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केंद्र सरकार कोयला आयात करने के लिए राज्यों पर डाल रही है बेजा दबाव

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hastakshep
19 May 2022
New Update
भारत में कोयला बिजली परियोजनाओं को मिलने वाला बैंक लोन घट रहा है

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The central government is putting undue pressure on the states to import coal

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लखनऊ, 18 मई 2022. ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (All India Power Engineers Federation) ने केंद्र सरकार द्वारा आज पुनः कोयला आयात करने के निर्देश को केंद्र सरकार द्वारा राज्यों पर बेजा दबाव डालने की कोशिश बताया है और अपनी मांग दोहरायी है कि चूँकि कोयला संकट में राज्य के बिजली उत्पादन गृहों का कोई दोष नहीं है अतः केंद्र सरकार को कोयला आयात के अतिरिक्त खर्च का वहन करना चाहिए।

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ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने आज यहां जारी बयान में कहा कि केंद्र सरकार के आज जारी आदेश में कहा गया है कि 31 मई तक जो ताप बिजली घर कोयला आयात करने  का आदेश नहीं करेंगे और 15 जून तक आयातित कोयले की ब्लेंडिंग प्रारंभ नहीं करेंगे उन्हें इसके बाद 10% के बजाय 15% कोयला 31 अक्टूबर तक आयात करना होगा। इतना ही नहीं तो केंद्र सरकार ने आगे यह भी कहा है कि 1 जून के बाद डोमेस्टिक कोयले के आवंटन में भी ऐसे ताप बिजली घरों को 5% कम कोयला दिया जाएगा जिन्होंने आयातित कोयले का आदेश नहीं किया है। यह साफ तौर पर कोयला आयात करने के लिए बढ़ाया जा रहा बेजा जवाब है जो उचित नहीं है।

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उन्होंने कहा कि एक ओर तो केंद्र सरकार अप्रैल तक यह दावा करती रही है कि कोल इंडिया का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में अधिक हुआ है और कोयले का कोई संकट नहीं है दूसरी ओर अब इसके ठीक विपरीत केंद्र सरकार यह कह रही है कि राज्य के ताप बिजली घर कोयला आयात करें और अब यह कोयला आयात करने का कार्यक्रम 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया है।

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उन्होंने कहा कि राज्यों के अधिकांश ताप बिजली घर आयातित कोयले के लिए डिजाइन नही किये गए हैं। आयातित कोयला ब्लेंड करने से इनके बॉयलर में ट्यूब लीकेज बढ़ जाएंगे। इससे स्पष्ट हो जाता है कि केंद्र सरकार ने कोयला आयात करने को मुख्य ध्येय बना लिया है।

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उन्होंने कहा कि अभी भी देश के 108 ताप बिजली घरों के पास केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के नोरमैटिव स्टॉक की तुलना में 25% से कम कोयला है जिसे क्रिटिकल स्टेज कहा जाता है।

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उन्होंने कहा कि ताप बिजली घरों तक कोयला न पहुंचने का प्रमुख कारण रेलवे के रेक की कमी  बताई जा रही है। ऐसे में आयातित कोयला जो बंदरगाहों पर आएगा वहां से कई हजार किलोमीटर दूर स्थित ताप बिजली घरों तक किस तरह यह कोयला पहुंचाया जाएगा यह भी केंद्रीय विद्युत मंत्री को बताना चाहिए।

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने पुनः यह कहा है कि मौजूदा कोयला संकट केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों बिजली, कोयला और रेल के आपसी समन्वय की भारी कमी के कारण पैदा हुआ है। अतः राज्यों पर कोयला आयात करने के लिए बेजा दवाब न डाला जाए और यदि राज्यों को कोयला आयात करने के लिए मजबूर किया जाता है तो आयातित कोयले का अतिरिक्त भार केंद्र सरकार को उठाना चाहिए।

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