नाक बहना, छींकना और गले में खराश हैं कोविड का ‘एक्सई’ वैरिएंट के प्रमुख लक्षण
COVID-19 Variant XE in India : Here’s all you need to know about new XE Covid variant in Hindi
नई दिल्ली, 6 अप्रैल 2022. देश में आज कोविड-19 के ‘एक्सई’ वैरिएंट (‘XE’ variant of COVID-19) का पहला मामला सामने आया। मुंबई के बॉलीवुड में कोविड-19 के नए वैरिएंट का पहला मामला सामने आने की अपुष्ट खबरों के बाद चिंताएं बढ़ गई हैं और लोग इस वैरिएंट के बारे में जानना चाहते हैं।
पिछले हफ्ते ही डब्ल्यूएचओ ने नए म्यूटेंट के खिलाफ जारी की थी चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पिछले हफ्ते एक नए म्यूटेंट के खिलाफ चेतावनी जारी की थी, जो पहले देखे गए कोविड-19 के किसी भी स्ट्रेन से अधिक संक्रमणीय हो सकता है।
एक्सई वैरिएंट ओमिक्रॉन वैरिएंट के उपभेदों का एक उत्परिवर्तन (म्यूटेशन ऑफ स्ट्रेन– mutation of strain) है, जो दुनिया भर में फैला हुआ है। इसके बारे में पहली बार 19 जनवरी को यूके में पता चला था और तब से सैकड़ों रिपोर्ट और पुष्टि की जा चुकी है।
XE variant can spread about 10 percent faster than other Omicron mutations
शुरुआती संकेत बताते हैं कि यह अन्य ओमिक्रॉन म्यूटेशन की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक तेजी से फैल सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, नया एक्सई वैरिएंट दो अन्य ओमिक्रॉन वैरिएंट्स, बीए.1 और बीए.2 का एक म्यूटेंट हाईब्रिड है और वैश्विक स्तर पर फैल रहे मामलों के लिए जिम्मेदार है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि नया म्यूटेंट ओमिक्रॉन के बीए.2 सब-वैरिएंट की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक ट्रांसमिसिबल (तेजी से फैलने वाला) है।
हालांकि दुनिया भर में एक्सई के फिलहाल कम ही मामले देखने को मिले हैं, मगर इसकी अत्यधिक उच्च संचरण क्षमता का मतलब यह हो सकता है कि यह निकट भविष्य में सबसे प्रभावशाली स्ट्रेन बन जाता है।
हाल ही में डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है, “एक्सई (बीए.1-बीए.2), पहली बार 19 जनवरी को यूके में पाया गया था और 600 से कम सीक्वेंस की रिपोर्ट और पुष्टि की गई है।”
इसमें कहा गया है, “शुरूआती दिन के अनुमान बीए.2 की तुलना में सामुदायिक विकास दर में 10 प्रतिशत का संकेत देते हैं, हालांकि, इसके लिए और पुष्टि की आवश्यकता है।”
कोविड-19 के ‘एक्सई‘ वैरिएंट के प्रमुख लक्षण
यूके की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के अनुसार, एक्सई में नाक बहने, छींकने और गले में खराश जैसे लक्षण होते हैं, जो वायरस के मूल स्ट्रेन के विपरीत होते हैं, क्योंकि मूल स्ट्रेन में आमतौर पर रोगी को बुखार और खांसी की शिकायत रहती है और साथ ही उसे किसी चीज का स्वाद नहीं आता और कोई गंध भी नहीं आती है।
एजेंसी ने कहा कि 22 मार्च तक इंग्लैंड में एक्सई के 637 मामलों का पता चला था।
थाईलैंड और न्यूजीलैंड में भी एक्सई वैरिएंट का पता चला है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि म्यूटेशन के बारे में और कुछ कहने से पहले और डेटा पर गौर करने की आवश्यकता है।
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