सुनो मामा और मामू! दहाड़ते नहीं Purr Purr करते हैं..चीते

Guest writer
17 Sep 2022
सुनो मामा और मामू! दहाड़ते नहीं Purr Purr करते हैं..चीते सुनो मामा और मामू! दहाड़ते नहीं Purr Purr करते हैं..चीते

जानिए भारत में चीता कब विलुप्त घोषित हुआ

सन 2009 में UPA सरकार ने शुरू किया प्रोजेक्ट

मप्र के कूनो (श्योपुर) के जंगलों में नामीबिया से आने वाले चीते छोड़े जा रहे हैं। अपने जन्म दिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन चीतों को जंगल में छोड़ेंगे।

इस बीच भाजपा ने एक पोस्टर जारी किया जिसमें दावा किया गया है कि 'फिर सुनाई देगी चीतों की दहाड़।' तमाम चैनल और अखबार भी चीतों की दहाड़ का राग अलाप रहे हैं।

क्या चीता दहाड़ता है? आइए सच्चाई जानते हैं...

सच ये है कि चीता कभी दहाड़ता नहीं है। वह सिर्फ घुरघुराता (गुर्राना नहीं) है। अंग्रेजी में उसके इस स्वर को Purr कहते हैं यानी उसके आवाज करने को Purring कहा जाता है।

चीता मूलतः बिल्ली की प्रजाति का जानवर है।

चीता के घुराघुराने को 'म्याऊं' करना भी माना जाता है। इसलिए यह कहना हास्यास्पद है कि चीते दहाड़ेंगे।

मप्र से ही विलुप्त हुए चीते, यहीं से पुनर्वास...

भारत में चीतों को विलुप्त हुए आधी सदी से ज्यादा हो गया है। यह प्रजाति मप्र में ही अंतिम तौर पर मौजूद थी और अब यहीं से उसका पुनर्वास हो रहा है।

अविभाजित मप्र में कोरिया के तत्कालीन महाराजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने 1947 में जिन तीन चीतों का शिकार किया था वे देश में अंतिम चीते थे। उसके बाद 1952 में भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से चीतों के विलुप्त होने की घोषणा की थी।

मुग़ल काल में भारत में चीते बहुतायत से पाए जाते थे, लेकिन लगातार शिकार होने से इनकी संख्या घटती गई। बीसवीं सदी के दूसरे दशक से पांचवे दशक तक तत्कालीन राजे रजवाड़ों ने अफ्रीका से चीते आयात भी करवाए थे।

चीते लाने के लिए यूपीए सरकार ने की थी पहल...

https://twitter.com/Jairam_Ramesh/status/1570625321803870208

अब कूनो के जंगलों में जिन चीतों को छोड़ा जा रहा है उनको लाने की पहल 2009 में यूपीए सरकार ने की थी। अफ्रीकन चीतों को लाने के प्रस्ताव को 2010 में डॉ मनमोहन सिंह की सरकार ने मंजूरी दी थी।

तत्कालीन वन, पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश  स्वयं इस मिशन पर अफ्रीका गए थे और चीता देखा था।

इसके बाद 2011 में 50 करोड़ रु. चीता के लिए आवंटित हुए, लेकिन अगले साल सुप्रीम कोर्ट से प्रोजेक्ट चीता पर रोक लग गई। अंततः 2019 में सुप्रीम कोर्ट से रोक हटी और चीतों के आने का रास्ता साफ हुआ।

https://twitter.com/Pawankhera/status/1570629247768866818

डॉ राकेश पाठक

dr rakesh pathak
डॉ राकेश पाठक, वरिष्ठ पत्रकार

2024 में बनने जा रही है महागठबंधन सरकार ! Rahul gandhi bharat jodo yatra | nitish kumar #hastakshep

Web title : Do not roar, do Purr Purr..cheetahs

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