parties) कि वे चुनाव में आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों को खड़ा करें तो जनता को बतायें कि आखिर ऐसी कौन-सी मजबूरियां थीं, जिनके फलस्वरूप उन्होंने बेदाग के बजाय आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशी (Candidates with criminal background) का विकल्प चुना। न्यायालय …
Read More »हमें आपकी मदद की आवश्यकता है, आपके समर्थन के बिना हम अस्तित्व में नहीं रहेंगे
आप हस्तक्षेप के पुराने पाठक हैं। हम जानते हैं आप जैसे लोगों की वजह से दूसरी दुनिया संभव है। बहुत सी लड़ाइयाँ जीती जानी हैं, लेकिन हम उन्हें एक साथ लड़ेंगे — हम सब। Hastakshep.com आपका सामान्य समाचार आउटलेट नहीं है। हम क्लिक पर जीवित नहीं रहते हैं। हम विज्ञापन में डॉलर नहीं चाहते हैं। हम चाहते हैं कि दुनिया …
Read More »कैसे आते हैं बदलाव ? अशिक्षित होना और मूर्ख होना दो अलग बातें
How does change come? Being uneducated and being foolish are two different things आज हमें परिवर्तन की मानसिक यात्रा से गुज़रने की आवश्यकता है स्कूल-कॉलेज विधिवत औपचारिक शिक्षा के मंच (Formal education platforms) हैं और व्यक्ति यहां से बहुत कुछ सीखता है। शिक्षित व्यक्ति के समाज में आगे बढ़ने के अवसर अशिक्षित लोगों के मुकाबले कहीं अधिक हैं। एक कहावत …
Read More »परिभाषाओं के बदलते अर्थों में अब महिलाओं को चरित्रहीन ही होना चाहिये !
कल कल्लन के लिये गेट पर मजमा लगा.. पुलिस आई ज़ाहिल औरतों की इक टोली चिल्लाई इसने कल्लन का हाथ पकड़ा… थी तो बेहयाई पर मुझे ज़ोर से हँसी आई.. शक्ल से कबूतर उम्र पचपन से ऊपर.. कल्लन क्या खो चुका है दिमाग़ी आपा… अधेड़ उम्र पर जे सुतियापा… हट्टे कट्टे मुस्टंडे कल्लन ने हाथ क्यूँ नहीं छुड़ाया.. मजमई भेड़ों …
Read More »मोदी जैसों का सच सात पर्दों के पीछे से भी बोलने लगता है — सुनिये तवलीन सिंह के मोहभंग की कहानी
तवलीन सिंह का यह साक्षात्कार (Interview of Tavleen Singh) सचमुच उल्लेखनीय है। पिछले छ: सालों में ‘इंडियन एक्सप्रेस’ के उनके स्तंभ (Tavleen Singh’s column in ‘Indian Express’) में कई बार मोदी की तारीफ़ में उनकी बातें इतनी छिछली और भक्तों के प्रकार की हुआ करती थी कि उन पर तीखी टिप्पणी करने से हम खुद को रोक नहीं पाते थे। …
Read More »इस्लाम के आंतरिक ‘संकट’ की विवेचना : क्या वाकई मुसलमान, स्वयं इस्लाम के सबसे बड़े शत्रु हैं ?
Explaining Islam’s internal ‘crisis’: Are Muslims themselves the biggest enemies of Islam? समकालीन वैश्विक संकट के पीछे धर्म है या राजनीति? Is religion or politics behind the contemporary global crisis? वैश्विक स्तर पर ‘इस्लामिक आतंकवाद’ (‘Islamic terrorism’ globally) शब्द बहुप्रचलित हो गया है और इस्लाम के आंतरिक ‘संकट’ की कई तरह से विवेचना की जा रही है। Islam is going through a big crisis ? …
Read More »आजादी से पहले देश अनपढ़ जरूर था, लेकिन धर्मांध हरगिज़ नहीं
India is still a country of villages. Those who led the freedom struggle were understood by this very rule. बदलाव का सपना देखने वाले लोग न जाने क्यों भूल जाते हैं कि भारत अब भी गांवों का देश है। आजादी की लड़ाई का नेतृत्व करने वालों ने इस बहुत कायदे से समझा था। ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ ग्रामीण भारत में …
Read More »देश पिछड़ गया तो क्या, मोदी तो संघ का एजेंडा पूरा करने में उम्मीद से आगे निकल गए हैं
अच्छे दिन लाने और प्रत्येक के खाते में सौ दिन के अन्दर 15 लाख जमा कराने तथा हर साल युवाओं को दो करोड़ नौकरियां देने के वादे (Promises to provide 20 million jobs to youth every year) के साथ सत्ता में आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के चार वर्ष पूरे हो गए हैं। अवश्य ही मोदी इस दरम्यान जहाँ …
Read More »अंबेडकर की नजर में वास्तविक स्वतंत्रता का अर्थ है सभी किस्म के विशेषाधिकारों का खात्मा
We should see Baba Saheb Bhimrao Ambedkar as a modern mythologist. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को हमें आधुनिक मिथभंजक के रूप में देखना चाहिए। भारत और लोकतंत्र के बारे में परंपरावादियों, सनातनियों, डेमोक्रेट, ब्रिटिश बुद्धिजीवियों और शासकों आदि ने अनेक मिथों का प्रचार किया है। ये मिथ आज भी आम जनता में अपनी जड़ें जमाए हुए हैं। बाबासाहेब ने भारतीय …
Read More »