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Chrysanthemum in Hindi : गुलदाउदी का फूल बड़ा मनभावन होता है
गुलाब के बाद गुलदाउदी का फूल (chrysanthemum flower in Hindi) लागों में बहुत प्रचलित है क्योंकि यह अपने अनोखे रंग एवं आकार के कारण लोगों को अपनी ओर सहज ही आकर्षित कर लेता है। प्राय: इसे बाहर क्यारियों में अथवा गमले में उगाते हैं, क्योंकि इसके समुचित वृद्धि के लिए पर्याप्त मात्रा में रोशनी एवं जल की आवश्यकता पड़ती है। यदि सूरज की रोशनी पूरे दिन नहीं आती हो तो पूर्वाह्न वाली रोशनी पर्याप्त होती है।
गुलदाउदी के फूलों का रंग (chrysanthemum flower color) बड़ा मनभावन होता है, जो कि सफेद से लेकर पीला, बैंगनी, लाल एवं अन्य मिश्रित रंग भी हो सकता है।
गुलदाउदी की खेती कहां होती है?
गुलदाउदी की खेती (Chrysanthemum Cultivation) हजारों वर्ष पूर्व एशिया के चीन वाले भू-भाग से होते हुए इंग्लैंड, जापान, अमेरिका एवं विश्व के अन्य भागों में पहुंच गई है। गुलदाउदी की खेती की खेती बहुत ही सहज एवं सरल है सिर्फ इसे तेज आंधी, गर्मी एवं बर्फवारी से बचाना चाहिए। जापान में गुलदाउदी की खेती बृहद् स्तर पर होती है एवं इसे वहां के राष्ट्रीय पुष्प का दर्जा प्राप्त है।
गुलदाउदी का वर्गीकरण (classification of chrysanthemums)
विभिन्न देशों में गुलदाउदी की खेती एवं गुलदाउदी पर शोध कर गुलदाउदी की हजारों प्रजातियां विकसित की गई हैं। नई-नई प्रजातियां चयन एवं कृत्रिम संकरण विधि से विकसित की गई है।
गुलदाउदी के फूल एवं आकार के आधार पर इसे सात वर्गों में बांटा जा सकता है। इनमें से घुमावदार गेंदनुमा, बिखरे हुए पंखुड़ी, चम्मचनुमा, मकड़ीनुमा एवं छोटा पुष्प वाले गुलदाउदी प्रचलित हैं।
गुलदाउदी के लिए आवश्यक मिट्टी और उर्वरक (Soil and fertilizer needed for chrysanthemum)
गुलदाउदी की खेती के लिए मिट्टी अच्छी उर्वरा होनी चाहिए। क्यारी की मिट्टी को कम से कम 60 सेंटीमीटर की गहराई तक गुड़ाई कर कम्पोस्ट मिलाना चाहिए। क्यारी का स्तर इस तरह सुनियोजित करें कि वर्षा एवं सिंचाई के पानी का जल भराव न हो सके। पौधे की वृद्धि के समय यूरिया का तरल घोल प्रत्येक पौधे में अल्पमात्रा में दिया जाना चाहिए। गुलदाउदी के पौधों में कली के निकलते समय भी सल्फेट ऑफ पोटाश का छिड़काव करना चाहिए।
गुलदाउदी की पौध कैसे बनती है? (How does a chrysanthemum plant form?)
गुलदाउदी का पौधा बीज एवं कटिंग के माध्यम से प्रवर्धित किया जाता है। कटिंग के माध्यम से प्रवर्धित पौधे से अच्छे किस्म के पुष्प प्राप्त होते हैं। इसके लिए पिछले वर्ष के पौधे के फूल खिलने के पश्चात मार्च माह में धरातल से एक फीट छोड़कर ऊपर से काटकर हटा देते हैं। कुछ समय पश्चात कटे हुए टुकड़े के निचले भाग से सहायक पौध (सकर) निकल आते हैं। इन्हें सावधानीपूर्वक हटाकर छोटे गमले में लगाते हैं।
गमले में उचित मात्रा में मिट्टी, रेत एवं पत्ती वाली खाद मिलाकर भराई कर नए पौधे को लगाना चाहिए।
बढ़ते हुए पौध को समय-समय पर बड़े गमले में हस्तांतरित करते रहना चाहिए।
गुलदाउदी के पौधों के बीच की कितनी दूरी हो?
