बैरियाट्रिक सर्जरी : सर्जरी में देर करने से बढ़ता है खतरा

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hastakshep
04 Dec 2020
बैरियाट्रिक सर्जरी : सर्जरी में देर करने से बढ़ता है खतरा

बैरियाट्रिक सर्जरी- सर्जरी में देर करने से बढ़ता है कोविड का खतरा

COVID-19 safety info: Delaying bariatric and metabolic surgery during COVID-19 pandemic puts patients at risk, experts warn

नई दिल्ली, 04 दिसंबर 2020 : कोविड-19 की महामारी ने हेल्थकेयर सिस्टम की कार्यप्रणाली को गंभीर रूप से प्रभावित किया है (COVID-19 epidemic severely affects healthcare system functioning)। लोग संक्रमण के डर से बैरियाट्रिक सर्जरी को लगातार टाल रहे हैं। इसके चलते मोटापे से ग्रस्त मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बैरियाट्रिक सर्जरी न सिर्फ मोटापा बल्कि कोविड के खतरे को बढ़ाने वाली सभी संबंधित बीमारियों से निजात पाने में मदद करती है।

Obese patients are more at risk of obesity than patients with cancer or lung cancer

यह जानकारी देते हुए एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी ग्रॉसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, कैंसर या फेफड़ों के कैंसर के मरीजों की तुलना में मोटापे से ग्रस्त मरीजों में कोविड का खतरा ज्यादा है। भारतीयों में भी इसका बहुत ज्यादा खतरा है।

Read all about Bariatric Surgery side effects, risks, & complications, | In obese people, the consequences of COVID can be fatal.

साकेत स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के मेटाबॉलिक और बैरियाट्रिक सर्जरी के चेयरमैन, डॉक्टर प्रदीप चौबे ने एक विज्ञप्ति में बताया कि,

“बैरियाट्रिक मरीज दूसरे मरीजों की तुलना में अधिक खास हैं क्योंकि उनमें हाइपरटेंशन, टाइप-2 डायबिटीज, कार्डियोवस्कुलर डिजीज़ और सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बहुत ज्यादा होता है। मोटापे से ग्रस्त लोग जब कोविड कि चपेट में आते हैं, तो उनका शरीर अन्य मरीजों की तुलना में गंभीर प्रतिक्रिया देता है। ऐसे में उनके फेफड़ों में सूजन और जलन की शिकायत होती है। मोटे लोगों में कोविड के परिणाम घातक हो सकते हैं। इस गंभीर स्थिति में ऐसे मरीजों को प्रार्थमिकता देना सर्जनों की जिम्मेदारी बनती है।

Risk of disease progression from delayed operations

डॉक्टर चौबे ने आगे कहा,

“बैरियाट्रिक और मेटोबॉलिक सर्जरी से वजन और कार्डियोवस्कुलर जोखिम कम हो जाता है, डायबिटीज नियंत्रण में रहती है और जीवन बेहतर हो जाता है। सर्जरी में देर करने से मोटे लोगों में कोविड का खतरा बढ़ता है। यह साबित हो चुका है कि मेटाबॉलिक सर्जरी की मदद से टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त मोटे लोगों का जीवन बचाना संभव है।”

Misconceptions about getting rid of obesity | मोटापे से छुटकारा पाने के बारे में गलत धारणाएं

विज्ञप्ति के अनुसार बैरियाट्रिक सर्जरी मोटापे से निजात पाने का आखरी तरीका है, यह एक गलतफहमी है। नॉन सर्जिकल उपचारों की तुलना में बेरियाट्रिक और मेटाबॉलिक सर्जरी के फायदे (Benefits of bariatric and metabolic surgery) लंबे समय के लिए होते हैं।

टेक्नोलॉजी में आधुनिकता के साथ, मरीज अपने वजन और संबंधित बीमारियों के प्रबंधन के लिए विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन मंचों का भी सहारा ले सकते हैं। ऑनलाइन सोशल सपोर्ट ग्रुप और टेलीमेडिसिन के साथ हेल्थकेयर सेक्टर में एक बड़ा बदलाव आया है।

The health of obese people is further deteriorated due to the lockdown. | लॉकडाउन के कारण मोटापे से ग्रस्त लोगों का स्वास्थ्य और बिगड़ा है।

डॉक्टर प्रदीप चौबे (Dr. Pradeep Chowbey is Bariatric surgeon in Delhi) ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि,

“सामाजिक दूरी बनाने के लिए लोगों ने अपना ज्यादातर वक्त घर में गुज़ारा है। इस दौरान खराब आहार और शारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण मोटापे से ग्रस्त लोगों का स्वास्थ्य और बिगड़ा है। आने वाले कुछ महीनों में कोविड-19 का असर तो कम हो जाएगा, लेकिन वर्तमान में यह मोटापा और संबंधित बीमारियों को बढ़ावा दे रहा है। लोग भविष्य की इस महामारी को देख नहीं पा रहे हैं, जिसके परिणाम बेशक सबको हिलाकर रख देने वाले होंगे। इसलिए मोटापे से ग्रस्त मरीजों के लिए सलाह है कि बैरियाट्रिक सर्जरी में देर न करें क्योंकि यह न सिर्फ वजन को कम करती है बल्कि संबंधित सभी बीमारियों से छुटकारा पाने में मदद करती है।”

Make health a priority in every situation

डॉक्टर चौबे ने कहा हर स्थिति में स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। अपने शरीर से जुड़ी समस्याओं (डायबिटीज, मोटापा, उच्च रक्तचाप आदि) के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है। स्वस्थ और सुखी जीवन के लिए शरीर की प्रणाली को संतुलित बनाए रखने के साथ समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। अपना जीवन आज ही बदलें, बिना देर किए अभी कदम उठाएं।

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