Swaroop Kumari Bakshi was the epitome of secularism लखनऊ, 23 जून 2021. स्वरूप कुमारी बक्शी धर्मनिरपेक्षता की प्रतिमूर्ति थीं. उनके प्रयासों से ही उत्तर प्रदेश में उर्दू को नारायण दत्त तिवारी जी की कांग्रेस सरकार में दूसरी सरकारी ज़बान का दर्जा दिया गया था. ये बातें वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री प्रमोद तिवारी ने कहीं। वे कल यहां अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा …
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जलवायु परिवर्तन के कारण बदल रहा है भारत के मानसून का मिजाज़
The mood of India’s monsoon is changing due to climate change फ़िलहाल भारत में मानसून आ चुका है, लेकिन मानसून के मिजाज़ बदले बदले से हैं इस मौसम की घटना के। वैसे भी भारतीय मानसून एक जटिल परिघटना है और विशेषज्ञों की मानें तो जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग ने मानसून के बनने की परिस्थिति पर और तनाव डाल दिया …
Read More »बच्चों की साइकोमोटर क्षमताओं को प्रभावित करते हैं खिलौने : स्मृति जुबिन इरानी
Toys affect children’s psychomotor abilities: Smriti Zubin Irani ‘टॉयकैथॉन-2021’ के ग्रैंड फिनाले का वर्चुअल उद्घाटन नई दिल्ली, 23 जून 2021: “खिलौने बच्चों की साइकोमोटर क्षमताओं को प्रभावित करते हैं, स्मृति-कौशल पर प्रभाव डालते हैं, और बच्चे की भविष्य की स्वायत्तता सुनिश्चित करने की दिशा में उत्तरदायित्व की भावना जगाते हैं।” ये बातें केंद्रीय कपड़ा और महिला एवं बाल विकास मंत्री, …
Read More »तपेदिक ने बढ़ाया आदिवासियों में कोरोना का खतरा
Tuberculosis increased the risk of corona among tribals Tribal health in India भारत में लगभग 12 करोड़ लोग विभिन्न आदिवासी समूहों से हैं। इनमें से अधिकांश को कोई न कोई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हैं। भारत में मलेरिया के कुल प्रकरणों में लगभग एक तिहाई आदिवासी बहुल इलाकों में से आते हैं। Report of the Expert Committee on Tribal Health वर्ष …
Read More »ओटीटी को ‘बड़ा पर्दा’ बनता देखने की कहानी है ‘शेरनी’
‘शेरनी’ की फिल्म समीक्षा | Sherni movie review in Hindi अमित मसूरकर यानि नई पीढ़ी का सफलतम निर्देशक चालीस की उम्र में आप किसी को बूढ़ा नहीं कह सकते तो युवा भी नहीं, इंसान की समझदारी अपने पूर्व अनुभवों से उस समय शीर्ष पर होती है। वही समझदारी अमित मसूरकर ने ‘शेरनी’ बनाते हुए दिखाई है, जिस वज़ह से यह …
Read More »पंडित नेहरू और शेख अब्दुल्ला के कारण ही कश्मीर बन सका भारत का हिस्सा
Kashmir became a part of India only because of Pandit Nehru and Sheikh Abdullah भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समेत कई व्यक्ति व संगठन जवाहरलाल नेहरू को कश्मीर समस्या के लिए जिम्मेदार मानते हैं। परंतु इसके विपरीत पूरे विश्वास से यह दावा किया जा सकता है कि यदि जवाहरलाल नेहरू और शेख अब्दुल्ला नहीं होते तो जम्मू-कश्मीर भारत …
Read More »भारतीय इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा बीडीएम का हस्ताक्षर अभियान !
