कांग्रेस का आरोप - सरकार ने राष्ट्रपति पद की गरिमा गिरा दी

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hastakshep
31 Jan 2020
कांग्रेस का आरोप - सरकार ने राष्ट्रपति पद की गरिमा गिरा दी

Congress charges - Government downgrades presidential dignity

नई दिल्ली, 31 जनवरी 2020. संसद में बजट सत्र के पहले दिन शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण (President Ram Nath Kovind's address on Friday on the first day of the budget session in Parliament) के बाद कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने राष्ट्रपति पद की गरिमा गिरा दी।

The Congress said this in the context of what was included in the President Ram Nath Kovind's address.

कांग्रेस ने यह बात अभिभाषण में शामिल की गईं बातों के संदर्भ में कही। कांग्रेस नेताओं ने यहां मीडिया से बात करते हुए यह भी बताया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम - Citizenship Amendment Act (सीएए) पर पार्टी का विरोध दर्ज कराने के लिए कांग्रेस नेता अपनी सीट पर ना बैठकर पीछे जाकर बैठे।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा,

"सरकार ने जो कानून बनाया और जो बनाने वाली है, उसके खिलाफ हुए प्रदर्शन में लोग मरे हैं, हजारों की संख्या में जख्मी हुए हैं। बेहद अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि सरकार उसे राष्ट्रपति के अभिभाषण में शामिल कर अपनी उपलब्धि बताती है। इसीलिए 14 पार्टियों ने मिलकर सुबह यहां धरना किया और बाद में हम सभी लोगों ने अपनी-अपनी सीटें छोड़ी और पहली और दूसरी लाइन की बजाय पीछे जाकर बैठे।"

उन्होंने आगे कहा,

"पूरी दुनिया जानती है कि राष्ट्रपति का भाषण मंत्रिमंडल तैयार करता है, वह सिर्फ उसे पढ़ते हैं। उसमें कई बातें ऐसी थीं, जो चार-पांच साल पुरानी थी। साथ ही कई बातें ऐसी थीं, जिनका कोई अर्थ नहीं है।"

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने भी इस मौके पर भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा,

"राष्ट्रपति के अभिभाषण में यह अपेक्षा की जा रही थी कि देश के सामने जो संकट है, जो वेदना है, उस पर सरकार की तारीफ और प्रशंसा नहीं होगी। उसमें जो बताया गया वह कोई उपलब्धि नहीं है।"

राष्ट्रपति को संविधान का संरक्षक बताते हुए उन्होंने आगे कहा,

"राष्ट्रपति जी देश के संविधान के संरक्षक हैं और जो मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, उसका जिक्र अभिभाषण में किया गया। पहले बहुमत के दम पर संविधान को चोट पहुंचाने का काम करने वाली सरकार ने बाद में उन्हीं चीजों को अभिभाषण में शामिल करके राष्ट्रपति पद की गरिमा को गिराने का काम किया है।"

गौरतलब है कि बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित किया। इस दौरान एक समय ऐसा भी रहा जब उन्हें अपने अभिभाषण के दौरान विपक्ष के विरोध का सामना करना पड़ा।

राष्ट्रपति संसद के संयुक्त सत्र में सीएए पर मोदी सरकार की पीठ थपथपा रहे थे। उसी समय कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया। सीएए के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

बजट सत्र से पहले संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नागरिकता कानून को मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा,

"इस तरह से महात्मा गांधी के सपनों को पूरा किया गया है। भारत ने हमेशा सर्वपंथ विचारधारा में यकीन किया है, लेकिन भारत विभाजन के समय भारतवासियों और उनके विश्वास पर प्रहार किया गया। विभाजन के बाद बने माहौल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान के हिंदू और सिख, जो वहां नहीं रहना चाहते, वे भारत आ सकते हैं।"

राष्ट्रपति के इतना बोलते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने मेज थपथपाना शुरू कर दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मेज थपथपाते नजर आए। काफी देर तक राजग के सहयोगी दलों ने मेज थपथपाकर राष्ट्रपति की बातों का समर्थन किया। तकरीबन 30 सेकेंड तक ऐसा ही चलता रहा। फिर राष्ट्रपति ने अपना अभिभाषण आगे पढ़ना शुरू किया और तालियां बजती रहीं।

उन्होंने कहा,

"हाल ही में ननकाना साहिब में जो कुछ हुआ, उसे सभी ने देखा है। हम सभी का यह भी दायित्व है कि पाकिस्तान में हो रहे अत्याचार से पूरा विश्व परिचित हो। मैं पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की निंदा करता हूं और विश्व समुदाय से इसे संज्ञान में लेने और इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने का आग्रह करता हूं।"

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