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कमल शुक्ला मामले में पोखरियाल ने गृहमंत्रालय से कार्रवाई करने कहा, कांग्रेस ने मंशा जाहिर की वह हमलावरों के साथ

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hastakshep
29 Sep 2020
सच का दस्तावेज है बस्तर और सच उजागर करने के खतरे तो उठाने ही होंगे : कमल शुक्ला

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Pokhriyal asked the Home Ministry to take action in the Kamal Shukla case, Congress expressed its intention to join the attackers

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नई दिल्ली : केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को गृहमंत्रालय को ईमेल कर छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला और और सतीश यादव पर हमला करने वालों पर त्वरित कार्रवाई करने को कहा है।

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गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को संबोधित ईमेल में श्री पोखरियाल ने कहा है कि इस संबंध में हुई कार्रवाई से उन्हें भी यथाशीध्र अवगत कराया जाए।

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शिक्षा मंत्री ने गृह सचिव को यह ईमेल ‘जन विकल्प’ नामक गूगल ग्रुप में बुद्धिजीवियों व पत्रकारों द्वारा इस मामले पर कार्रवाई की मांग का संज्ञान लेते हुए किया है।

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ग़ौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में गत 27 सितंबर को पत्रकार कमल शुक्ला और सतीश यादव को निशाना बनाया गया और उनके साथ मारपीट की गई।

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पुलिस थाने के बाहर जब उनकी पिटाई की जा रही थी उस वक्त स्थानीय पुलिस भी वहां मौजूद थी. ये घटना कांकेर में उस वक्त की है जब कमल शुक्ला पहले से ही कांग्रेस पार्टी के पार्षदों और दबंगों द्वारा पीटे गए एक अन्य पत्रकार से मिलने कोतवाली थाना पहुंचे थे.

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आरोप है कि ये हमला कांग्रेस से जुड़े नेताओं ने किया था।

कमल शुक्ला के नेतृत्व में ही छत्तीसगढ़ की पिछली सरकार के कार्यकाल में पत्रकार सुरक्षा क़ानून को लेकर कई आंदोलन हुये थे। दिसंबर 2018 में सत्ता में आने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकार सुरक्षा क़ानून लागू करने का वादा किया था।

राज्य में पत्रकार सुरक्षा क़ानून तो लागू नहीं हुआ, उल्टा सुरक्षा क़ानून के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले पत्रकार पर ही शनिवार को थाने के ठीक सामने हमला हुआ।

घटना के बाद घायल कमल शुक्ला ने बताया था कि उनके उपर हमला छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की जानकारी में हुआ है, क्योंकि उनके राजनीतिक सलाहकार व मंत्री का दर्जा प्राप्त कांग्रेस नेता राजेश तिवारी का एक ऑडियो उनके पास आया है, जिसमें वे कांकेर कलेक्टर व एसपी को बोल रहे हैं कि दो घंटा तक किसी का फोन नहीं उठाना है। इसीलिए थाना में भी मात्र 10 पुलिस को ही रखा गया था, ताकि उनकी हत्या हो जाए।

इस संबध में केंद्रीय शिक्षा मंत्री द्वारा गृहमंत्रालय को लिखे गए ईमेल में यह राजनीतिक कोण भी शामिल है। चूंकि मार-पीट के इस मामले में कांग्रेस नेताओं का नाम आ रहा है इसलिए भाजपा कोई ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है।

उधर कांग्रेस ने पत्रकारों के साथ हुयी घटना के जांच हेतु समिति का किया गठन है। लेकिन कांग्रेस ने अपनी मंशा साफ जाहिर कर दी है कि वह हमलावरों के साथ है। दरअसल छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने साफ लिखा है “कथित पत्रकारों के साथ हुई मारपीट की घटना” यानी कांग्रेस साफ मान रही है कि पत्रकार कथित हैं।

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