Delhi violence: Congress sitting on dharna, demands resignation of home minister, Lok Sabha adjourned after ruckus
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सत्र शुरू होते ही दिल्ली हिंसा पर विपक्ष के हंगामे को देखकर स्पीकर ओम बिरला ने बिहार के बाल्मीकि नगर क्षेत्र से सांसद बैजनाथ महतो को श्रद्धांजलि देने के बाद लोकसभा को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.
नई दिल्ली, 02 मार्च 2020. संसद के बजट सत्र का दूसरा भाग (Second part of the budget session of Parliament) आज सोमवार को शुरू होते ही हंगामे की भेंट चढ़ गया। सत्र के प्रारम्भ होते ही दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा को लेकर विपक्ष का हंगामा शुरू हो गया। हालात को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बिहार के बाल्मीकि नगर क्षेत्र से सांसद बैजनाथ महतो को श्रद्धांजलि देने के बाद लोकसभा को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
दिल्ली में तो स्थिति सामान्य होने लगी है, पर संसद सत्र में राजनीति गरमाने लगी है
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कांग्रेस की ओर से सदन में दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराने की मांग की गई। संसद परिसर में कांग्रेस ने धरना प्रदर्शन किया और गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग (demand of Home minister Amit Shah's resignation) की।
कांग्रेस ने कहा है कि पिछले सप्ताह दिल्ली में हुई हिंसा में 46 लोगों की जान चली गई और 200 से अधिक घायल हो गए। एचएम को अपनी विफलताओं की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देना चाहिए।
इससे पहले भी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की थी। ऐसे में सत्र की शुरुआत में यही मुद्दा छाए रहने की संभावना साकार हो गई। हालांकि अमित शाह के इस्तीफे की मांग पर कांग्रेस को किन-किन दलों का साथ मिलेगा यह कहना अभी मुश्किल है।
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विपक्ष मोदी सरकार से नागरिकता संशोधन कानून और एनपीआर में बदलाव करने की मांग करेगा, हालांकि सरकार के रुख से साफ है कि विपक्ष के आक्रमण के सामने वह झुकने वाली नहीं है भले ही देश झुक जाए।
सीएए वापसी की मांग खारिज कर चुके हैं प्रधानमंत्री मोदी
सदन के शुरू होने से पहले राजद के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने साफ-साफ कहा कि ऐसी घटनाओं पर संसद मूकदर्शक बनी नहीं रह सकती है। हम मिलजुलकर अपनी आवाज उठाएंगे।
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इस मसले पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल पहले ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन देकर अपना विरोध जता चुके हैं। सरकार भी विपक्ष के आक्रमण का जवाब देने की रणनीति तैयार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पहले ही कई बार नागरिकता कानून को वापस लेने की मांग को पूरी तरह खारिज कर चुके हैं।
46 people lost their lives and over 200 have been injured in the violence that engulfed Delhi last week. The HM must take responsibility for his failures and resign with immediate effect. #इस्तीफा_दो_AmitShahpic.twitter.com/PCN6xhoqOD