माले छह दिसंबर को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगी
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CPI (ML) to demonstrate on 6 Dec at district headquarters
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के आलोक में बाबरी मस्जिद विध्वंस के दोषियों को अविलंब दण्डित करने की मांग उठाएगी
The Communist Party of India (Marxist-Leninist) will raise the demand for punishing the culprits of Babri Masjid demolition without any delay in the light of the Supreme Court verdict.
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लखनऊ, 4 दिसंबर। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) सर्वोच्च न्यायालय के अयोध्या विवाद पर फैसले के आलोक में बाबरी मस्जिद विध्वंस के दोषियों को बिना और देरी किये दण्डित करने की मांग को लेकर छह दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन करेगी। यह प्रदर्शन जिला मुख्यालयों पर होगा।
पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि अपने फैसले में उच्चतम न्यायालय ने 1992 में बाबरी मस्जिद के जबरिया विध्वंस को स्पष्ट रूप से गैरकानूनी और आपराधिक कार्रवाई करार दिया है। लिहाजा इसके दोषियों को कठोर सजा मिलनी ही चाहिए। उन्होंने कहा कि लेकिन संघ-भाजपा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बहाने विध्वंस को वैधता प्रदान करने और केंद्र सरकार फैसले में निहित इस महत्वपूर्ण बात को दबा देने की कोशिश में लगी है।
माले नेता ने कहा कि 27 साल बाद भी बाबरी मस्जिद विध्वंस के अपराधियों को सजा नहीं मिल पायी है। यह बहुत लम्बा अंतराल है। जिन सैकड़ों परिवारों ने बाबरी विध्वंस के बाद हुए अनेकों दंगों में अपने चहेतों को हमेशा के लिए खो दिया और जो लाखों परिवार आज भी उन दंगों के दंश से उबर नहीं पाये हैं, उनके लिए तो यह एक अनंत त्रासदी की तरह है ही। हमारे समाज की गंगा-जमुनी संस्कृति व सामाजिक सौहार्द के लिए भी जरूरी है कि सत्य और न्याय की जीत हो।
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राज्य सचिव ने कहा कि विध्वंस के आरोपियों के खिलाफ मुकदमा सीबीआई की लखनऊ की विशेष अदालत में चल रहा है।
उन्होंने न्यायहित में अपील की कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुरूप बाबरी मस्जिद विध्वंस के अपराधियों को सजा सुनाने में देरी नहीं करनी चाहिये.
माले नेता ने कहा कि यह पूरा देश जानता है कि बाबरी मस्जिद गिराने के आपराधिक कृत्य में कौन-कौन शामिल थे। इस कृत्य से भारत के लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष स्वरूप पर हमला किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसे भी बहुत से नाम हैं जो उक्त मुकदमे की चार्जशीट में शामिल नहीं हैं, लेकिन ऐसे व्यक्ति खुद कर्इ बार स्वयं सार्वजनिक रूप से बता चुके हैं कि वे भी बाबरी मस्जिद गिराने में शामिल थे।
माले नेता ने कहा कि ऐसे सभी व्यक्तियों को भी सजा का भागीदार होना चाहिए। जैसे कि भाजपा सांसद साक्षी महाराज इस मुकदमे में नामजद अभियुक्त हैं, वहीं नाथूराम गोडसे की पूजा करने वाली सांसद प्रज्ञा ठाकुर सावर्जनिक रूप से खुद बताती रही हैं कि बाबरी मस्जिद को गिराने में वह शामिल थीं। न्याय के हित में इन दोनों सांसदों को तत्काल संसद से बर्खास्त किया जाना चाहिए।