Signature campaign of BDM will prove to be a milestone in Indian history! डॉ. जन्मेजय बहुजन डाइवर्सिटी मिशन (Bahujan Diversity Mission –बीडीएम) द्वारा शुरू होने वाला हस्ताक्षर अभियान भारतीय इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा। क्योंकि इससे पूर्व भारत ही नहीं, संभवतः पूरे विश्व में इतने वृहद मकसद को लेकर शायद ही कोई हस्ताक्षर अभियान चला होगा. टेक्नॉलोजी …
Read More »बुनकरों का आर्थिक और सामाजिक विकास कांग्रेस के साथ ही संभव – सलमान खुर्शीद
प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस लड़ेगी बुनकरों की लड़ाई – शाहनवाज़ आलम कांग्रेस घोषणापत्र कमेटी के साथ प्रदेश भर के बुनकर प्रतिनिधियों की हुई वर्चुअल मीटिंग Virtual meeting of the weavers representatives of the state with the Congress Manifesto Committee लखनऊ, 21 जून 2021.अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा बुनकर समाज के प्रतिनिधियों के साथ कांग्रेस घोषणापत्र कमेटी के अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय …
Read More »लो जी, पीएम मोदी ने बता दिया कोरोना महामारी में दुनिया के लिए उम्मीद की किरण बना योग
नई दिल्ली, 21 जून 2021. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देश की जनता को सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “आज जब पूरा विश्व कोरोना महामारी का मुकाबला कर रहा है तो योग उम्मीद की एक किरण भी बना हुआ है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कोरोना के …
Read More »किसानों के गेहूं खरीद की गारंटी करे सरकार, 15 जुलाई तक खोले जाए क्रय केंद्र: प्रियंका ने योगी को लिखा पत्र
गेहूं खरीद को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लिखा सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र Congress General Secretary Priyanka Gandhi wrote a letter to CM Yogi Adityanath regarding wheat procurement प्रत्येक क्रय केंद्र खोले जाएं, किसानों से हो अधिकतम खरीद : प्रियंका गांधी दिल्ली/लखनऊ, 21 जून 2021। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी …
Read More »मोदी सरकार की हाथ की सफाई और महामारी को छूमंतर करने का खेल
पुरानी कहावत है कि जो इतिहास से यानी अनुभव से नहीं सीखते हैं, इतिहास को दोहराने के लिए अभिषप्त होते हैं। नरेंद्र मोदी का सत्ता पर ज्यादा से ज्यादा प्रत्यक्ष नियंत्रण हासिल करने का मोह क्या कोविड-19 की महामारी के मामले में भी, दूसरी लहर के विनाशकारी इतिहास का आगे भी दोहराया जाना ही भारतवासियों की नसीब में नहीं लिख …
Read More »कोविड-19 : नागरिकों की ठोड़ी पर झूलते मास्क और हवा में लटकी सरकार
कुछ ऐसी ही है कोरोना की दूसरी लहर से जीतने की अजब-गजब कहानी कोरोना महामारी की पहली लहर (first wave of corona pandemic) में भारतीय हवा में लाठियां भांज रहे थे और दूसरी लहर में ‘अश्वत्थामा’ की मिथकीय कहानी की तरह खुद को अजर-अमर मानकर निश्चिंत पड़े रहे। संक्रमित होने के डर संग अपनों की मौत का पल-पल डर, प्लाज्मा …
Read More »ट्विटर के नेता रह गए हैं अखिलेश : मनोज यादव
अन्य पिछड़ी जातियों समेत परिवार के बाहर के यादवों के लिए भी सपा में कोई जगह नहीं- मनोज यादव कांग्रेस पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ का सपा पर बड़ा हमला। अखिलेश यादव को बताया ट्विटर का नेता समाजवादी पार्टी में पिछड़े वर्ग की दूसरी बिरादरियों के लिए कोई भी जगह नहीं एक परिवार का कब्जा है समाजवादी पार्टी में । लखनऊ, 18 …
Read More »मंदिरों में दलित पुजारी : ब्राह्मणशाही के खात्मे की दिशा में एक युगांतरकारी फैसला!
Dalit Priests in Temples: An epoch-making decision towards the end of Brahmanshahi! धर्म प्रधान देश भारत में धार्मिक सेक्टर से जुड़ी घटनाएँ प्रायः ही लोगों को उद्वेलित करती हैं. विगत सप्ताह से इस क्षेत्र से जुड़ी दो घटनायें चर्चा का खास विषय बनी हुई हैं. इनमें पहली घटना उस राम मंदिर निर्माण से जुड़ी है, जिसके पक्ष में जन-भावना जगाने …
Read More »क्या मुसलमान भारत में बहुसंख्यक बनेंगे?