गुलदाउदी के छोटे आकार वाले पौधों के बीच डेढ़ से दो फीट का अंतरण होना चाहिए, जबकि बड़े आकार वाले पौधों के बीच की दूरी ढाई से तीन फीट होनी चाहिए।
गुलदाउदी के फूल लंबे एवं बड़े आकार के होते हैं जो कि तेज आंधी-तूफान में गिर सकते हैं अत: पौधे को सहारा देने के लिए पौधे की बगल में मजबूत सी लंबी लकड़ी गाड़ देनी चाहिए।
गुलदाउदी की कटाई-छटाई (chrysanthemum harvesting)
जब गुलदाउदी के पौधे 20-25 सेंटीमीटर लंबे हो जाएं तो इससे वांछित आकार के पुष्प प्राप्त करने के लिए कटाई एवं छटाई करते हैं। पौधे के मुख्य तने के शीर्ष भाग को तोड़ देते हैं, जिससे अगल-बगल के पर्णवृन्त से शाखाएं निकलने लगती हैं। यह प्रक्रिया प्राय: मई-जून में करते हैं।
आवश्यकतानुसार इसे दुहराया भी जा सकता है। परंतु हर हाल में प्रक्रिया अगस्त तक कर लेनी चाहिए।
पौधे से निकलने वाली शाखाओं पर ध्यान देना चाहिए। यह संख्या तीन से लेकर छह तक हो सकती है। यदि प्रदर्शनी आदि के लिए फूल उगा रहे हों तो तने की संख्या एक ही हो तो अच्छा है। तदउपरांत इन शाखाओं के शीर्ष से निकलने वाली कली का चयन करना चाहिए, शीर्ष कली के अगल-बगल वाली कली को तोड़कर हटा देना चाहिए। सिर्फ शीर्ष कली को बढ़ने देना चाहिए। इस दौरान गुलदाउदी के पौधे के निचले भाग से यदि सहायक पौध निकाल रही हो तो उसे हटा देना चाहिए।
तेज गर्मी एवं नमी से बचाने के लिए गुलदाउदी के पौधे को छाया प्रदान करना उचित होता है। आपके लिए गुलदाउदी की खेती में इसके फूलों की गुणवत्ता इस बात पर निर्भर करती है कि इसकी शाखाओं एवं कलियों की कटाई-छटाई कैसे की जाती है और किस समय पर की जाती है। सही तरीके से और प्रयुक्त समय पर कटाई-छटाई से अच्छे, बड़े और अधिक संख्या में फूल निकलते हैं। अत: यह प्रक्रिया हर हाल में अगस्त तक पूर्ण कर लेनी चाहिए।
गुलदाउदी की सिंचाई
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समय-समय पर गुलदाउदी की सिंचाई (chrysanthemum irrigation) करते रहें, जिससे कि क्यारियों में नमी बनी रहे। स्प्रिंकलर से सिंचाई करने से नमी समान रूप से क्यारियों में 4-6 इंच तक बनी रहती है। वर्षा के मौसम में सिंचाई की आवश्यकता कम पड़ती है। सर्दियों में गुलदाउदी में माहू (कीट) लगने की आशंका होती है जिसकी रोकथाम के लिए मैलाथियानी कीटनाशक का छिड़काव कर सकते हैं।
गुलदाउदी के उपयोग (uses of chrysanthemum)
गुलदाउदी के फूल बाजार में कट फ्लावर (cut flower) के रूप में उपयोग होने के साथ-साथ प्रदर्शनी आदि के लिए प्रयुक्त होते हैं। चीन में इसके फूल एवं पत्तियों से हर्बल पेय भी बनाते हैं।
- डॉ. राणा संजय प्रताप सिंह
नोट्स -
गुलदाउदी का वैज्ञानिक नाम : Chrysanthemum
आदेश : एस्टरलेस (Asterales)
परिवार: Asteraceae
किंगडम: प्लांटे (Plantae)
जनजाति (Tribe): एंथेमिडी (Anthemideae)
(देशबन्धु में प्रकाशित खबर का संपादित रूप साभार)