Dear Congress this is suicidal! Sonia ji, these Sibal, Khurshid will destroy Congress
यह आत्मघाती है डियर कांग्रेस !
कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने, जो वकील भी हैं, यह कहना शुरू किया है कि यदि सुप्रीम कोर्ट ने सीएए को संवैधानिक कह दिया (If the Supreme Court called the CAA constitutional) तो कांग्रेस उसका विरोध नहीं करेगी। वे यह भी कह रहे हैं कि ऐसी स्थिति में केरल और पंजाब विधानसभाओं के प्रस्तावों का कोई अर्थ नहीं रह जायेगा। यह कांग्रेस का आत्मघाती विचलन है (This is the suicidal subversion of Congress)। यह कांग्रेस की जनपक्षधरता को सीमित करने वाली कवायद है।
कोई बात कानूनी है इसीलिए वह मानने योग्य हो जाती तो महात्मा गांधी नमक सत्याग्रह के लिए दांडी यात्रा (Dandi March for Salt Satyagraha) कभी न करते।
हर दौर में सत्ताओं के कानून उस वक्त की कानून निर्माण की प्रक्रिया (Law making process) के अनुरूप होते हैं। नई क्रांतिकारी शक्तियां उन्हें अस्वीकार करते हुए ही आगे बढ़ती हैं।
कांग्रेस को कहना चाहिए था कि कांग्रेस इस कानून को गलत मानती है, इसे एनआरसी की ओर एक कदम मानती है, जो सरकार का जनद्रोही फैसला है इसलिए अगर कोर्ट इसे संवैधानिक करार दे भी दे तो कांग्रेस इसका विरोध करेगी और सत्ता में आई तो इसे वापिस लेगी।

एक वक्त दुनिया के कुछ हिस्सों में रंगभेद, दास प्रथा, स्त्रियों और दलित जातियों की अनधिकार स्थिति कानूनी थे। वे अन्यायपूर्ण ही थे। इस अन्याय को समाप्त करने के लिए कानूनों को बदलने या उन सत्ताओं को हटाने के आंदोलन क्या इसलिए नहीं किये जाने चाहिए थे कि उन कानूनों को उनकी अदालतें मानती और मनवाती थीं ?
सोनिया गांधी जी की विपक्ष के साथ बैठक और खुद कांग्रेस के अपने प्रस्तावों से परे जाने वाले कांग्रेसी नेताओं को कांग्रेस कहें कि वे राज्य सत्ता के सभी अंगों – विधायिका, कार्य पालिका और न्यायपालिका – द्वारा लोकतंत्र को बहुसंख्यकवाद में बदलने की हर कोशिश को अस्वीकार करें।
मधुवन दत्त चतुर्वेदी
लेखक वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। वह हस्तक्षेप के कानूनी सलाहकार भी हैं।
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