नई दिल्ली, 14 मार्च 2021. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Samajwadi Party President Akhilesh Yadav) ने साल भर से जेल में बंद सांसद आजम खां के समर्थन में हाल ही में रामपुर में साइकिल यात्रा निकाली थी और मुरादाबाद में मीडियाकर्मियों से उनकी झड़प हुई थी। अकसर अखिलेश यादव आजम खां से संबंधित सवाल पूछने पर पत्रकारों पर भड़क जाते हैं। लेकिन अब सोशल मीडिया पर तमाम चर्चाएं चल रही हैं।
इन चर्चाओं के बीच फेसबुक पर Ramkrishna Mishra (डॉ रामकृष्ण मिश्र) ने एक लंबी पोस्ट लिखी है। इस पोस्ट में उन्होंने सवाल उठाया है कि एक साल तक अखिलेश यादव अपनी पार्टी के कद्दावर नेता से मिलने जेल क्यों नहीं गए ?
इसका जवाब भी Ramkrishna Mishra (डॉ रामकृष्ण मिश्र) ने दिया है। पढ़ें उनकी असंपादित फेसबुक पोस्ट –
“*रामगोपाल को बचाने के लिए चढ़ाई गई आज़म खान की बलि*
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद से ही रामपुर के कद्दावर नेता आज़म ख़ान और उनके परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया।
आज़म ख़ान साहब पर आज की तारीख में सौ से ज़्यादा मुकदमे लगे हैं।
योगी आदित्यनाथ आज़म ख़ान से दुश्मनी मानते हैं और उनके ही डर से 2007 में संसद में रो भी चुके हैं।
इसी का बदला योगी आज़म ख़ान से ले रहे हैं।
आज़म ख़ान पर कार्रवाई कट्टर हिंदुत्ववादी वोटर को लुभाने का भी काम करती है।
लेकिन सवाल ये है कि एक साल तक अखिलेश यादव अपनी पार्टी के कद्दावर नेता से मिलने जेल क्यों नहीं गए ?
क्यों उनकी समाजवादी पार्टी ने आज़म ख़ान के लिए आन्दोलन नहीं किया ?
जवाब है उनके चाचा प्रोफेसर रामगोपाल यादव और यादव सिंह मामला।
सपा सरकार जाने के बाद नोएडा का हज़ारों करोड़ का बहुचर्चित यादव सिंह घोटाला सामने आया।
इस घोटाले में अखिलेश के चाचा और राज्य सभा सांसद प्रो. रामगोपाल यादव, उनके बेटे और बहू का नाम खुलकर सामने आया।
उत्तर प्रदेश की राजनीति के जानकार वाकिफ हैं कि इस घोटाले में यादव परिवार का मोटा पैसा लगा हुआ था।
साथ ही यादव परिवार पर आय से ज़्यादा संपत्ति का मामला भी चल रहा था।
ऐसे में अखिलेश यादव के पास मौका था कि परिवार और चाचा को लंबे समय तक जेल जाने से बचा लें।
इसीलिए प्रो. रामगोपाल ने भाजपा के साथ सौदा कर अपने परिवार को बचा लिया और अखिलेश यादव ने बदले में आज़म ख़ान पर चुप्पी साध ली।
आज़म ख़ान को किताबें चोरी करने जैसा उलजुलुल मुकदमों में फंसा कर चाचा रामगोपाल का हज़ारों करोड़ का घोटाला दब गया।
अब मुस्लिम समाज द्वारा कड़ी निंदा और कांग्रेस पार्टी को ज़मीन खिसक जाने के डर से अखिलेश जी आज़म ख़ान के लिए साइकिल चला रहे हैं।
लेकिन जनता जानती है कि साइकिल आज़म ख़ान के लिए नहीं, सत्ता के लिए चल रही है।
आज़म साहब को तो अखिलेश यादव बलि का बकरा बना ही चुके हैं।“
*रामगोपाल को बचाने के लिए चढ़ाई गई आज़म खान की बलि* उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद से ही रामपुर के कद्दावर…
Posted by Ramkrishna Mishra on Sunday, March 14, 2021