नई दिल्ली, 22 जून 2020. सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वक्तव्य (Prime Minister Narendra Modi's statement in all-party meeting) को ढाल बनाकर चीन ने भारत पर पलटवार करते हुए कहा है कि मुठभेड़ की सच्चाई सामने आ गई है और चीन की बात को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार किया है।
चाइना रेडियो इंटरनेशनल की वेबसाइट (China radio international website) पर “मुठभेड़ की सच्चाई सामने आई” शीर्षक से खबर में कहा गया है कि,
“इधर के दिनों में चीन और भारत के बीच सीमा क्षेत्र में मुठभेड़ हुई, जिसमें सैनिक हताहत हुए। भारत में चीन के खिलाफ कार्रवाई सक्रिय हो रही है, वहीं चीन संयम से काम ले रहा है।
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अब मुठभेड़ की सच्चाई सामने आ गई है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने फोन पर वार्ता की। वांग यी ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह मुठभेड़ भारत द्वारा की गई उत्तेजना से हुई। चीन इसका दृढ़ विरोध करता है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में मुठभेड़ की पूरी प्रक्रिया बताई। चीन की बात को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार किया।“
खबर में आगे कहा गया है कि,
“19 जून को आयोजित राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस में मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि चीनी सैनिकों ने भारत की भूमि में प्रवेश नहीं किया। भारत की कोई चौकी और उपकरण नहीं हटाया गया। इस तरह प्रतीत होता कि मोदी भी इस बात को स्वीकार करते हैं।
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उधर, मुठभेड़ होने के बाद चीन ने चीनी सैनिकों के हताहत होने की संख्या जारी नहीं की। उद्देश्य है कि मुठभेड़ को शांत बनाया जाए। लेकिन भारत और दुनिया में बहुत लोगों ने मुठभेड़ की जिम्मेदारी चीन पर लादी, जिससे भारत में चीन और चीनी उत्पादों के खिलाफ कार्रवाई सक्रिय बनी है। मोदी के स्पष्टीकरण से अब मुठभेड़ की सच्चाई सामने आ चुकी है।“
खबर के अंत में नसीहत दी गई है कि,
“चीन और भारत दुनिया में दो सबसे बड़े विकासशील देश हैं। दोनों देशों के संबंधों में विकास की बड़ी संभावना है। सीमा विवाद का वार्ता के जरिए समाधान किया जा सकता है। अगर इस पर चीन और भारत सहमति बनाते हैं और इसे कायम रखते हैं, तो विकास के व्यापक मौके होंगे। सहयोग हमारे दोनों देशों के लिए लाभदायक है। हमें विवाद पर नियंत्रण कर सहयोग करना चाहिए। चीन और भारत की जनसंख्या दुनिया की कुल जनसंख्या का करीब 40 प्रतिशत है। चीन और भारत एक साथ विकास करते हैं, तो दुनिया के लिए बड़ा योगदान होगा।”