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Delhi violence: CJI Desperate, said- the court cannot stop this, we feel a kind of pressure
नई दिल्ली 02 मार्च 2020 : दिल्ली हिंसा का मामला अब सर्वोच्च न्यायालय पहुंच गया है। सोमवार को शीर्ष अदालत में पिछले दिनों हुई हिंसा और भड़ाकाऊ भाषण को लेकर एक पीआईएएल (जनहित याचिका) दाखिल गई है। याचिका पर सुनवाई से पहले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस एसए बोबड़े ने तल्ख लहजे में बड़ी टिप्पणी की है।
निजी समाचार चैनल टीवी9 भारतवर्ष की एक खबर के मुताबिक भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief justice of India-CJI) एसए बोवड़े ने कहा,
“हम यह नहीं कह रहे हैं कि लोगों को मरना चाहिए, लेकिन इस तरह का दबाव कोर्ट नहीं संभाल सकता। यह उम्मीदें होती हैं कि यह अदालत दंगा रोक सकती है। हम केवल एक बार कुछ हो जाने के बाद ही कुछ कर सकते हैं। हम पर एक तरह का दबाव महसूस होता है।”
विद्वान न्यायमूर्ति एसए बोवड़े ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे कि अदालत जिम्मेदार है। हम अखबारों को भी पढ़ते हैं, हम इस मामले को सुनेंगे, लेकिन यह समझना होगा कि अदालत घटना के बाद आती है। कोर्ट इसे रोक नहीं सकता। हम शांति की अपील करते हैं लेकिन हम जानते हैं कि हमारी शक्तियों की सीमाएं हैं।
इसके अलावा माकपा नेता वृंदा करात ने भाजपा नेताओं अनुराग ठाकुर और परवेश वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका दाखिल की थी।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट 23 अप्रैल को सुनवाई करेगी. भाजपा नेताओं के खिलाफ दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान हेट स्पीच देने के मामले की शिकायत की है।
क्या है हेट स्पीच मामला What is hate speech
अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा समेत अन्य के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने कि मांग सीजेआई के समक्ष मेंशन की गई हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंसॉलविस ने कल सुनवाई कि मांग की है। उन्होंने कहा कि रोजाना 10 लोग मर रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा हाईकोर्ट इस मामले पर सुनवाई कर रहा है. सीजेआई ने कहा कि हम शांति चाहते हैं. अब बुधवार को होगी सुनवाई.
वृंदा करात ने की शिकायत
माकपा नेता वृंदा करात दवारा भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ हेट स्पीच देने पर मुकदमा दर्ज करने की याचिका पर रॉउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई टली. कोर्ट 23 अप्रैल को सुनवाई करेगा.
क्या कहा करात ने
दरअसल वृंदा करात ने स्पेशल MP/ MLA में याचिका दाखिल कर कहा था कि दिल्ली चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेताओं ने शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए, इसके बाद वहां गोलियां चलीं।
करात की मांग है कि हेट स्पीच देने के लिए इन सांसदों और नेताओं के खिलाफ पुलिस मुकदमा दर्ज करें, कोर्ट आज इसी पर फैसला सुनाने वाली थी।