Bursting Myths of Muslim Population : Hindi Article by Dr Ram Puniyani गत 11 जून को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि मुसलमानों को एक ‘अच्छी‘ परिवार कल्याण योजना अपनानी चाहिए ताकि राज्य में व्याप्त घोर गरीबी और सामाजिक समस्याओं से मुकाबला किया जा सके। मुख्यमंत्री, दरअसल, हमारे समाज में मुसलमानों की जनसंख्या के बारे में व्याप्त …
Read More »अजब गजब मध्यप्रदेश : जिंदगी में कभी शुमार नहीं हुए, अब मौत में भी गिनती में नहीं
संसदीय लोकतंत्र या सूचित, लोकतांत्रिक, सभ्य समाज के हर नियम, हर परम्परा को तोड़ना भाजपा का सबसे प्राथमिक मिशन भाजपा और उसकी सरकारों का सचमुच में कोई सानी नहीं है। आप एकदम अति पर जाकर इनके द्वारा किये जाने वाले खराब से खराब काम की कल्पना कीजिये वे अगले ही पल उससे भी ज्यादा बुरा कुछ करते हुए नजर आएंगे। …
Read More »पोषण वाटिका से महामारी में रोजगार और पोषण का इंतज़ाम करती महिलएं
Women arranging for employment and nutrition in the pandemic Rural women of India are making every effort to make barren land fertile during the lockdown of COVID-19 बंजर होती जमीन और सूखे के हालात पर इस समय पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। परंतु भारत की ग्रामीण महिलाएं इसकी तोड़ खुद ही अपने परिश्रम से निकाल रही हैं। वह …
Read More »अंबेडकर से लेकर लोहिया : क्यों मार्क्सवादी दृष्टिकोण के विरोधी हो गए ?
अंबेडकर से लेकर लोहिया तक जाति और वर्ग की प्रतीकात्मक धारणाओं के पीछे के ऐतिहासिक कारणों को आत्मसात् करने में विफल रहने के कारण मार्क्सवादी दृष्टिकोण के विरोधी हो गए वर्ग और जाति —अरुण माहेश्वरी वीरेन्द्र यादव की फेसबुक वॉल पर जाति और वर्ग के बारे में डॉ. लोहिया के विचार के एक उद्धरण* के संदर्भ में : जाति हो …
Read More »जलवायु परिवर्तन के लिहाज़ से जी 7 सम्मेलन ने उम्मीदों पर पानी फेरा : विश्लेषक
G7 summit dashed expectations on climate change: Analyst अब तक ऐसा सोचा जा रहा था कि जलवायु परिवर्तन रोकने में जी 7 सम्मेलन मील का पत्थर साबित होगा लेकिन सम्मलेन ने इन तमाम उम्मीदों पर पानी फेर दिया। कॉर्नवाल शिखर सम्मेलन के समापन के बाद प्रमुख विश्लेषकों का मानना है कि G7 नेताओं ने जलवायु, कोविड और प्रकृति के पतन …
Read More »मनरेगा में जाति और मनुवादी एडवाइजरी
Caste and Manuwadi advisory in MGNREGA इस वर्ष के अप्रैल माह में छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में मनरेगा में काम करने वाले दलित व आदिवासी समुदाय से जुड़े मजदूरों के लिए भुगतान का संकट खड़ा हो गया, जबकि बाकी मजदूरों को भुगतान पहले की तरह ही हो रहा था। पूरे देश में हल्ला मचने के बाद यह पता चला कि …
Read More »हमने संपादन प्रभाष जोशी जी से नहीं, रघुवीर सहाय से सीखा है
We have learned editing from Raghuveer Sahai, not Prabhash Joshi. हमारे हिसाब से अप्रतिष्ठित, युवा और नए, ग्रामीण और वंचित तबकों, छात्रों, बच्चों और स्त्रियों की रचना को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। लेकिन संपादकीय चुनौती यह होती है कि ऐसे रचनाकारों से निरन्तर संवाद के जरिए उनकी रचनात्मकता को दिशा और दृष्टि के साथ उत्कर्ष तक पहुंचाना होता है। कमजोर रचना …
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